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‘भाईगिरी’ की वजह से विकास की हत्या

हत्या करने वाले भी निकले ‘नाबालिग’

* दो आरोपियों को पुलिस ने पकडा, एक फरार
* पालकों की लापरवाही से बनते है बाल अपराधी
अमरावती/ दि.13- नाबालिग विकास गायकवाड हत्या के मामले में गाडगे नगर पुलिस ने अर्जुन नगर परिसर में जाल बिछाकर दो नाबालिग आरोपियों को कब्जे में लिया है और एक हमलावर फरार है. उसकी पुलिस तलाश कर रही है. विकास की हत्या ‘भाईगिरी’ करने के चक्कर में की गई. यह बात पुलिस की तहकीकात में उजागर हुई है. पालकों की लापरवाही के कारण ही नाबालिग बच्चे अपराध जगत की ओर बढने लगते है.
भीम नगर निवासी 17 वर्षीय विकास शंकरराव गायकवाड की सोमवार की शाम अज्ञात लोगों ने हत्या कर डाली थी. पुलिस ने तेजी से तहकीकात शुुरु की. विकास पर जनवरी माह में कुछ लोगों ने हमला किया था. उनसे पुलिस ने पूछताछ की और घटनास्थल के सीसीटीवी फूटेज भी खंगाले, मगर इसमें पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं लगा. आखिर विकास के मित्र और शत्रू कौन है, यह बात पुलिस ने खंगालना शुरु किया. इस दौरान सोलंखे नामक युवक को पुलिस ने उठाया. उससे कडी पूछताछ की. तब विकास के तीनों हत्यारों के नाम पुलिस के सामने आये. मगर वह तीनों शहर से फरार हो चुके थे. मंगलवार को दो हत्यारे अर्जुन नगर परिसर में आ रहे है, ऐसी गुप्त सूचना पुलिस को प्राप्त हुई. उसके आधार पर पुलिस ने अर्जुन नगर परिसर में जाल बिछाया. जैसे ही दोनों नाबालिग हत्यारे अर्जुन नगर में पहुंचे. ऐसे ही पहले से घात लगाकर बैठी पुलिस ने दोनों को धरदबोचा. दोनों बाल अपराधियों ने विकास भाईगिरी कर रहा था, इस वजह से उसका ठपका डाला, ऐसा पुलिस को बताया.
पुलिस ने दोनों नाबालिक आरोपियों को कब्जे में लेने के बाद बाल सुधारगृह रवाना किया. यह कार्रवाई पुलिस उपायुक्त एम. एम. मकानदार, सहायक पुलिस आयुक्त पूनम पाटील के मार्गदर्शन में थानेदार आसाराम चोरमले, एपीआई महेश इंगोले समेत पुलिस कर्मचारी निलकंठ गवई, गणेश तंवर, इशा खांडे, आस्तिक देशमुख, गजानन बरडे, राजे देविकर, सुशांत प्रधान, उमेश बोपटे, मोहम्मद इलियास, सचिन बोरकर, सागर धरमकर, संदीप चव्हाण के दल ने की है.

एक हत्यारे के माता-पिता पुलिस कर्मचारी
विकास गायकवाड की हत्या के मामले में गाडगे नगर पुलिस ने दो नाबालिग आरोपियों को गिरफ्तार किया. उसमें से एक नाबालिग हत्यारे के माता-पिता पुलिस विभाग में कार्यरत होने की जानकारी मिली है. माता-पिता दोनों रातदिन जनता की सेवा में रहते है, ऐसे में उनका बेटा घर में अकेले रहता था. उसकी ओर दोनों का विशेष ध्यान नहीं था. जब पुलिस ने बेटे को गिरफ्तार किया, तब माता-पिता के पैरोंतले जमीन खिसक गई.

हमलावर कक्षा 8 वीं तक विकास के साथ में पढे
विकास गायकवाड व दोनों हमलावर कक्षा 8 वीं तक एक ही स्कूल में साथ में पढे. उनकी अच्छी दोस्ती थी. विकास 10 वीं के बाद कॉलेज में चला गया और दोनों ने पढाई छोड दी. फिर भी वे हमेशा मिलते थे. विकास हमेशा केसरबाई लाहोटी कॉलेज के सामने बैठता था और वहीं से भाईगिरी करता था. दोनों दोस्तों को भी दबाव में रखता था. चार-पांच दिन पहले विकास ने उसमें से एक को मारा था. इसके कारण वे दोनों ने एक अन्य मित्र को साथ में लेकर विकास पर हमला करने से पहले सोलंखे को बताया था. उसके बाद तीनों से सोमवार की शाम विकास गायकवाड का गेम बजा डाला.

शहर में 71 बाल अपराधियों के नाम दर्ज
पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र में 71 बाल अपराधपियों के नाम पुलिस थानों में दर्ज हैं. वर्ष 2014 से 2015 में सेवानिवृत्त जेलर की हत्या की गई थी. उस मामले में भी बाल अपराधी ने हत्या की ऐसी बात सामने आयी थी. तब से शहर पुलिस ने बाल अपराधियों की सूची तैयार की. उस समय 149 बाल अपराधी होने की बात सामने आयी थी. शहर पुलिस हर वर्ष बाल अपराधियों की सूची तैयार करती है. पिछले वर्ष शहर में 53 बाल अपराधी होने की बात दर्ज है. चालू वर्ष में 18, ऐसे कुल 71 बाल अपराधी सक्रीय होने का उल्लेख पुलिस थाने में किया गया है. पुलिस ने केवल प्रापर्टी के अपराध में बाल अपराधियों की सूची तेैयार की है, परंतु मारपीट के अपराधों में भी बाल अपराधियों की संख्या बढती हुई दिखाई दे रही हैं.

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