* आंबेडकर, तुपकर सहित दिकपालों की परीक्षा की घडी
अमरावती/दि.25– प्रतिष्ठापूर्ण लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में पश्चिम विदर्भ की 5 सीटों अमरावती, अकोला, बुलढाणा, वर्धा और यवतमाल-वाशिम में वोट डाले जायेंगे. गुरूवार को प्रमुख प्रत्याशियों के सिपहसालारों ने अपनी अंतिम रणनीति आंकी. बता दें कि इन 5 क्षेत्रों में 123 प्रत्याशी हैं. नवनीत राणा, रामदास तडस, प्रतापराव जाधव तीनों वर्तमान सांसदों के साथ ही किसान नेता रविकांत तुपकर तथा पूर्व सांसद एवं वंचित बहुजन आघाडी के सर्वेसर्वा बालासाहब आंबेडकर जैसे बडे नेताओं की परीक्षा की घडी है. विदर्भ के 5 निर्वाचन क्षेत्रों में गत शुक्रवार को पहले चरण में वोट डाले गये.
* अमरावती निर्वाचन क्षेत्र
इस क्षेत्र में मेलघाट, दर्यापुर, अचलपुर, बडनेरा, तिवसा और अमरावती विधानसभा क्षेत्र का समावेश हैं.
कुल वोटर्स 18360 78
कुल मतदान केंद्र – 1980
कुल प्रत्याशी- 37
अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से नवनीत राणा सतत तीसरी बार मैदान में हैं. पहली बार राकांपा की घडी, दूसरी बार निर्दलीय के रूप में पाना और इस बार भाजपा की कमल निशानी लेकर उतरी है. शिवसेना उम्मीदवार से अब तक उनका दो बार मुकाबला हुआ. इस बार प्रदेश में 4 साल पहले बनी महाविकास आघाडी के उम्मीदवार, दर्यापुर के विधायक बलवंत वानखडे उनके विरूध्द टक्कर दे रहे हैं. ग्राम पंचायत से लेकर विधायक तक पहुंचने वाले वानखडे का यह पहला लोकसभा चुनाव है. विधायक बच्चू कडू ने प्रहार की तरफ से दिनेश बूब को उतारा हैं. उन्होंने भी चुनाव में जोर लगाया है. जिससे मुकाबला तिरंगी होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाडी ने इस बार उम्मीदवार नहीं दिया है. उन्होंने रिपब्लिकन सेना के आनंदराज आंबेडकर को समर्थन दिया है. किंतु वंचित आघाडी के स्थानीय समर्थक अलग हो गये हैं. प्रहार और रिपब्लिकन सेना के प्रत्याशी किसके वोट खींचते हैं और कौन से उम्मीदवार के गणित बनते अथवा बिगडते हैं. यह समय पर पता चलेगा. बडनेरा के विधायक रवि राणा, तिवसा के विधायक यशोमती ठाकुर, अचलपुर के बच्चू कडू, दर्यापुर के विधायक राजकुमार पटेल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. अमरावती में पश्चिम विदर्भ का बेहद रोचक मुकाबला रहने की संभावना जानकार व्यक्त कर रहे हैं.
* अकोला लोकसभा क्षेत्र
इस क्षेत्र में रिसोर्ट, मुर्तिजापुर , अकोला पूर्व, अकोला पश्चिम और अकोट विधानसभा क्षेत्र का समावेश हैं.
कुल वोटर्स -1890814
कुल बूथ – 2056
कुल प्रत्याशी- 15
अकोला जिला भाजपा का गढ कहा जाता हैं. पिछले चार चुनाव में भाजपा के संजय धोत्रे ने दणदणीत विजय प्राप्त की है. पांचवीं बार अकोला का गढ कायम रखने भाजपा ने संजय धोत्रे के सुपुत्र अनूप को मैदान में उतारा है. भाजपा ने अनूप की विजय के लिए कमर कसी हैं. कांग्रेस से डॉ. अभय पाटिल तथा वंचित बहुजन आघाडी से स्वयं राष्ट्रीय अध्यक्ष एड. प्रकाश बालासाहब आंबेडकर मैदान में है. कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी एक ही समाज के होने से वोटों का विभाजन बडे प्रमाण में होने की संभावना बताई जा रही है. इस बार यहां हिन्दी भाषी वोटर्स निर्णायक हो जाने का दावा किया जा रहा हैं. सहकारिता क्षेत्र के दिग्गज किसके पक्ष में वोटिंग करते हैं , इस पर जीत का गणित निर्भर हैं.
* बुलढाणा लोकसभा क्षेत्र
क्षेत्र में बुलढाणा, चिखली, सिंधखेड राजा, मेहकर, खामगांव और जलगांव जामोद इन 6 विधानसभा क्षेत्रों का समावेश हैं.
