अमरावतीमहाराष्ट्रमुख्य समाचार

प्रत्याशियों के प्रमोशनल कॉल से मतदाता हैरान-परेशान

सुबह होते ही घनघनाने लगते हैं फोन

* दिनभर अंजान नंबरो से आती रहती है कॉल
* लातूर व बारामती के प्रत्याशियों की भी सुनाई देती है आवाजे
* प्री-रिकॉर्डेड कॉल चलती रहती है एक मिनट तक
अमरावती/दि.13 – जब से सूचना तकनीक का दौर शुरु हुआ है तब से चुनाव प्रचार काफी हद तक हाईटेक हो गया तथा एक ही समय पर सैकडों-हजारों मतदाताओं से संपर्क साधने हेतु अब चुनाव लडनेवाले प्रत्याशियों द्वारा सूचना तकनीक के जरिए अत्याधुनिक संचार माध्यमों का सहारा लिया जाने लगा है. जिसके तहत सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के साथ-साथ अब बल्क कॉलिंग व बल्क मेसेजिंग जैसे पर्यायों का भी जमकर उपयोग किया जाने लगा है. यही वजह है कि, इन दिनों सुबह होने के साथ ही लगभग प्रत्येक व्यक्ति के मोबाइल फोन पर अनजान नंबर से आनेवाली कॉल के चलते घंटियां घनघनाने लगती है और कॉल के रिसीव करते ही दूसरी ओर से आवाज सुनाई देती है कि, ‘नमस्कार, मैं फलां-फलां बोल रहा हूं और अमूक निर्वाचन क्षेत्र से मैं विधानसभा चुनाव हेतु प्रत्याशी हूं तथा 20 नवंबर को आप मेरे ही पक्ष में मतदान करना.’ दिन भर के दौरान अलग-अलग प्रत्याशियों की ओर से आनेवाली ऐसी प्री-रिकॉर्डेड व प्रमोशनल कॉल को सुन-सुनकर अब मतदाताओं के कान व दिमाग पूरी तरह से पक चुके है. क्योंकि, अपने क्षेत्र के प्रत्याशियों के साथ-साथ मतदाताओं को अन्य जिलों के विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड रहे प्रत्याशियों के भी प्री-रिकॉर्डेड व प्रमोशनल फोन कॉल आने शुरु हो गए है. ऐसे में हैरान-परेशान लोगों ने अब अनजान नंबरो से आनेवाली फोन कॉल को स्वीकार करना ही बंद कर दिया है.
बता दे कि, पहले जहां हरेक प्रत्याशी को अपने निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्येक मतदाता तक अपनी उम्मीदवारी और बात पहुंचाने के लिए जमकर पसिना बहाना पडता था. वहीं अब सूचना क्रांति वाले इस दौर में चुनाव प्रचार करना पहले की तुलना में काफी आसान हो गया है. अब हर राजनीतिक दल व नेता द्वारा सोशल मीडिया के विविध प्लेटफॉर्मस् पर अपने पेज व ग्रुप बनाकर रखे जाते है. जिन्हें फालो करनेवालों की संख्या भी अच्छी-खासी रहती है. ऐसे में सोशल मीडिया के जरिए भी इन दिनों जमकर चुनाव प्रचार किया जाता है. साथ ही साथ बल्क मेसेजिंग की सुविधा प्राप्त करते हुए अपने निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं को एक साथ मेसेज भी भेजे जाते है. साथ ही साथ इन दिनों चुनाव लडनेवाले प्रत्याशियों द्वारा बल्क कॉलिंग की सुविधा का भी लाभ उठाया जा रहा है. इसके तहत एक साथ हजारों-लाखों लोगों के मोबाइल नंबर पर कॉल करते हुए उन्हें प्रत्याशी द्वारा पहले से रिकॉर्ड किया गया संदेश सुनाया जाता. यह प्री-रिकॉर्डेड कॉल पूरे एक मिनट तक चलती है. ऐसे में अब लगभग हर एक व्यक्ति को दिनभर के दौरान अंजान नंबरो से दर्जनो फोन कॉल आनी शुरु हो गई है और यह सिलसिला सुबह से शुरु होकर देर रात तक चलता रहता है. ऐसे में अंजान ंनंबरो से आनेवाली फोन कॉल को रिसीव करने से अब आम लोग काफी हद तक बचते दिखाई दे रहे है.

* हाईटेक प्रचार पर हो रहा करोडों का खर्च
– इस खर्च पर निर्वाचन विभाग का कोई ध्यान ही नहीं
बता दे कि, इस तरह के हाईटेक प्रचार पर प्रत्याशियों द्वारा करोडों रुपयों का खर्च किया जाता है. परंतु इस प्रचार पर होनेवाले खर्च की ओर शायद निर्वाचन आयोग का कोई ध्यान नहीं है. एक ओर तो निर्वाचन आयोग द्वारा अखबारों में छपनेवाले विज्ञापनों की एक-एक लाईन पर नजर रखने के साथ ही इस बात की ओर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है कि, कहीं कोई पेड न्यूज न छप जाए. साथ ही निर्वाचन विभाग द्वारा प्रत्याशियों के प्रचार हेतु छापे जानेवाले बैनर, पोस्टर व पॉम्प्लेट की गिनती पर भी नजर रखी जा रही है. वहीं दूसरी ओर प्रत्याशियों द्वारा बल्क कॉलिंग व बल्क मेसेजिंग के लिए किए जानेवाले करोडों रुपए के खर्च पर निर्वाचन विभाग का कोई ध्यान नहीं है.

* प्रत्याशी बारामती का, कॉल अमरावती को
साथ ही बल्क कॉलिंग के नाम पर कुछ मोबाइल कंपनियां कई उम्मीदवारों को जमकर चूना भी लगा रही है. क्योंकि, किस प्रत्याशी के लिए किस निर्वाचन क्षेत्र के मोबाइल धारकों को कॉल लगानी है, इसका कोई तारतम्य नहीं है. यही वजह है कि, परतूर, लातूर, बीड व बारामती क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड रहे प्रत्याशियों की प्रमोशनल कॉल इन दिनों अमरावती के मोबाइल धारकों को आ रहे है. जिन्हें सुनकर अमरावती के लोगबाग काफी हद तक हैरत भी जता रहे है कि, प्रत्याशियों और मोबाइल कंपनियों द्वारा कहां की कॉल कहां लगाई जा रही है.

Related Articles

Back to top button