अमरावतीमहाराष्ट्र

देहातों में वोटर्स फिलहाल खामोश

मतदान से ही व्यक्त करेंगे भावना

* अभी तो वेट एण्ड वॉच की भूमिका
तिवसा /दि.15– लोकसभा चुनाव के मतदान हेतु अब 10 दिनों से कम समय रह गा है. चुनाव प्रचार जोर पकड रहा है. वोटों के लिए प्रत्याशी और उनके समर्थक झोली पसार रहे हैं. बैनर, पोस्टर, सोशल मीडिया के अलावा पारंपारिक रुप से गली-गली में भोंगे लगाये वाहन घूम रहे हैं. किंतु देहातों की बात करें तो मतदाताओं ने मौन पाल रखा है. वे अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे. ग्रामीण भागों के वोटर्स अत्यंत शांत रहने की जानकारी हमारे विविध स्थानों के संवाददाता दे रहे है. उनका मानना है कि, ग्रामीण वोटर्स मतदान के जरिए अपनी भावनाएं व्यक्त करेंगे, ऐसा लगता है. तिवसा विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह गांव-देहात से जुडा है.

* 2.84 लाख वोटर्स
तिवसा में 284254 वोटर्स पंजीबद्ध है. यहां का मतदाता किसे वोट देता है, यह तो मतदान के बाद ही स्पष्ट होगा. गत डेढ-दो वर्ष की राजनीतिक उठापठक से सामान्य वोटर्स में चुनाव को लेकर खास उत्सुकता दिखाई नहीं दे रही. वोटर्स को आकर्षित करने के लिए प्रत्येक प्रत्याशी को सावधानी बरतनी पड रही है कि, कही आचार संहिता का उल्लंघन न हो जाये. वोटर्स शांत रहने का दावा कर अनेक इलेक्शन करीब से देख चुके एक जानकार ने कहा कि, लोगों को लग रहा है कि, कोई भी जीते-हारे उनकी परिस्थिति में विशेष बदल नहीं होने वाला.

* मन की बात मन में
इस बार लोकसभा चुनाव में 37 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं. दो राष्ट्रीय दलों के बीच टक्कर मानी जा रही है. जिसमें खलल डालने कुछ प्रादेशिक दलों ने भी मैदान में खम ठोंकी है. जहां तक गांव-देहात की बात करें, तो वोटर्स गंभीर चेहरा बनाकर बैठे हैं. उनके मन की थाह ले पाना अभी तो मुश्किल दिखाई पड रहा है. 26 अप्रैल के वोट के बाद ही कदाचित किसी सर्वे में वोटर अपनी राय व्यक्त करें.

* 16 प्रतिशत महिलाएं
अमरावती लोकसभा अनुसूचित जाति के व्यक्ति हेतु आरक्षित सीट है. यहां 37 प्रत्याशी मैदान में उतरे है, उनमें 6 महिलाएं हैं. यह प्रमाण 16 प्रतिशत माना गया है. महिला उम्मीदवारों में भाजपा के अलावा प्रादेशिक पार्टी ने भी चान्स दिया है. वहीं अपक्ष 4 महिला उम्मीदवार है. साफ है कि, महिलाओं को उम्मीदवारी देने का प्रमाण नगण्य है. 4 जून को ही पता चलेगा कि, वोटर्स का रुझान किस ओर रहा.

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