विखे पाटिल हैं, ‘बिके हुए पाटिल’
‘उस’ बयान पर प्रहार का जबरदस्त पलटवार

* विखे पाटिल को सत्ता के लिए बताया लाचार
अमरावती/दि.16 – किसानों की संपूर्ण कर्जमाफी सहित अन्य कुछ मांगों के लिए प्रहार जनशक्ति पार्टी के मुखिया व पूर्व मंत्री बच्चू कडू द्वारा विगत सप्ताह ही पूरे सात दिनों तक आमरण अनशन किया गया. जिसके बारे में भाजपा नेता व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि, बच्चू कडू का अनशन प्रचार व प्रसार के लिए है और संभवत: विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद बच्चू कडू खुद को चर्चा में बनाए रखने के लिए अनशन कर रहे है. इस बयान पर पलटवार करते हुए प्रहार के प्रवक्ता एड. मनोज टेकाडे ने विखे पाटिल को ‘बिके हुए पाटिल’ बताते हुए कहा कि, सत्ता के लिए बार-बार दल बदलते हुए चाटुगिरी और लाचारी दिखानेवाले राधाकृष्ण विखे पाटिल ने अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए.
प्रहार प्रवक्ता एड. मनोज टेकाडे ने एक वीडियो जारी करते हुए बताया कि, अगर प्रसिद्धी के लिए अनशन करना इतनाही आसान है तो राधाकृष्ण विखे पाटिल ने चुनाव हार चुके अपने बेटे को भी सात दिन तक अनशन पर बिठाना चाहिए. साथ ही एड. टेकाडे ने कहा कि, यदि किसानों द्वारा गन्ना नहीं उगाया गया होता, तो विखे पाटिल का शक्कर कारखाना भी खडा नहीं हुआ होता. विखे पाटिल के दादा व पिता द्वारा स्थापित शक्कर कारखाने को खडा करने हेतु किसान परिवारों ने पैसे के साथ ही अपने आभूषण भी दिए थे. जिसके दम पर आज विखे पाटिल का परिवार वैभवशाली हुआ है. लेकिन वे किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे पर ही स्तर हीन टिप्पणी कर रहे है. ऐसे में राधाकृष्ण विखे पाटिल ने उनके पिता विठ्ठलराव विखे पाटिल की ‘सहकार धुरिण’ नामक किताब पढ लेना चाहिए. साथ ही शिवसेना, कांग्रेस व भाजपा जैसे अलग-अलग दलों में रहनेवाले राधाकृष्ण विखे पाटिल ने सत्ता के लिए चाटुगिरी व लाचारी को छोडकर किसानों के पक्ष में खडे रहना चाहिए.