दूसरे वर्ष भी ईदगाह का इंतजार रह गया अधूरा
ईद पर मुस्लिम समाज बंधूओं ने घर पर रहकर ही अदा की ईद नमाज
-
मस्जिदें भी रही सुनसान, पारिवारिक स्तर पर ही मनाया गया ईद का त्यौहार
अमरावती/प्रतिनिधि दि.१४ – रमजान ईद का नाम आते ही आंखोें के सामने सफेद लक-दक पोशाखों तथा रंग-बिरंगी कपडों के साथ ही सिर पर नमाजी टोपी और आंखों में सूरमा लगाये चहकते चेहरों, महकते इत्र, ईदगाह मैदान पर दुआ के लिए उठनेवाले हजारों हाथ और सामूहिक नमाज के दौरान एकसाथ सजदे में झुकनेवाले मुस्लिम समाज बंधूओं की भीड का दृश्य तैरने लगता है. इसके साथ ही पूरा दिन एक-दूसरे के साथ हाथ मिलाकर मुसाफा करते हुए और गले मिलते हुए ईद की मुबारकबाद देने का सिलसिला भी याद आता है. किंतु कोविड की संक्रामक महामारी के चलते यह दृश्य पिछले वर्ष भी दिखाई नहीं दिया था और लगातार दुसरे वर्ष इस बार भी रमजान ईद के पर्व पर ऐसा कोई दृश्य दिखाई नहीं दिया है. यह लगातार दूसरा मौका रहा, जब रमजान ईद के मौके पर ईदगाह मैदान पर ईद की नमाज अदा नहीं की गई और शहर की तमाम मस्जिदे भी लगभग खाली ही दिखाई दी, क्योंकि कोविड वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए सरकार एवं प्रशासन की ओर से जारी निर्देशों के मद्देनजर सभी मुस्लिम धर्मगुरूओं ने मुस्लिम समाज बांधवों से इस बार भी रमजान ईद के मौके पर अपने-अपने घरों पर रहते हुए ईद की नमाज अदा कर और अपने परिवार के साथ रहकर ही ईद का त्यौहार मनाने का आवाहन किया था, ताकि लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का पालन हो सके और सभी मुस्लिम समाज बंधूओं ने सरकार एवं प्रशासन की ओर से जारी निर्देशों व मुस्लिम धर्मगुरूओं की ओर से जारी अपील को भरपूर प्रतिसाद दिया एवं अपने-अपने घरों पर रहकर की ईद की नमाज अदा करते हुए पारिवारिक स्तर पर रमजान ईद का त्यौहार मनाया.
बता दें कि, विगत एक वर्ष से चले आ रहे कोविड संक्रमण के खतरे और इस वर्ष फरवरी व मार्च माह में आयी कोविड संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा विगत 5 अप्रैल से समूचे राज्य में संचारबंदी लागू की गई है. 30 अप्रैल तक लागू की गई इस संचारबंदी को बाद में 15 मई तक लागू किया गया और अब यह संचारबंदी 31 मई तक लागू कर दी गई है. इसी दौरान विगत 14 अप्रैल से मुस्लिम समाज बंधूओ का पवित्र रमजान माह शुरू हुआ. ऐसे में सभी मुस्लिम समाज बंधूओं ने सरकार एवं प्रशासन द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए पांच वक्त की नमाजों के साथ ही माहे रमजान के दौरान पढी जानेवाली तराबीह की नमाज अपने-अपने घरों पर रहकर ही अदा की. वहीं जारी लॉकडाउन व कोविड वायरस के खतरे को देखते हुए शहर के सभी मुस्लिम धर्मगुरूओं ने निर्णय लिया कि, गत वर्ष की तरह इस बार भी ईद की नमाज ईदगाह मैदान पर नहीं पढी जायेगी और मस्जिदों में भी कोई भीडभाड जमा नहीं होगी. बल्कि सभी मुस्लिम समाज बंधू शुक्रवार 14 मई को अपने-अपने घरों पर रहकर ही ईद की नमाज पढेंगे और अपने परिजनों के साथ ही घर पर रहते हुए पारिवारिक स्तर पर ईद का त्यौहार मनायेंगे. इसके तहत मुस्लिम धर्मगुरूओं ने सभी मुस्लिम समाज बंधूओें को रमजान ईद के मौके पर समाज के अन्य लोगों से गले मिलने व मुसाफा करने के लिए भी ऐहतियाती तौर पर मना किया था. ऐसे में तमाम निर्देशों का पालन करते हुए मुस्लिम समाज बंधुओं द्वारा अपने-अपने घरों पर रहकर ही ईद की नमाज पढी गयी और पारिवारिक स्तर पर ही त्यौहार की खुशिया मनायी गयी.
