अमरावती

बीते पांच माह से जांच का इंतजार

राजेंद्र लॉज की ईमारत ढहने का मामला

अमरावती/ दि.28 – बीते 30 अक्तूबर 2022 के दिन प्रभात टॉकीज के समीप स्थित राजेंद्र लॉज की जर्जर ईमारत के निचले माले की राजदीप कलेक्शन नामक दुकान का स्लैब ढह जाने से मलबे में दबकर पांच लोगों की मौत हो गई थी. इस दुर्घटना में मृत राजेंद्र परमार की पत्नी शिल्पी परमार में उसके पति की मौत के लिए जिम्मेदार मनपा अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर पांच माह से संबंधित सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रही है, मगर अब तक इस मामले की जांच शुरु नहीं हुई.
राज्य सरकार ने विभागीय आयुक्त के माध्यम से मामले की जांच करने की घोषणा की थी, लेकिन जांच के लिखित आदेश प्राप्त न होने के कारण मनपा अधिकारियों की जांच शुरु नहीं की गई. रविवार 30 अक्तूबर 2022 की दोपहर 3 बजे राजदीप कलेक्शन का स्लैब ढह जाने के कारण राजेंद्र परमार के साथ पांच लोगों की दबकर मौत हो गई. सिटी कोतवाली पुलिस ने इस मामले में राजेंद्र लॉज के संचालक, राजदीप कलेक्शन के मालिक समेत जांच के दौरान महापालिका राजापेठ जोन के उपअभियंता व शाखा अभियंता को भी आरोपी बनाया था. राज्य सरकार ने इस मामले में मृतकों के परिवारों को प्रति 5 लाख रुपए सहायता भी दी है. जिले के पालकमंत्री व राज्य के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले की जांच कराने की घोषणा करते हुए तत्कालिन पूर्व प्र-कुलगुरु डॉ. विजयकुमार चौबे, विभागीय आयुक्त डॉ. दिलीप पांढरपट्टे को जांच के लिए नियुक्त करने की बात कही थी, मगर संभागीय आयुक्त कार्यालय से पता चला है कि, उन्हें जांच के कोई आदेश नहीं मिले. इस वजह से इस मामले में कोई जांच ही नहीं की.
एफआईआर रद्द करने की मांग
आरोपियों ने एफआईआर रद्द करने की मांग को लेकर मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में आवेदन किया है. करीब एक माह पूर्व मनपा के उपअभियंता सुहास चव्हाण व शाखा अभियंता अजय विंचुरकर व्दारा दायर किये गए आवेदन पर नागपुर उच्च न्यायालय ने मामले के जांच अधिकारी खोलापुरी गेट के थानेदार गजानन तामटे को अपना पक्ष रखने का कहा है.
सीआईडी जांच भी नहीं
ईमारत के मलबे में दबकर मरने वाले रविंद्र परमार की पत्नी तथा बकाया चार मृतकों के रिश्तेदारों ने राज्य के गृहमंत्री व जिले के पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अपील कर इस मामले की सीआईडी जांच कराने की मांग की थी. हालांकि सरकार की ओर से उनकी शिकायत प्राप्त होने का लिखित पत्र प्राप्त हुआ है, मगर उसपर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. यहां तक की पांचों मृतकों के रिश्तेदारों ने विधान परिषद चुनाव के वक्त जब पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस, डॉ. रणजित पाटील का नामांकन भरने अमरावती आये थे, उस समय उनसे मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था, लेकिन उसपर अब तक किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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