कुल वोटर्स – 1778880
कुल मतदान केंद्र -2265
कुल प्रत्याशी- 21
गत 25 वर्षो से बुलढाणा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र शिवसेना के कब्जे में हैं. इस बार शिवसेना टूट गई है. जिससे परिस्थिति बदली हैं. वर्तमान सांसद प्रतापराव जाधव को शिवसेना ने पुन: उम्मीदवारी दी हैं. उनके विरूध्द कांग्रेस से शिवसेना उबाठा में आए नरेंद्र खेडेकर को उतारा गया है. किसानों के मुद्दों पर लगातार आंदोलन कर महाराष्ट्र ेमें प्रसिध्द हुए स्वाभिमान शेतकरी संगठन के रविकांत तुपकर ने निर्दलीय खम ठोकी है. जिससे सीधा मुकाबला त्रिकोणीय हो जाने की चर्चा हैं. वंचित बहुजन आघाडी ने वसंतराव मगर को उम्मीदवारी दी है. वन बुलढाणा मिशन के संदीप शेलके भी निर्दलीय चुनाव लड रहे हैं. किसान नेता रविकांत तुपकर को मिल रहे प्रतिसाद को प्रतापराव जाधव का सिरदर्द माना जा रहा हैं. किंतु सत्तारूढ महायुति के पास सभी 6 विधायक होने से जाधव की विजय की उम्मीद है. पिछले 50 वर्षो से खामगांव-जालना रेलवे मार्ग का एक ही मुद्दा हर बार उपस्थित किया जाता है. जीगांव परियोजना, खारपान पटटा, बेरोजगारी का मुद्दा है. लोणार और सिंधखेड राजा के विकास का भी महत्वपूर्ण मुद्दा यहां हैं.
* यवतमाल-वाशिम क्षेत्र
इस क्षेत्र में वाशिम, कारंजा, दिग्रस, पुसद, रालेगांव, यवतमाल, विधानसभा क्षेत्र शामिल है.
कुल वोटर्स- 1940916
कुल मतदान केंद्र – 2225
कुल उम्मीदवार – 26
यवतमाल – वाशिम लोकसभा क्षेत्र में भी शिवसेना के दोनों गट के बीच टक्कर देखने मिल रही है. शिंदे सेना को मिले इस निर्वाचन क्षेत्र में महाविकास आघाडी के ठाकरे गुट का उम्मीदवार भी है. यहां से पूर्व राज्यमंत्री संजय देशमुख को शिवसेना उबाठा ने उम्मीदवारी दी है. शिंदे गुट की तरफ से अंतिम समय तक उम्मीदवार को लेकर खिंचतान चल रही थी. आखिर समय में सांसद भावना गवली की बजाए महायुती में राजश्री पाटिल को उम्मीदवारी दी है. पिछले चुनाव में वंचित के कारण कांग्रेस को नुकसान पहुंचा था. इस बार वंचित के उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने से मत विभाजन टलने की संभावना है. चुनाव में स्थानीय तथा बाहर का उम्मीदवार और प्रचार के मुद्दे काफी चर्चा में है. उम्मीदवारी न मिलने से सांसद भावना गवली नाराज रहने की चर्चा थी. लेकिन पश्चात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उनकी नाराजी दूर करने में सफल रहे तो भी कार्यकर्ता कौनसी भूमिका लेते है. इस पर चुनावी दृष्य अवलंबित रहनेवाला है.
प्रमुख उम्मीदवार – संजय देशमुख (शिवसेना उबाठा)
– राजश्री पाटिल (शिंदे सेना)
* वर्धा संसदीय क्षेत्र
कुल मतदाता – 16,74,883
कुल मतदान केंद्र – 1997
कुल उम्मीदवार – 24
वर्धा संसदीय क्षेत्र में मोर्शी, धामणगांव, आर्वी, देवली, वर्धा, हिंगणघाट विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का समावेश है. कांग्रेस के गढ रहे वर्धा संसदीय क्षेत्र से सांसद के रुप में रामदास तडस दो दफा निर्वाचित हुए. अब वे हैट्रीक करने के लिए तीसरी बार भाजपा प्रत्याशी के रुप में मैदान में है. वहीं दूसरी तरफ महाविकास आघाडी की तरफ से कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए यह सीटी एनसीपी को दी है. हमेशा आगे रही कांग्रेस इस चुनाव में उम्मीदवारों की सूची में नहीं है. महाविकास आघाडी के उम्मीदवार के रुप में कांग्रेस से एनसीपी में गए अमर काले मैदान में है. अमर काले आर्वी विधानसभा में ढाई साल विधायक के रुप में कार्यरत थे. वर्धा निर्वाचन क्षेत्र में इन दो उम्मीदवारों के अलावा बसपा, वंचित आघाडी के उम्मीदवार है. लेकिन उनका विशेष प्रभाव न रहने से वर्धा निर्वाचन क्षेत्र में रामदास तडस और अमर काले के बीच सीधा मुकाबला है. बसपा और वंचित के उम्मीदवार रहे तो भी उनका विशेष प्रभाव मतदाताओं पर पडता दिखाई नहीं देता. रामदास तडस दो बार निर्वाचित हुए और उनके द्वारा विकास न किए जाने से मतदाता नाराज है. जबकि अमर काले की शालिनता मतदाताओं में चर्चा का विषय है.
प्रमुख उम्मीदवार – रामदास तडस (भाजपा)
– अमर काले (एनसीपी शरद पवार)
– मोहन राईकवार (बसपा)