अमरावती

बाढ व बारिश से वर्‍हाड हुआ बर्बाद

हजारों हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें हुई नष्ट

* नदी-नालों में उफान से सैंकडों गांवों का संपर्क टूटा
* मूसलाधार बारिश के चलते हर ओर जलजमाव
* मकानों व दुकानों सहित खेतों में पानी भरा
अमरावती/दि.19- विगत रविवार की रात से समूचे विदर्भ क्षेत्र में एक बार फिर मूसलाधार बारिश का दौर शुरू हुआ, जो अब तक जारी है. बीते सप्ताह ही बाढ व बारिश का सामना कर चुके विदर्भ यानी वर्‍हाड प्रांत के सभी 11 जिले एक बार फिर बाढ और बारिश की स्थिति का सामना कर रहे है और यह मूसलाधार बारिश बाढ के तौर पर अपने साथ एक तरह से बर्बादी लेकर आयी है. विगत तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश की वजह से हर ओर जलजमाववाली स्थिति है और नदी-नालों में अच्छा-खासा उफान रहने के चलते रिहायशी इलाकोें के साथ-साथ खेतों में पानी भर गया है. जिसकी वजह से समूचे विदर्भ क्षेत्र के हजारों एकड खेतों में फसलें लगभग पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. इसके साथ ही लगातार हो रही बारिश के चलते आम जन-जीवन भी बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है तथा नदी-नालों में आयी बाढ की वजह से कई ग्रामीण इलाकों का संपर्क अन्य क्षेत्रों से पूरी तरह टूट गया है. साथ ही कई ग्रामीण इलाके चारों ओर से बाढ के पानी से घिरे हुए है.
उल्लेखनीय है कि, बीते सप्ताह ही समूचे विदर्भ क्षेत्र में झमाझम और मूसलाधार बारिश होने की वजह से क्षेत्र के सभी छोटे-बडे व मध्यम प्रकल्पों में जलस्तर अचानक ही बढ गया. जिसके चलते बांधों से नदी में पानी छोडे जाने की शुरूआत हुई. ऐसे में सभी नदी-नालों व नहरों में पानी का उफान आ गया और नदी-नालों के किनारे रहनेवाले गांवों में बाढ की स्थिति बन गई. जहां पहले ही मूसलाधार बारिश की वजह से जलजमाव की स्थिति बनी हुई थी. रही-सही कसर बांधों से छोडे जानेवाले पानी ने पूरी कर दी और बाढ का पानी नदी-नालों के किनारों को पार करता हुआ गांवों के खेतों व रिहायशी इलाकों में जा घुसा. जिसके चलते लगभग हर ओर आम जन-जीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है.

* अतिवृष्टि के चलते स्कुल-कॉलेज हुए बंद
विगत रविवार की रात से शुरू हुई मूसलाधार बारिश और पिछले दो दिनों से हो रही अतिवृष्टि को देखते हुए लगभग सभी जिलों में स्कुल व कॉलेज में तीन दिन की छुट्टी का अवकाश घोषित कर दिया गया है, ताकि विद्यार्थियों को बाढ व बारिश की वजह से किसी हादसे या दिक्कत का सामना नहीं करना पडे. इसके अलावा सोमवार की सुबह जो छात्र-छात्राएं अपने स्कुल व कॉलेज पहुंच गये थे, उन्हें तत्काल ही वापिस घर भेजा गया. इसके तहत शेगांव तहसील के कालखेड में उनाड नदी में आयी बाढ की वजह से शेगांव-वरवट मार्ग पर यातायात बंद रहने के चलते परीक्षा देने हेतु निकले विद्यार्थी फंस गये थे. जिसकी जानकारी मिलते ही तहसीलदार समाधान सोनवने तुरंत कालखेड पहुंचे और उन्होंने सरकारी वाहन के जरिये सभी विद्यार्थियों को शेगांव सुरक्षित पहुंचाया.

