* दूग्धाभिषेक और पेढ़े, केले, सकरकंद का भोग अर्पण
अमरावती/दि.29- महाराष्ट्र के आराध्य पंढरीनाथ अर्थात पांडूरंग विठ्ठल की आज आषाढ़ी एकादशी पर सर्वत्र विशेष पूजा-अर्चना, दूध अभिषेक और नाना प्रकार के व्यंजनों के भोग अर्पण किए गए. श्रद्धालुओं का उत्साह सुबह सवेरे से देखने मिला. शाम में देवालयों में और भी रेले उमड़ने की संभावना है. उत्साह सर्वत्र दिखाई दिया. गली-गली में जय हरी विठ्ठल, पांडुरंग विट्ठल, कानडा राजा पंढरीचा… की गूंज रही. वारकरियों के लिए दिवाली जैसा पर्व रहने से हर कोई उत्साहित, प्रफुल्लित, आल्हादित और भक्ति से भक्तिरस में तल्लीन नजर आया.
* अंबागेट के भीतर उत्सव
अंबागेट के भीतर स्थित विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर में आषाढ़ी एकादशी का पारंपरिक उत्सव की धूम है. यह शहर का कदाचित सर्वाधिक प्रसिद्ध विठ्ठल मंदिर है. यहां भाविकों की सवेरे से ही पांडुरंग के अमृत दर्शन करने भीड़ उमड़ी थी. सभी के लिए एकादशी व्रत को ध्यान में रखते हुए साबूदाना खिचड़ी प्रसादी रखी गई थी.
* पन्नालाल नगर, दहीसाथ में भाविक
पन्नालाल नगर के विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर में सवेरे विशेष अभिषेक रखा गया. वहीं दहीसाथ के पुराने विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर का सभागार भाविकों से पट गया था. इस कदर भीड़ उमड़ी. दर्शनार्थी भगवान के चरणों में नतमस्तक होने होड़ कर रहे थे. लगभग सभी देवालयों में दर्शनार्थियों के रेले उमड़े. बेशक महिला श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक थी.
* देशमुख, इंगोले, शेखावत ने किए दर्शन
पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख के हस्ते आरती की गई. इस समय पूर्व महापौर विलास इंगोले, कांग्रेस नेता बबलू शेखावत, मनोज भेले, शंकरराव हिंगासपुरे, फसल मंडी संचालक प्रमोद इंगोले, प्रा. डॉ. अजय गुल्हाने, पूर्व नगरसेविका सुनीता भेले, संजय आसोले, चंद्रशेखर पिंपले, सुनील जयसिंगपुरे, प्रा. संजय शिरभाते, सुरेश रतावा, राजाभाऊ जतकर आदि ने विठ्ठल मंदिर में दर्शन किए. उनका संस्थान की ओर से शाल, श्रीफल और सम्मान चिन्ह देकर स्नेहील सत्कार किया गया. संस्था के अध्यक्ष प्रा. गुल्हाने, कोषाध्यक्ष अविनाश गुल्हाने, अशोक गुल्हाने, डॉ. संजय तिरथकर, संजय भेले, प्रा. बालासाहब घोंगडे, अरुण गुल्हाने, विलास मोहकार, मधुकर पिंपले, दिगंबर जिरापुरे, मधुकर डाफे, दीपक माथुरकर आदि की उपस्थिति रही.
फोटो- अक्षय- 0873, 0870, 0861, 0848, 0844, 0835, 0835, 0834, 0828, 0823, 0819
बच्चों की आकर्षक दिंडी
वारकरी संप्रदाय में पैदल दिंडी से पंढरपुर जाकर पांडुरंग के दर्शन की अनन्य महिमा है. इसी क्रम में न्यू गोल्डन इंग्लिश स्कूल तथा एन.जी. पब्लिक स्कूल के नन्हें मुन्ने विद्यार्थियों ने वारकरी की वेशभूषा में सुंदर, मनभावन दिंडी निकाली. हर कोई इस दिंडी को निहारते रह गया. जिसमें कोई बालक विठ्ठल भगवान तो कोई संत तुकाराम और संत ज्ञानेश्वर के रुप में नजर आ रहा था. बच्चों के बाल मुख से पांडुरंग का जयकारा मोहित कर गया.