विनोद वेरुलकर बैठे सहपरिवार अनसन पर
श्री शिवाजी शिक्षण संस्था के विरोध में नांदुरा में शुरु किया आमरण उपोषण
अमरावती/ दि. 03-श्रीशिवाजी शिक्षण संस्था के पूर्व अध्यक्ष व्दारा नौकरी पर रखने के लिए आवेदनकर्ता को 2013 में लाखों रुपये संस्था की इमारत निधी के नाम पर ऐठा गया. मगर नौकरी देने के बावजूद भी पगार नहीं दिया गया. वापस नौकरी से निकाल देने के बाद निवेदनकर्ता वेरुलकर को रुपये वापस नहीं किए गए. जिसके बाद विनोद वेरुलकर ने पंचवटी चौक स्थित श्री शिवाजी शिक्षण संस्था के मुख्य व्दार पर अपने परिवार सहित भुख हड़ताल पर बैठ कर नौकरी पर लगाने व रुपये वापस करने की मांग के साथ भुख हड़ताल प्रारंभ की.
निवेदनकर्ता के अनुसार 2013 में संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष अरुण शेलके, उपाध्यक्ष महादेवराव भुईभार, सचिव भांबुरकर ने नांदुरा में विनोद वेरूलकर को नौकरी लगाने का लालच देकर लगभग दस लाख रुपये संस्था की इमरात निधी के नाम पर ऐठ लिए थे. मगर 2013 से नौकरी का लालच देकर वेरुलकर की भटकाया गया. 2013 से 2017 तक श्री शिवाजी शिक्षण संस्था द्वारा संचालित श्री शिवाजी हायस्कूल नांदुरा में वेरुलकर ने अपनी सेवा भी दी थी. मगर उन्हें किसी तरह का मानधान नहीं मिला था. वर्तमान अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख ने भी समय समय पर नौकरी लगा देगें. तुम्हारे बारे में पहले सोचा जाएगा.इस तरह का आश्वासन देकर घुमाया गया. अनेक बार पुछताछ करने पर भी आज तक वेरुलकर के रुपये वापस नहीं मिलने से सोमवार को वेरुलकर ने अपने परिवार के साथ अमरावती स्थित श्री शिवाजी शिक्षण संस्था मुख्य कार्यालय के सामने आमरण उपोषण शुरू कर दिया है. विनोद वेरुलकर बहुत ही गरीब परिवार के सदस्य होने के कारण कई बार भुखे रहकर उधारी कर संस्था को रुपये दिए. मगर आज तक उनको न्याय नहीं मिला है.जिसके कारण उन्होनें भुख हड़ताल का रास्ता चुना. वेरुलकर की हड़ताल को राष्ट्रधर्म युवामंच महाराष्ट्र राज्य सहित अनेक संगठनों ने समर्थन दिया है.