वानखडे साबित हुए ‘बलवंत’, चुने गये सांसद
करीब 24,851 से अधिक वोटों से जीते, अधिकृत घोषणा बाकी
* शुरुआती दौर में दिखा कडा मुकाबला, आठवे राउंड से बदली तस्वीर
* नौवें राउंड के बाद वानखडे ने किया क्लीन स्वीप
* दसवें राउंड की लीड अंत तक बनी और बढती रही
अमरावती/दि.4 – विगत 26 अप्रैल को अमरावती संसदीय क्षेत्र में हुए मतदान की आज हुई मतगणना के दौरान भाजपा प्रत्याशी व निवर्तमान सांसद नवनीत राणा को करारी शिकस्त का सामना करना पडा है. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी व दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक बलवंत वानखडे ने लगभग 24 हजार 851 वोटों की लीड के साथ जीत हासिल की और बलवंत वानखडे अब अमरावती जिले के नये सांसद चुने गये है. इसे अमरावती संसदीय क्षेत्र में काफी बडा उलटफेर माना जा रहा है. क्योंकि नवनीत राणा के समर्थकों व भाजपा पदाधिकारियों सहित सट्टा बाजार में नवनीत राणा की जीत को लेकर जबर्दस्त विश्वास जताया जा रहा था. लेकिन मतगणना के नतीजे बिल्कुल विपरित आये. समाचार लिखे जाने तक मतगणना के अधिकृत रुप से अंतिम आंकडे आने बाकी थे. लेकिन जिला निर्वाचन विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस प्रत्याशी बलवंत वानखडे 24 हजार 851 वोटों की लीड से विजयी हो चुके थे.
आज हुई मतगणना की खासियत यह रही कि, शुरुआती 6 राउंड तक नवनीत राणा और बलवंत वानखडे के बीच एक तरह से लुका-छिपी का खेल चलता रहा. जिसके तहत कभी कुछ वोटों से नवनीत राणा आगे रहती, तो कभी बलवंत वानखडे आगे निकल जाते. लेकिन आठवें राउंड ने एक तरह से पूरी बाजी को ही पलट दिया. जब अमरावती विधानसभा क्षेत्र से नवनीत राणा मात्र 63 वोट मिले और बलवंत वानखडे ने 12 हजार 795 वोट लेते हुए पहली बार करीब 9 हजार वोटों की बढत बनाई. इसके साथ ही नौवें व दसवें राउंड में भी नवनीत राणा को क्रमश: 63 व 403 वोट मिले. वहीं बलवंत वानखडे ने 12 हजार 896 व 12 हजार 473 वोट हासिल करते हुए लगभग 22 हजार वोटों की लीड हासिल की. जाहीर तौर पर आठवें राउंड के बाद से दसवें राउंड तक अमरावती विधानसभा क्षेत्र के मुस्लिम बहुल इलाकों की ईवीएम मशीन में दर्ज वोट गिने गये. जहां पर भाजपा और नवनीत राणा के खिलाफ एकतरफा वोटींग हुई थी. जिसका सीधा फायदा कांग्रेस प्रत्याशी बलवंत वानखडे को मिला और मुस्लिम बहुल इलाकों में बलवंत वानखडे को गठ्ठा वोट हासिल हुए. जिसकी बदौलत बलवंत वानखडे की जीत दसवें राउंड के आसपास ही स्पष्ट हो गई थी. वहीं सभी विधानसभा क्षेत्रों में दोपहर बाद तक 18 राउंड की मतगणना पूरी होते-होते बलवंत वानखडे ने लगभग 20 हजार से अधिक वोटों की लीड हासिल कर ली थी. इस समय तक केवल अचलपुर व मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र की एक-दो राउंड की मतगणना बची हुई थी. जिसमें इतनी बडी लीड का कटना मुश्किल था. जिसके चलते सोलहवें राउंड की मतगणना होते-होते राणा समर्थकों में निराशा व मायूसी छाने लगी तथा सत्रहवें व अठारहवें राउंड की मतगणना के बाद लोकशाही भवन में मौजूद विधायक रवि राणा के भाई सुनील राणा सहित राणा दम्पति के समर्थकों ने बाहर निकलना शुरु कर दिया. वहीं इस समय तक कांग्रेस समर्थकों का जमावडा लोकशाही भवन में लगना शुरु हो गया था. वहीं सत्रहवें राउंड के आसपास कांग्रेस प्रत्याशी बलवंत वानखडे भी लोकशाही भवन में पहुंच चुके थे. जिनके कुछ ही देर बाद कांग्रेस नेत्री व विधायक यशोमति ठाकुर भी लोकशाही भवन पहुंची. जिन्होंने जीत की ओर बढती मतगणना को अपनी आंखों से देखा.
