अमरावती-/दि.12 पिछले दो-तीन दिनों से जिले में कड़ी ठंड है. वातावारण के इस बदलाव के कारण शहर सहित ग्रामीण इलाकों में छोेटे बच्चों में वायरल इन्फेक्शन तेजी से बढ़ रहा है. इस कारण शासकीय व निजी दवाखानों में बाल मरीजों की भीड़ दिखाई देने लगी है. यह कड़ी ठंड का परिणाम है और बच्चों का ध्यान रखने की सलाह बच्चों के पालकों को दी जा रही है.
पिछले दो-तीन दिनों में पारा लुढ़कने से ठंड बढ़ी है. इस कारण छोटे बच्चे सर्दी, खांसी और बुखार की चपेट में आ गए हैं. जिन बच्चों की रोग प्रतिकारक शक्ति कम है, वह बार-बार बीमार पड़ते रहने की जानकारी विशेषज्ञों ने दी है. ऐसे वातावरण में बच्चों का ध्यान रखने की सलाह पालकों को विशेषज्ञों ने दी है. ऐसे वातावरण में बच्चों के स्वास्थ्य की तरफ विशेष ध्यान देने के साथ उनकी रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ाने के लिए बच्चों को सकस आहार देने की सलाह डॉक्टरों ने दी है. वातावरण के बदलाव के कारण सर्दी, खांसी के साथ दमा और निमोनिया मरीजों में भी वृद्धि होने की जानकारी डॉक्टरों ने दी. वातावरण बदलाव के कारण निर्माण हो रही समस्या और गोवर के कुछ लक्षण एक जैसे रहने से पालकों को बच्चों के स्वास्थ्य बाबत सतर्क रहने का आवाहन बाल रोग विशेषज्ञ की तरफ से किया गया है. विशेषकर जिन बच्चों में बुखार के साथ शरीर पर चट्टे दिखाई देते है, ऐसे बच्चों के बारे में वैद्यकीय सलाह लेकर डॉक्टरों के मार्गदर्शन में उपचार लेने कहा गया है.
शालेय बालकों में संक्रमण अधिक दिखाई दे रहा है. डायरिया, वायरल, डेंग्यु जैसे बुखार के मरीजों की अस्पतालों में भीड़ है. गोवर वायरल, डायरिया के मरीज पाये जाने से बच्चों में लक्षण दिखाई देने पर शाला में न भेजने की सलाह भी डॉक्टरों ने दी है.
ऐसे रखे सावधानी
* रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ाने के लिए बच्चों को सकस आहार दें.
* भरपूर पानी पीने कहे.
* बच्चों को पूरा विश्राम लेने दे
* बच्चे बीमार रहने पर उन्हें शाला में न भेेजे अथवा मास्क लगाकर भेजे.
* डॉक्टर की सलाह से समय पर औषधोपचार लें.
स्वास्थ्य के साथ आहार पर दें ध्यान
मौसम का बदलाव छोटे बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो रहा है. इस कारण उन्हें साफ सुथरे और पूरा शरीर ढंक सकें, ऐसे कपड़े पहनाये. उनके आहार और विहार पर पालक ध्यान दे.
– डॉ. श्रीनिकेत तिड़के, बाल रोग तज्ञ
डॉक्टरों की सलाह पर ही दवाई दें
छोटे बच्चों को परस्पर दवाई देने का जोखिम पालक न उठाये. डायरिया के कारण जुलाब होने पर ओआरएस को छोड़कर अन्य दवाई डॉक्टरों की सलाह के बिना न दें. ओआरएस लेेने से मरीज को फायदा होता है. शरीर के खनिज और पानी की कमी इससे पूर्ण होती है. इसके अलावा नमक और शक्कर का पानी लेने पर भी लाभ होता है. इससे कमजोरी कम होती है.