अमरावती/दि.11 – स्थानीय संगाबा अमरावती विद्यापीठ के निकट मार्डी रोड पर स्थित होटल वृंदावन बार व रेस्टारेंट के संचालक सचिन रवींद्र तिवारी को आज मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ से काफी बडी राहत मिली. जब अदालत ने राज्य उत्पाद शुल्क के जिलाधिकारी द्बारा जारी आदेश पर स्थगनादेश जारी कर दिया. इस मामले में वृंदावन बार व रेस्टारेंट के संचालक सचिन तिवारी की ओर से एड. जेमिनी कासट ने हाईकोर्ट में सफल युक्तिवाद किया.
बता दें कि, मोर्डी रोड पर दत्तकृपा कालोनी स्थित होटल वृंदावन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए बहुजन समाज पार्टी के शहराध्यक्ष सुदाम बोरकर, भीम ब्रिगेड के संस्थापक अध्यक्ष राजेश वानखडे तथा विशाखा महिला बचत गट की प्रभा पहाडन व मंगला घोडेस्वार सहित कुछ अन्य लोगों ने जिलाधीश को सौंपे गए निवेदन में आरोप लगाया था कि, उक्त बार व रेस्टारेंट के ठीक पास ही बौद्धविहार स्थित है. जहां पर आसपास के परिसर में रहने वाले लोगों द्बारा सुबह-शाम बुद्ध वंदना की जाती है. साथ ही इस समय वर्षावास भी शुरु हो गया है. ऐसे में इस बार व रेस्टारेंट की वजह से परिसरवासियों को काफी तकलीफों का सामना करना पडता है. अत: इस वाइन बार व रेस्टारेंट को तत्काल बंद करने की मांग भी की गई थी. इस निवेदन पर राज्य उत्पाद शुल्क के जिलाधिकारी ने मार्डी रोड की दत्तकृपा कालोनी स्थित होटल वृंदावन वाइन बार व रेस्टारेंट को बंद करने का आदेश जारी किया था. जिसके खिलाफ होटल वृंदावन के संचालक सचिन रवींद्र तिवारी ने अपने वकील एड. जेमिनी कासट के जरिए मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की थी. जिस पर न्या. चांदुरकर व न्या. जोशी की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई और अदालत ने एड. जेमिनी कासट द्बारा किए गए युक्तिवाद को ग्राह्य मानते हुए राज्य उत्पाद शुल्क के जिलाधीश द्बारा जारी आदेश को स्थगित कर दिया. साथ ही जिला प्रशासन व राज्य उत्पाद शुल्क विभाग से इस संदर्भ में अपना विस्तृत जवाब पेश करने हेतु भी कहा.