* मुस्लिम बहुल इलाकों की बदौलत वानखडे की जीत
मतगणना के बाद मतदान को लेकर सामने आये आंकडों को देखते हुए साफ तौर पर कहा जा सकता है कि, अमरावती विधानसभा क्षेत्र के मुस्लिम बहुल इलाकों में हुई एकतरफा वोटींग की वजह से कांग्रेस प्रत्याशी बलवंत वानखडे चुनाव जीतने में सफल रहे. अन्यथा जब तक अमरावती संसदीय क्षेत्र के अन्य पांचों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की मतगणना चल रही थी. साथ ही अमरावती विधानसभा क्षेत्र में गैर मुस्लिम इलाकों की काउंटींग हुई. तब तक दोनों प्रत्याशियों के बीच जबर्दस्त कांटे की टक्कर होती दिखाई दी और कई बार मामला बराबरी पर भी छूटता दिखाई दिया. लेकिन जैसे ही सातवें राउंड से अमरावती विधानसभा क्षेत्र के मुस्लिम बहुल इलाकों की मतपेटीयां खुली. वैसे ही अन्य पांचों विधानसभा क्षेत्रों में लीड हासिल रहने के बावजूद भी भाजपा प्रत्याशी नवनीत राणा की लीड कटनी शुरु हो गई और बलवंत वानखडे ने बढत बनानी शुरु कर दी. यह बढत आठवें राउंड के बाद राउंड दर राउंड लगातार बढती रही और अंत तक कायम रही. जिसके चलते कांग्रेस प्रत्याशी बलवंत वानखडे की जीत सुनिश्चित होती चली गई.
* प्रशासन व निर्वाचन विभाग की ढिलाई आयी सामने
आज हुई मतगणना के दौरान स्थानीय जिला प्रशासन व निर्वाचन विभाग के लचर व ढिले कामकाज की असलियत भी उजागर हो गई. क्योंकि मतगणना के आंकडें और जानकारी देने में प्रशासन को काफी विलंब लगा. कहने को तो प्रशासन ने मतगणना स्थल पर मीडिया को जानकारी देने हेतु मीडिया सेंटर स्थापित किया था. लेकिन मीडिया के लिए भी तमाम तरह की बंदिशे लगाई गई थी और हर राउंड की जानकारी करीब पौन से एक घंटा विलंब से मीडिया कर्मियों को दी गई. जबकि दूसरी ओर केंद्रीय निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर राउंड दर राउंड पल-पल की जानकारी अपडेट हो रही थी. जिसकी वजह से स्थानीय मीडिया इस मामले में मजबूरीवश कुछ हद तक पीदे था. इसके अलावा भी मतगणना स्थल पर बनाये गये मीडियासेंटर पर काफी अव्यवस्थाएं रही. जिनकी वजह से मीडिया कर्मी को काफी परेशानी व दिक्कतों का सामना करना पडा.
* सुनील राणा को देखते ही कांग्रेसियों की जबर्दस्त नारेबाजी
मतगणना के अंतिम दौर में पहुंचते ही जब चुनावी नतीजा और भाजपा प्रत्याशी नवनीत राणा की हार लगभग स्पष्ट हो गये, तो लोकशाही भवन में मौजूद विधायक रवि राणा के भाई सुनील राणा अपने समर्थकों सहित वहां से निकलकर बाहर जाने लगे. जिन्हें देखकर लोकशाही भवन परिसर में मौजूद वानखडे एवं कांग्रेस समर्थकों ने ‘वा रे पंजा, आया पंजा’ तथा ‘आता कस वाटते’ जैसे नारे लगाये. इस समय तक लोकशाही भवन परिसर में पहुंच चुकी विधायक यशोमति ठाकुर ने कांग्रेस समर्थकों को समझा बुझाकर शांत करवाया, ताकि किसी भी तरह के तनाव या टकराव वाली स्थिति न बने.
* वानखडे के साथ विधायक यशोमति ठाकुर पहुंची लोकशाही भवन
सोलहवें राउंड के आसपास जैसे ही चुनावी नतीजा स्पष्ट हुआ, वैसे ही कांग्रेस प्रत्याशी बलवंत वानखडे मतगणना स्थल पर पहुंच गये. जिसके थोडी ही देर बाद कांगे्रस नेत्री व विधायक यशोमति ठाकुर भी लोकशाही भवन पहुंची और पार्टी प्रत्याशी वानखडे के साथ लोकशाही भवन के भीतर गई. इस समय पूर्व महापौर विलास इंगोले तथा कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत भी लोकशाही भवन में पहुंच चुके थे. साथ ही लोकशाही भवन के आसपास कांग्रेसियों का जबर्दस्त जमावडा लगना शुरु हो गया था.