अमरावती/दि.20– लालपरी यानी राज्य परिवहन निगम की बसों का टाईम टेबल के इन दिनों बाराह बजे हुए है. बस डिपो या स्थानक पर यात्रियों के पहुंचने के बाद बहुत देर तक रुकना पडता है. ऐसे समय पर बस का करंट स्थान जानकर बस स्थानक पर जाकर बैठना न पडे इसके लिए महामंडल की बसे में व्हिकल ट्रैकिंग यंत्र (वीटीएस) कार्यान्वित की गई है. जिसके चलते गाडी वर्तमान में कहा पहुंची है. यहा जाना जा सकता था. राज्य के 13 हजार बसों में उपलब्ध कर दिए इस सुविधा का अब बंटा धार हो चुका है.
यात्रियों को बस की वर्तमान स्थिती जानने में मदद हो साथ ही बस की दुर्घटना होने पर इसकी जानकारी महामंडल को तुरंत मिल सके इसके लिए अगस्त 2019 में वीटीएस प्रणाली शुरू की गई थी. मार्च 2020 तक सभी एसटी में वीटीएस बिठाकर, इस पर आधारित कम्प्युटर ऐप यात्रियों की सेवा में लाया जाना था. मगर कोरोना व उसके बाद कर्मचारियों व्दारा किए गए छह महिने की हडताल के कारण काम रुक गया. जिसके बाद सिर्फ इस काम को दोबारा फिर से शुरुआत की गई.
एसटी के मुंबई सेंट्रल मध्यवर्ती कार्यालय में हाल ही में नियंत्रण कक्ष की स्थानपा की गई है. जिसके व्दारा राज्य भर के एसटी पर नियंत्रण रखना था. उस पर आधारित यात्रियों की आसानी के लिए अभी भी एमएसआरटीसी कम्प्युटर ऐप जल्द विकसित कर यात्रियों को उपलब्ध कर दिए जाने थे. जिसके कारण आरक्षित टिकट पर क्रमांक ऐप में डालने पर उसे अपेक्षित एसटी कहा है. इसकी जानकारी मिल सकती थी. मगर यह काम अब धीमा हो चुका है.
वाहक-चालक पर ही रहता था नियंत्रण
जीपीएस यंत्र व्दारा वीटीएस व्यवस्था डगमगा गई है. जिसके कारण ही बस का लोकेशन समझने में मदद मिलती है. बस की दुर्घटना होने पर तुरंत ही मदद पहुंचाई जा सकती है. वाहक-चालक पर नियंत्रण रखा जा सकता है. प्ले स्टोर पर एमएसआरटीसी कम्प्युटर ऐब उपलब्ध होने पर ऐप में टिकट आरक्षण, लोकेशन ट्रैकिंग, बस मार्ग, महिला सुरक्षितता, मार्गस्थ गाडी में हुई खराबी इमरजंसी के समय यात्रियों की मदद के लिए सुविधा इस व्यवस्था के कारण मिल सकती है. मगर यह व्यवस्था बेकाम की बन चुकी है. गांव में जाने वाले यात्रियों हमेशा की तरह बस की इंतजार करते हुए खडे रहना पडेगा. इसके लिए एसटी की व्यवस्था जवाबदार है. ऐसा कहना गलत नहीं होगा.