दो मिनट का इंतजार, या 500 रूपये का दंड
जल्दबाजी में ट्राफिक सिग्नल का उल्लंघन पड सकता है भारी
* हर कोई है जल्दबाजी में, ट्राफिक नियमों की हो रही अनदेखी
अमरावती/दि.28- इन दिनों शहर में यातायात नियमों का उल्लंघन करना बेहद आम बात हो गई है. विशेष रूप से यातायात पुलिस सिपाहियों की नियुक्ति रहनेवाले ट्राफिक सिग्नलों पर लोगोें द्वारा नाहक जल्दबाजी दिखाते हुए यातायात सिग्नल का उल्लंघन किया जाता है. लेकिन जल्दबाजी और हडबडी दिखाते हुए यातायात नियमों का उल्लंघन करना भारी भी पड सकता है. क्योंकि इसके लिए संबंधित वाहन चालक पर 500 रूपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि, चौक-चौराहों पर आवाजाही को सुरक्षित व सुचारू रखने के लिए ट्राफिक सिग्नल लगाये गये है और इन ट्राफिक सिग्नलों पर लालबत्ती रहते समय हरी बत्ती होने के इंतजार में महज डेढ से दो मिनट तक ही खडे रहना होता है, ताकि इस दौरान दूसरी ओर का यातायात निकल जाये. परंतू इन दिनों नियमों को तोडने के संदर्भ में कुछ ऐसी मानसिकता बन गई है कि, यातायात नियमों का पालन करनेवालों को बढी अजीब निगाहों से देखा जाता है और कई लोगों को यातायात नियमों, विशेषकर ट्राफिक सिग्नल का पालन करना बडा असुविधाजनक लगता है और ऐसे लोग लालबत्ती रहने के बाद भी ट्राफिक सिग्नल के नियमों का उल्लंघन करते हुए तेज रफ्तार के साथ रास्ते व चौराहे को पार करते है. जिसके चलते कई बार हादसा घटित होने की संभावना भी बनी रहती है. विशेष उल्लेखनीय है कि, सुबह कार्यालयों व दुकानोें के खुलने का समय रहते वक्त हर कोई काफी जल्दबाजी में रहता है और अपने काम पर जल्द से जल्द पहुंचने के चक्कर में यातायात नियमों के उल्लंघन और ट्राफिक सिग्नल को तोडने का प्रमाण काफी अधिक बढ जाता है. इसमें भी विशेष रूप से तेज रफ्तार के साथ वाहन चलानेवाले युवाओं की संख्या काफी अधिक रहती है.
* पहली बार 500 व दूसरी बार 1500 रूपये का दंड
पहली बार सिग्नल जंप करने पर यातायात पुलिस द्वारा 500 रूपये का दंड लगाया जाता है, वहीं यह गलती दुबारा करने पर 1500 रूपये का चालान दिया जाता है. ऐसे में ट्राफिक सिग्नल पर 10-20 सेकंड रूकना है, या फिर भारी-भरकम जुर्माना भरना है. यह बात कुछ वाहन चालकों द्वारा तय की जानी चाहिए.
* इन चौराहों पर दिखती है सर्वाधिक हडबडी
राजकमल चौक, इर्विन चौक, गर्ल्स हाईस्कुल चौक व पंचवटी चौक पर लगे ट्राफिक सिग्नल पर वाहन चालकों को सर्वाधिक हडबडी होती है और इन स्थानों पर रेड सिग्नल को सबसे अधिक जंप किया जाता है.
* यातायात सिपाहियों का भी नहीं रहता ध्यान
इन सभी स्थानों पर सिग्नल शुरू रहते समय यातायात पुलिस सिपाहियों की भी तैनाती रहती है, लेकिन ज्यादातर समय यातायात सिपाहीं भी अपने मोबाईल में वॉटसएप व फेसबुक पर व्यस्त रहते है. जिनका वाहन चालकों द्वारा सिग्नल तोडे जाने की ओर कोई विशेष ध्यान नहीं रहता. हालांकि कभी-कभार खानापूर्ति और टार्गेट के लिए इक्का-दुक्का वाहन चालकों के खिलाफ चालान की कार्रवाई जरूर की जाती है.
* यलो सिग्नल लगने पर भी निकलते है वाहन
ट्राफिक सिग्नल के हरे से पिला होने के बावजूद वाहन चालकों द्वारा अपनी रफ्तार को कम नहीं किया जाता. इसी दौरान दूसरी ओर के वाहन चालक अपने सिग्नल को लाल से हरा होने से पहले ही अपने वाहन आगे बढाना शुरू कर देते है. ऐसे में कुछ पलों के लिए दो तरफ के वाहन एकसाथ आगे बढते है. जिसकी वजह से कभी भी कोई हादसा घटित हो सकता है.
ट्राफिक सिग्नल कोई असुविधा नहीं, बल्कि हर एक वाहन चालक को सुरक्षित रखने और यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने हेतु अमल में लाई जानेवाली व्यवस्था है. ऐसे में यदि कहीं पर पहुंचने के लिए घर से ही थोडा जल्दी निकले, तो बेवजह की जल्दबाजी व हडबडी को टाला जा सकता है. चौक-चौराहों पर पुलिस मौजूद हो अथवा न हो, लेकिन हर किसी ने सिग्नल का पालन करना ही चाहिए. इसके अलावा यदि साथ में वाहन पर छोटे बच्चे है, तो उस समय ट्राफिक सिग्नल बिल्कुल भी जंप नहीं करना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से बच्चों में यातायात नियमों को लेकर गलत संस्कार पड सकते है. अत: उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए जरूरी है कि, उन्हें बचपन से ही कानून व नियमों का पालन व सम्मान करना सिखाया जाये.
– डॉ. आरती सिंह
शहर पुलिस आयुक्त, अमरावती.