अमरावती

चुनाव का इंतजार : ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के विकास कार्य पड़े है ठप

मिनी मंत्रालय में ९ महिने से प्रशासक संभाल रहे कामकाज

अमरावती /दि. १३– कोरोना और फिर ओबीसी आरक्षण के कारण जिला परिषद और नगरपालिका चुनाव को देरी हो रही है. जिला परिषद चुनाव को लेकर अनिश्चितता बढ़ती जा रही है. प्रशासकीय की कामकाज के कारण विकास कार्यों पर सीमाएं आने से जिला परिषद, पंचायत समिति, नगरपालिकों के चुनाव जल्द से जल्द लेने की मांग नागरिकों द्वारा की जा रही है. जिला परिषद की अवधि समाप्त होकर नौ महिने बीत गए है. जिला परिषद का कार्यकाल पूर्ण रूप से नौ माह बीत चुका है. जिला परिषद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से जिले में प्रशासनिक कामकाज चल रहा है. जिला परिषद के बहु-वर्षीय इतिहास में यह सबसे लंबा प्रशासनिक काल माना जाता है. २० मार्च को अध्यक्ष के रूप में बबलू देशमुख का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से अमरावती जिला परिषद पर प्रशासकीय कामकाज चल रहा है. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अविश्यांत पंडा पर कामकाज की जिम्मेदारी है. इसे अब लगभग नौ माह की अवधि हो गई है. शुरुआत में कोरोना के कारण और इसके बाद ओबीसी आरक्षण के कारण चुनाव के लिए देरी हो रही है. ओबीसी आरक्षण को लेकर अब तक निर्णय नहीं होने से प्रशासकीय कामकाज संबंध में अनिश्चितता बढ़ रही है. जिला परिषद का कामकाज प्रशासन अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, विषय समितियों के अध्यक्ष के माध्यम से चलता है. प्रशासन गतिमान करने के लिए पदाधिकारी ज्यादा से ज्यादा प्रयास करते है. प्रशासन के साथ जन कल्याणकारी योजना को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने में प्रशासन के साथ-साथ पदाधिकारियों का भी योगदान होता है. तथा पांच वर्ष बाद जिला परिषद, पंचायत समिति स्तर पर सदस्यों का नए से चयन किया जाता है. इस प्रक्रिया के लिए प्रारंभिक का प्रारूप तैयार कर इस पर ली गई आपत्तियों पर सुनवाई ली जाती है. प्रारूप रचना घोषित होने के बाद मंत्रालय स्तर पर अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण ड्रॉ निकाला जाता है. जिला परिषद, नगरपालिका का कामकाज प्रशासक संभाल रहे है. पंचायत समिति में भी प्रशासकों का कामकाज शुरू है.

आरक्षण के कारण प्रभाग रचना निश्चित नहीं
जिला परिषद परिषद अध्यक्ष पद का आरक्षण सामान्य महिला वर्ग के लिए घोषित किया गया है. हालांकि ओबीसी आरक्षण के के कारण प्रभाग रचना निश्चित नहीं हो पायी है. इन सब परिस्थितियों के कारण चुनाव में देरी होने के कारण प्रशासन का कार्यकाल बढ़ता जा रहा है।

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