अमरावतीमुख्य समाचार

बेटी गोद लेने की चाहत बढी

आज विश्व दत्तक दिवस

* दत्तक लेनेवाले लडकी को गोद लेना कर रहे पसंद

अमरावती/दि.9- इन दिनों यद्यपि कन्या जन्मदर के आंकडे कुछ हद तक चिंताजनक है. किंतु वहीं एक सुखकारी दृश्य भी दिखाई दे रहा है. कई परिवारों अथवा दम्पत्तियों के यहां बच्चे नहीं होने पर वे दत्तक विधान के जरिये बच्चे गोद लेना चाहते है और इस समय लडकियों को ही गोद लेने की चाहत व प्रवृत्ति कई परिवारों व दम्पत्तियों में बढ रही है. केंद्रीय दत्तक संस्था की ओर से जारी आंकडों के मुताबिक महाराष्ट्र इसमें सबसे आगे है.
शिक्षा के बढते प्रमाण तथा सामाजिक संस्थाओं द्वारा किये जाते प्रयासों के चलते इन दिनों दत्तक लेते समय लडकियों को गोद लेने को प्राथमिकता मिल रही है. वर्ष 2014 तक महाराष्ट्र में लडकों को दत्तक लेने का प्रमाण काफी अधिक था. किंतु वर्ष 2020-21 में लडकियों को दत्तक लेने की संख्या डेढगुना अधिक बढ गई है.
भारत में दत्तक प्रक्रिया संभालनेवाली संस्था सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स एथारिटी (कैरा) द्वारा जारी किये गये आंकडों के मुताबिक महाराष्ट्र में वर्ष 2014 में कुल 1 हजार 68 बच्चे गोद लिये गये. जिसमें से 543 लडके व 525 लडकियां थी. वहीं वर्ष 2021 में गोद लिये गये. 593 बच्चों में से लडकियों की संख्या 354 है. इसमें यह विशेष उल्लेखनीय है कि, जहां एक ओर प्रतिवर्ष बच्चों को गोद लेने का प्रमाण घट रहा है, वहीं गोद लिये जानेवाले बच्चों में लडकियों का प्रमाण बढ रहा है.

* दस वर्षों में आधी हो गई दत्तक विधान की संख्या

विगत दस वर्षों के दौरान देश में बच्चों को गोद लेनेवालों की संख्या घटकर आधी हो गई है. वर्ष 2011 में करीब 6 हजार बच्चों को गोद लिया गया था. वहीं वर्ष 2021 में यह संख्या घटकर 3 हजार 142 पर आ गई है. वर्ष 2015 में सरकार द्वारा बच्चों को दत्तक लेने की प्रक्रिया ऑनलाईन कर दी गई. इसमें लगनेवाली कालावधी कुछ अधिक होती है. ऐसे में गैरकानूनी तरीके से दत्तक लेने के मामले बढ गये. इस वजह से भी कानूनन दत्तक लेनेवालों की संख्या कम दिखाई दे रही है. जानकारी के मुताबिक कानूनन दत्तक लेने की पूरी प्रक्रिया पूर्ण होने के लिए 2 से 3 वर्ष की कालावधि लग जाती है. ऐसे में गैरकानूनी दत्तक विधान के मामले बढ गये है. कई लोग तो सीधे अस्पताल से ही बच्चे को दत्तक ले लेते है. इसके अलावा 18 वर्ष से कम आयुवाली युवती का बच्चा रहने पर पोक्सो कानून के चलते भी लोग गैरकानूनी तरीके से दत्तक प्रक्रिया करते है, ऐसा पता चला है.

* दत्तक विधान के लिए यह ध्यान में रखे
– दत्तक बालक व पालक के बीच कम से कम 25 वर्ष की आयु का फर्क होना जरूरी.
– दम्पत्तियों द्वारा अपने विवाह के दो वर्ष पश्चात बच्चे दत्तक लिये जा सकते है.
– एकल पालक की आयु 55 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए.
– एकल पुरूष किसी लडकी को दत्तक नहीं ले सकते. किंतु एकल महिला को लडकी अथवा लडके को दत्तक लेने का अधिकार है.
– तीन से अधिक बच्चे रहनेवालों द्वारा अपवादात्मक स्थिति को छोडकर बच्चे दत्तक नहीं लिये जा सकते.

Related Articles

Back to top button