जिला परिषद के ‘भांडार’ में 15 वर्षों से ‘वारकरी’ का ठिया
औषध वितरण कंपनी की नियुक्ति हेतु जबरदस्त लॉबिंग

* ई-निविदा प्रक्रिया पर लग रहे सवालिया निशान
अमरावती/दि.5- किसी भी सरकारी अधिकारी व कर्मचारी द्वारा एक ही स्थान पर कितने वर्ष पदस्थ रहते हुए सेवा प्रदान की जाए, इसकी स्पष्ट नियमावली है. परंतु अमरावती जिला परिषद के स्वास्थ विभाग अंतर्गत ‘भांडार’ में औषध निर्माण अधिकारी पद पर अमोल वारकरी विगत करीब 12-15 वर्षों से पदस्थ है. जिनका तबादला होने के कुछ ही दिन बाद उनकी प्रतिनियुक्ति का आदेश जारी हो जाता है. जिसके लिए कौनसा ‘अमोल’ जादू किया जाता है, यह अब संशोधन का विषय हो चला है.
* मुख्य भांडारपाल केवल नाम के लिए
जिला परिषद में मुख्य भांडारपाल के तौर पर नितिन गुप्ता कार्यरत है. परंतु भांडार विभाग का पूरा कामकाज औषध निर्माण अधिकारी अमोल वारकरी द्वारा सर्वेसर्वा के तौर पर संभाला जाता है. साथ ही अमोल वारकरी इन दिनों डीएचओ के भी बेहद नजदिकी व प्रिय बने हुए है. जिसके चलते भले ही नितिन गुप्ता मुख्य भांडारपाल है, परंतु वे नाममात्र के मुख्य है तथा असल में अमोल वारकरी ही भांडार कक्ष में सबसे प्रमुख है.
* ‘ग्लेशिअर’ को 5 करोड की ऑर्डर
जिला परिषद के स्वास्थ विभाग ने वर्ष 2024-25 के दौरान अमल में लाई गई दवा व साहित्य आपूर्ति की 12 करोड रुपयों की निविदा प्रक्रिया में ‘ग्लेशियर’ नामक कंपनी को 5 से साढे 5 करोड रुपयों का ऑर्डर दिया गया. यद्यपि ‘ग्लेशियर’ का नाम उत्पादक कंपनी के तौर पर पंजीकृत है, परंतु स्थानीय एमआईडीसी में इस कंपनी का कारखाना बंद पडा हुआ है. साथ ही इस कंपनी केवल मेडीसीन की अनुमति रहने के बावजूद अन्य साहित्य आपूर्ति करने का आदेश भी दिया गया. यह निविदा मैनेज होने का ज्वलंत उदाहरण है. पता चला है कि, ‘ग्लेशियर’ कंपनी भी विगत 5 से 7 वर्षों से जिला परिषद में ठिया जमाए बैठी है और यदि ‘ग्लेशियर’ की जांच की जाती है तो जिला परिषद में ‘टॉप टू बॉटम’ होनेवाली गडबडियां निश्चित तौर पर उजागर होंगी.
* जिला परिषद के भांडार में अमोल वारकरी अगस्त 2023 से कार्यरत है. उन्हें सप्ताह में तीन दिन अमरावती तथा तीन दिन अपने मुख्यालय में हाजिर रहने का आदेश तत्कालीन सीईओ द्वारा ही जारी किया गया था.
– डॉ. सुरेश आसोले
जिला स्वास्थ अधिकारी
जिप, अमरावती.