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नागपूर शीत अधिवेशन में धनगर समाज आरक्षण की उठी आवाज

न नेता न पक्ष, आरक्षण एक ही लक्ष्य के नारे के साथ

* जिले व यवतमाल से 10 हजार धनगर हुए मोर्चा में सहभागी
अमरावती/दि.11 – धनगर समाज आरक्षण को लागू करने के लिए नागपूर विधान भवन पर धनगर समाज के मोर्चे में अमरावती व यवतमाल जिले से लगभग 10 हजार से अधिक समाज बंधुओं ने अपनी सहभागीता दर्शायी. इसके अलावा अकोला, वाशिम, बुलढाना जिले से भी असंख्य धनगर बंधु मोर्चा में सहभागी हुए.
धनगर समाज को आरक्षण का मुद्दा महाराष्ट्र राज्य के स्थापना के दौर से प्रलंबित पडा है. डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने संविधान में अनुसूचित धनगर समाज को अनुसूचित जमात की सूची में 36वें क्रमांक पर समाविष्ट किया है. फिर भी धनगर यह शब्द के बदले धनगड यह शब्द मुद्रीत होने के कारण धनगर समाज को अनुसूचित जमात की सुविधाओं से वंचित रहना पड रहा है. ‘र’ के बदल ‘ड’ होने के कारण धनगरों पर अन्याय हो रहा है. इसलिए ‘ड’ के बदले र यानी ‘धनगड’ के बदले ‘धनगर’ ऐसा दुरुस्त करने, धनगर के आरक्षण को अमल में लाने के लिए राज्य व केंद्र सरकार ने बिना देरी के दुर करने की मांग मोर्चा के दौरान धनगर समाज की ओर से एड. दिलीप एडतकर ने की है. जिसके चलते आज सोमवार को नागपूर विधान भवन में निकाले जा रहे मोर्चे का नेतृत्व कोई भी नेता या पार्टी नेतृत्व नहीं कर रहा है. बल्कि धनगर समाज संगठन व मोर्चा में शामील होने वाले सभी धनगर इस मोर्चे के नेता के रुप में कार्य करते हुए न नेता न पक्ष, आरक्षण एक ही लक्ष्य का नारा लेकर इस मोर्चे में हजारों की संख्या में धनगर समाज बंधू शामिल हुए.

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