अमरावतीमहाराष्ट्र

एकादशी को कौंडण्यपुर में वारकरी सम्मेलन

अमरावती/दि.14– हाल ही में एक दूसरे का सम्मान व तत्व का आचरण व प्रचार करनेवाले इस ध्येय से प्रेरित वारकरी पंथ की शिक्षा की वर्तमान समय में अत्यंत आवश्यकता है. जिसके कारण श्री संत नामदेव वारकरी पंथ विचार प्रसारक मंडल ने मोहनी एकादशी 19 मई को सुबह 9.30 से दोपहर 1 बजे तक वारकरी सम्मेलन आयोजित किया है.

शंकराचार्य के बाद धर्म जागृति के लिए विठ्ठल को भारतीय के मन में विराजमान कर सबसे अधिक भ्रमण करने से निरंतर हरिनाम की गूंज बढती है. श्री संत ज्ञानेश्वर को उनके योग साधन की अपेक्षा उनके नाम की भक्ती श्रेष्ठ लगी तथा जगदगुरू श्री तुकाराम ने उनसे प्रेरणा लेकर अभंग की परंपरा शुरू रखी. वारकरी पंथ के चौथे आधारस्तंभ एकनाथ संत यानी पूर्व जन्म के भक्त प्रहलाद, दूसरे जनम के अंगद के रूप में श्रीराम के साथ रहनेवाले तथा श्रीकृष्ण अवतार में उध्दव के रूप में गौरवान्वित किया.

इस कार्यक्रम के अध्यक्ष एड. नंदेश अंबाडकर, उदघाटक अमित कुबडे, सत्कारमूर्ति सुधाकर होले , अध्यक्ष गजानन महाराज मंदिर कौंडण्यपर, मार्गदर्शक के रूप में नामदेव गव्हाले तथा प्रमुख अतिथि के रूप में चंद्रकांत कलोती, सुरेंद्र भुयार, ज्ञानेश्वल धाने पाटिल, सुदर्शन जैन, ले. कर्नल एल डब्ल्यू गाले, प्रशांत देशपांडे, रविराज देशमुख, मनोहर बुध, नितिन कोल्हटकर, अजय बोडे, बिटूसिंग सलुजा, संजीव देशपांडे आदि. आयोजन समिति में सुनील भाई जांगिड, प्रभुदयाल जयस्वाल, ज्ञानेश्वर टाकरखेडे, श्रीधर कावलकर, सुधीर भिसे, अतुल ठाकरे आदि .

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