अमरावती

85 दिनों से विनोद शिवकुमार जेल में ही

दीपाली चव्हाण आत्महत्या मामला

  • जिला न्यायालय ने जमानत खारीज की

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२५ – हरिसाल स्थित वन परिक्षेत्र अधिकारी दीपाली चव्हाण आत्महत्या मामले में मुख्य आरोपी निलंबित उपवन संरक्षक विनोद शिवकुमार यह 85 दिनों से जेल में ही कैद है. उसकी हाल ही में अचलपुर जिला सत्र न्यायालय ने जमानत खारीज की है.
विनोद शिवकुमार यहां के मध्यवर्ती जेल में 1 अप्रैल से न्यायालय के आदेश पर कैद है. जेल में आने से पहले उसकी एन्टीजन टेस्ट की गई. शुरुआत में 15 दिन अस्थायी जेल में मुकाम और उसके बाद मध्यवर्ती जेल के स्वतंत्र बैरेक में उसे रखा गया है. संयुक्त कैदियों के साथ विनोद शिवकुमार को न रखे, इस तरह की पुलिस की खुफिया रिपोर्ट थी. उसके अनुसार जेल प्रशासन ने अमल किया है.
1 अप्रैल से 24 जून के बीच पिछले 85 दिनों से विनोद शिवकुमार यह जेल में है. बीच में मुंबई हाईकोर्ट के नागपुर खंडपीठ ने विनोद शिवकुमार की जमानत अर्जी खारीज करते हुये जिला सत्र न्यायालय में जाने के आदेश दिये थे. उसके बाद वकीलों व्दारा अचलपुर जिला सत्र न्यायालय में जमानत के लिए अर्जी पेश की गई. किंतु यह जमानत की अर्जी खारीज की गई. अब विनोद शिवकुमार को जमानत के लिए फिर हाईकोर्ट में जाना पडेगा, यह सच्चाई है. विनोद शिवकुमार यह आईएफएस अधिकारी है. किंतु 85 दिनों से जमानत के अभाव में वह सलाखों के पीछे है. अब विनोद शिवकुमार की जमानत पर सभी की नजरे लगी है.

  • ना किसी से भेंट, ना किसी से संवाद

विनोद शिवकुमार यह पिछले 85 दिनों से जेल में कैद है. कोरोना नियमों की शर्तों से किसी भी कैदी को ना रिश्तेदार के साथ सीधे संवाद साधते आता है, यही नियमावली विनोद को भी लागू है. दो बार जमानत के लिए वकील पत्र पर हस्ताक्षर लेने हेतू कार्यालय में बुलाया गया था. किंतु अब तक उसे ना रिश्तेदार, मित्र अथवा परिजनों का चेहरा भी देखने नहीं मिला है. नियम के अनुसार जेल के फोन से सप्ताह में एक बार रिश्तेदारों के साथ उसकी बातचित होती है.

 

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