* अलग-अलग हादसों में चार बहें, 2 विद्यार्थियों का भी समावेश
लगातार हो रही बारिश की वजह से कई हादसे भी घटित हो रहे है. बीते 24 घंटों के दौरान ऐसे ही हादसों में कुल 4 लोग बह गये. जिनमें 2 विद्यार्थियों का भी समावेश था. भंडारा व यवतमाल जिले में बाढ के पानी में बह जाने की वजह से 2 विद्यार्थियोें की मौत हुई है. वही नागपुर जिले में दो अलग-अलग स्थानों पर दो लोग बाढ के पानी में बह गये. इसके अलावा जहां गत रोज वाशिम जिले की कारंजा तहसील अंतर्गत जांब में मिट्टी से बने घर की दीवार ढह जाने के चलते मलबे के नीचे दबकर एक बच्चे की मौत हो गई और तीन लोग घायल हुए. वहीं चांदूर बाजार तहसील के फुबगांव में भी एक मकान की दीवार ढह जाने की वजह से मां-बेटी की मलबे के नीचे दबकर मौत हो गई. वही परिवार के तीन अन्य लोग बुरी तरह से घायल हुए. इसके अलावा चंद्रपुर जिले की मूल तहसील अंतर्गत चिंचाला गांव में एक घर की दीवार ढह जाने के चलते उसके नीचे दबकर चार बकरियोें की मौत हुई और दस बकरियां घायल हुई.
* 31 मंडलों सहित 6 तहसीलों में अतिवृष्टी
– 30 गांवों का संपर्क टूटा
– रापनि की 50 फेरिया रद्द
रविवार की शाम से शुरू हुई मूसलाधार बारिश के चलते जिले के कुल 90 राजस्व मंडलों में से 31 राजस्व मंडलों सहित कुल 6 तहसीलों में अतिवृष्टि हुई है और नदी-नालों में आयी बाढ के चलते 30 गांवों का संपर्क टूट गया है. बाढ व बारिश की स्थिति को देखते हुए 43 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थलांतरित किया गया है. वहीं इस समय नदी-नालों के उफान पर रहने और कई स्थानों पर बाढ की स्थिति रहने के चलते राज्य परिवहन निगम के अमरावती विभाग ने 6 मार्गों पर रापनि बसों की 50 फेरियों को रद्द कर दिया. जिसके तहत चांदूर बाजार, बोराला, शिराला, वलगांव, मोर्शी, आर्वी, चांदूर रेल्वे व धामणगांव रेल्वे मार्ग पर पूरा दिन बसों की आवाजाही बंद रही.

* इन राजस्व मंडलों में हुई अतिवृष्टि
धारणी – 89.50 मिमी
हरिसाल – 89.50 मिमी
धुलघाट – 89.50 मिमी
सावलीखेडा – 71.25 मिमी
साद्राबाडी – 71.25 मिमी
चिखलदरा – 81.75 मिमी
सेमाडोह – 101.50 मिमी
चुर्णी – 94.50 मिमी
अमरावती – 66.50 मिमी
वडाली – 67.00 मिमी
बडनेरा – 66.50 मिमी
माहुली – 71.50 मिमी
नांदगांव – 67.50 मिमी
शिवणी – 92.75 मिमी
मंगरूल – 94.25 मिमी
पापल – 70.50 मिमी
घुईखेड – 95.75 मिमी
आमला – 69.75 मिमी
सातेफल – 68.00 मिमी
मोर्शी – 82.50 मिमी
रिध्दपुर – 84.25 मिमी
अंबाडा – 82.50 मिमी
बेलोरा – 87.25 मिमी
करजगांव – 74.50 मिमी
शिरजगांव – 73.75 मिमी
ब्राह्मणवाडा – 141.75 मिमी
चिंचोली – 87.00 मिमी
मंगरूल – 71.25 मिमी
तलेगांव – 99.75 मिम

* लबालब हो गये है सभी बांध
– बडे पैमाने पर हो रहा हैं जलविसर्ग
विगत 48 घंटों से लगातार हो रही बारिश के चलते जिले के सभी बांधों में पानी की जमकर आवक हो रही है और बांधों के जलसंग्रहण में अचानक ही अप्रत्याशी वृध्दि होनी शुरू हो गई है. अपेक्षा से अधिक जलस्तर हो जाने के चलते अप्पर वर्धा बांध सहित सापन, चंद्रभागा, शहानूर व पूर्णा मध्यम प्रकल्प सहित बगाजी सागर बांध से जलनिकासी करनी शुरू की गई है. इसके चलते भी जिले में हर ओर ‘पानी ही पानी’ नजर आ रहा है और नदी-नालों के किनारे बसे कई गांवों का बाढ के पानी में घिर जाने की वजह से संपर्क टूट गया है. कई स्थानों पर नदी-नालों पर बने पुलों के उपर से पानी बह रहा है. ऐसे में वहां से आवाजाही पूरी तरह से बंद है और कुछ स्थानों पर तो कई घंटों तक सडकें बंद रहने के चलते वाहनों की कई किलोमीटर लंबी कतारे लगी हुई है.

* बांधों में कितना जलसंग्रहण
अप्पर वर्धा – 78.13%
सापन प्रकल्प – 65.05%
चंद्रभागा – 66.57%
शहानुर – 63.55%
पूर्णा प्रकल्प – 62.82%
बगाजी सागर – 65.61 %

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