अमरावती

नववर्ष में करे रक्तदान का संकल्प

खून का रिश्ता जोडकर मानवता की गुढी स्थापित करना जरूरी

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१३ – इस समय शहर व जिले सहित समूचे संभाग व राज्य में कोविड संक्रमण का कहर जारी है और गंभीर स्थितिवाले मरीजों को बडे पैमाने पर खून व प्लाज्मा की जरूरत पड रही है. ऐसे में हिंदू नववर्ष के शुभारंभ अवसर पर कई संवेदनशिल संस्थाओं ने आगामी सालभर में अलग-अलग मौकोें पर रक्तदान शिबिर आयोजीत करने का मानस व्यक्त किया है. साथ ही यह आवाहन भी किया गया है कि, इन शिबिरों में प्रत्येक जिम्मेदार व्यक्ति ने शामिल होते हुए इंसानियत की गुढी स्थापित करने में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि, नववर्ष के प्रारंभ अवसर पर कई लोगों ने अलग-अलग तरह के संकल्पों की ‘बकेट लिस्ट’ तैयार कर रखी है. जिसके तहत पौष्टिक आहार, नियमित व्यायाम व पर्याप्त नींद जैसे व्यक्तिगत संकल्प किये गये है. किंतु इन व्यक्तिगत संकल्पों के साथ ही अब रक्तदान व प्लाज्मा दान जैसे संकल्प किये जाने की भी जरूरत है. जिसके लिए कई सामाजिक संगठन व संस्थाएं आगे आ रही है.
यूं तो अमरावती को रक्तदाताओें की नगरी कहा जाता है और समूचे राज्य में सबसे अधिक रक्तदान अमरावती शहर व जिले में ही होता है. जिसके लिए पूरे सालभर कहीं न कहीं रक्तदान शिबिर आयोजीत किये जाते रहते है. किंतु इस समय हालात कुछ अलग है. जिसके चलते जहां एक ओर पहले की तरह रक्तदान शिबिरों का आयोजन नहीं हो पा रहा, वहीं दूसरी ओर इन दिनों कोविड संक्रमण की वजह से गंभीर स्थिति में रहनेवाले मरीजों के लिए बडे पैमाने पर रक्त एवं प्लाज्मा की जरूरत पड रही है. ऐसे में इस स्थिति को संभालने के लिए रक्तदान के क्षेत्र में कार्यरत कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा आगे आते हुए सभी से स्वयंस्फूर्त तौर पर रक्तदान करने का आवाहन किया गया है. साथ ही कहा गया है कि, चूंकि इन्सानी रक्त को किसी प्रयोगशाला में नहीं बनाया जा सकता और इसे दीर्घकाल तक संकलित करते ही नहीं रखा जा सकता. ऐसे में नियमित तौर पर रक्तदान शिबिरों का आयोजन किया जाना और रक्तदाताओं द्वारा समय-समय पर रक्तदान किया जाना बेहद जरूरी है, ताकि मरीजों की जरूरत के लिहाज से रक्त की उपलब्धता बनी रहे.

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