-
सोशल मीडिया पर दिनभर चला मुबारकबाद का सिलसिला
चूंकि इस समय शहर में कडा लॉकडाउन जारी है और लोगों के घर से निकलने पर प्रतिबंध लगाया गया है. ऐसे में मुस्लिम समाज बंधुओं द्वारा मोबाईल एवं सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए एक-दूसरे को ईद की मुबारक बाद दी गई और पूरा दिन फेसबुक व वाटसऍप जैसे सोशल मीडिया साईटस् पर ईद की मुबारकबाद के संदेश प्रसारित होते रहे.
-
नन्हें नमाजियों ने की कोरोना के खात्मे की दुआ
अमूमन किसी भी त्यौहार पर नये-नवेले कपडे पहनकर सजे-धजे छोटे बच्चों का उत्साह देखने लायक रहता है और ईद जैसे मौके पर मुस्लिम समाज के छोटे-छोटे बच्चों का पहनावा और सज-धज का अंदाज ही जूदा होता है. और वे अपने घर से बडे बुजुर्गों के साथ बडे उत्साहीत ढंग से ईदगाह मैदान पर नमाज अदा करने पहुंचते है. किंतु गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी ईदगाह मैदान के दरवाजे नमाजियों के लिए बंद रहे. ऐसे में ईदगाह मैदान के मुख्य प्रवेशद्वार पर खडे रहकर नन्हें नमाजियों ने पाक परवर दिगार से कोविड की महामारी को जल्द से जल्द खत्म करने की दुआ की.
-
कडा पुलिस बंदोबस्त रहा
ईद पर्व के अवसर पर संचारबंदी के साथ ही कानून व व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने हेतु मुस्लिम बहूल क्षेत्रों सहित समूचे शहर में कडा पुलिस बंदोबस्त लगाया गया था. विशेष तौर पर ईदगाह मैदान के आसपास अच्छीखासी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी रही. इस समय नागपुरी गेट थाना पुलिस के साथ ही खोलापुरी गेट थाना पुलिस, क्यूआरटी व आरपीसी प्लाटून तथा एसआरपीएफ के पथक को बंदोबस्त में तैनात किया गया था.
-
सीपी डॉ. आरती सिंह भी रही ‘ऑन रोड’
रमजान ईद के मद्देनजर मुस्लिम बहुल क्षेत्रोें सहित शहर में लगाये गये पुलिस बंदोबस्त का जायजा लेने हेतु शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह खुद ऑन रोड ड्यूटी पर उतरी और उन्होंने शहर के विभिन्न इलाकों का दौरा करते हुए पुलिस बंदोबस्त का निरीक्षण किया. इस समय मुस्लिम बहुल क्षेत्रों का दौरा करते हुए सीपी डॉ. आरती सिंह ने मुस्लिम समाज बंधूओं को रमजान ईद के पर्व की शुभकामनाएं देने के साथ ही उनसे संचारबंदी एवं कोविड त्रिसूत्री के नियमों का पालन करने की अपील भी की.
-
सब्र के इम्तेहान की खुशियां झलकी चेहरों पर
भीषण गरमी के मौसम में रमजान माह के दौरान पूरे 30 रोजे रखने के बाद आयी रमजान ईद की खुशियां रोजादारों के चेहरे पर झलकती दिखाई दी. माहे रमजान के दौरान पूरा दिन भूखे-प्यासे रहते हुए पाक परवरदीगार की ईबादत करने के साथ ही मुस्लिम समाज बंधूओं द्वारा एक तरह से अपने सब्र और श्रध्दा का इम्तेहान लिया जाता है. जिसके बाद रोजादारों के लिए रमजान ईद को ईनाम माना जाता है. ऐसे में पूरे एक माह तक कडे इम्तेहान से गुजरने के बाद ईद के मौके पर सभी मुस्लिम समाज बंधूओं के चेहरों पर खुशियां झलक रही थी और सभी ने अपने-अपने रिहायशी क्षेत्रों में अपने रिश्तेदारों व जान-पहचानवालों के साथ मिलकर ईद की मुबारकबाद देने के साथ ही त्यौहार की खुशियां साझा की.
-
त्यौहार की खुशियां सेल्फी में कैद
रमजान ईद के मौके पर जोशो-खरोश से लबरेज कई युवाओं ने अपने यार-दोस्तों के साथ खुशियों के इन पलों को सेल्फी में कैद किया.