तिवसा / दि. ११- तहसील के रेतीघाटों की बहुप्रतिक्षित नीलामी जल्द ही होने की जानकारी स्थानीय प्रशासन द्वारा प्राप्त हुई है. तहसील में कुल ८ रेतीघाट है. इसके लिए संबंधित ग्रामपंचायतों की एनओसी मिली. तथापि जावरा ग्रामपंचायत ने अब तक एनओसी प्रमाणपत्र नहीं दिया. इसके लिए उपविभागीय अधिकारी की उपस्थिति में जावरा ग्रामपंचायत में १३ फरवरी को विशेष ग्रामसभा का आयोजन किया गया है. तहसील में जावरा, फत्तेपुर, नमस्कारी, चांदूर ढोरे, भारवाडी, ईसापुर, उंबरखेड, धामंत्री इन आठ रेतीघाट का समावेश है. मानसून में हुई मूसलाधार बारिश से प्रत्येक घाट में रेत का संग्रह बडे़ पैमाने पर उपलब्ध हुआ है. रेत के अभाव में तहसील के घरकुलों का काम प्रभावित होने से जल्द से जल्द रेतीघाटों की नीलामी की जाए, यह मांग सर्वत्र हो रही थी. इसके लिए विविध राजनीतिक दल ने तहसील प्रशाासन को ज्ञापन भी दिया था. रेतीघाट की नीलामी करने के लिए विलंब होने से तहसील में अवैध तरीके से रेत की तस्करी बढ़ गई थी. इस पर अंकुश लगाने के लिए राजस्व विभाग ने कड़ी मुहिम चलाकर अवैध रेत ढुलाई को अंकुश लगाया था. लेकिन अब निर्माण कार्य करने वालों को रेत के लिए और प्रतीक्षा नहीं करनी पडेगी. रेतीघाट के नीलामी की सरकारी प्रक्रिया पूर्ण होकर अगले सप्ताह में रेतीघाटों की नीलामी का श्रीगणेशा होने की विश्वसनीय जानकारी प्राप्त हुई है.
पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी जरूरी
रेतीघाट की नीलामी के लिए पर्यावरण विभाग की मंजूरी आवश्यक है. तहसील के रेतीघाट संबंध में अब तक पर्यावरण विभाग की मंजूरी नहीं मिली, परंतु जल्द ही पर्यावरण विभाग द्वारा हरी झंडी मिलेगी. जिससे रेत तस्करी को लगाम लगेगा, ऐसी अपेक्षा व्यक्त की जा रही है.
सरकारी तिजोरी में लाखों का राजस्व
१ अप्रैल २०२२ से स्थानीय प्रशासन द्वारा अवैध गौण खनिज यातायात से ८८ लाख ४० हजार रुपए राजस्व सरकारी तिजोरी में जमा किया गया. इसमें तीन महिने में अवैध गौण खनिज यातायात पर की गई दंडात्मक कार्रवाई में ६ लाख ९७ हजार रुपए का समावेश है.