अमरावती

विशाखा समिती की बैठक ही नहीं हुई

भाजपा ने पत्रवार्ता में लगाया आरोप

  • कनिष्ठ अधिकारियों पर भी लाया गया दबाव

अमरावती/प्रतिनिधि दि.३० – मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के अपर मुख्य वन संरक्षक के कार्यालय में वर्ष 2009 से विशाखा समिती की एक भी बैठक नहीं हुई है. जबकि महिला अत्याचार रोकने हेतु सरकार द्वारा विशाखा समिती गठित करने और नियमित तौर पर विशाखा समिती की बैठक आयोजीत करने के स्पष्ट आदेश दिये गये है. जिनकी मुख्य वन संरक्षक द्वारा अनदेखी की गई है. साथ ही महिला वन कर्मियों की ओर से आनेवाली शिकायतों की जानकारी छिपाने हेतु कनिष्ठ अधिकारियों पर दबाव भी बनाया गया. ऐसा आरोप भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी व जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी द्वारा रविवार को बुलायी गयी पत्रकार परिषद में लगाया गया.
इस पत्रवार्ता में कहा गया कि, हरिसाल की वन परिक्षेत्र अधिकारी दीपाली चव्हाण की आत्महत्या के लिए उप वन संरक्षक विनोद शिवकुमार सहित अपर मुख्य वन संरक्षक एस.एम. रेड्डी भी जिम्मेदार है. ऐसे में इन दोनोें अधिकारियों को केवल निलंबित ही नहीं, बल्कि सेवा से निष्कासित भी किया जाना चाहिए. इस मामले में रेड्डी ने शिवकुमार पर दिखावे के लिए कार्रवाई की है. साथ ही रेड्डी का प्रभार किसी अन्य अधिकारी की ओर सौंपे जाने के बावजूद रेड्डी ने कुछ अधिकारियों के साथ मिलीभगत करते हुए उसी कार्यालय से अपने मनमुताबिक पत्र तैयार करवाकर वरिष्ठों को भेजा. यह एक तरह से सरकारी आदेश की खुली अवहेलना है. इसके साथ ही इस पत्रवार्ता में आरोप लगाया गया है कि, मेलघाट टाईगर फाउंडेशन के माध्यम से हुए अपहार व अनियमितता, एक ही ठेकेदार को सभी कामों का ठेका और इससे पहले शहादा में कार्यरत रहते समय बनाये गये तथा बाद में लापता हो गये सैंकडों किलोमीटर के रास्ते जैसे सभी मामले अब समाज के सामने लाये जायेंगे. इस पत्रकार परिषद में भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष बादल कुलकर्णी सहित प्रशांत शेगोकार भी उपस्थित थे.

  • खुद ही वाईरल किया पत्र

दिपाली चव्हाण आत्महत्या मामले में अपना कोई दोष नहीं है, यह दर्शाने हेतु श्रीनिवास रेड्डी ने काफी लिपापोती व उठापटक करने का प्रयास किया. जिसके तहत उन्होंने अपने पक्ष में एक पत्र लिखवाते हुए उसे खुद ही वायरल किया, ताकि लोगबाग उन्हें निर्दोष माने, ऐसा आरोप भाजपा जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी दिघडे ने लगाया है.

  • केंद्रीय वनमंत्री के पास शिकायत

इसके साथ ही जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी ने यह भी कहा कि, दीपाली चव्हाण आत्महत्या मामले की बेहद कडाई के साथ जांच हो, तथा दोषियों को कडी से कडी सजा मिले, इस हेतु केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर के पास शिकायत की गई है. पश्चात केंद्रीय मंत्री जावडेकर ने राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे को पत्र लिखा है, क्योेंकि इस समय राज्य का वन मंत्रालय मुख्यमंत्री ठाकरे के पास ही है..

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