अमरावती/प्रतिनिधि दि.२८ – महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के जरिए किए जाने वाले जलापूर्ति के बिल भी नागरिकों को अनाप-शनाप भेजे जा रहे जिससे नागरिकों में रोष उमड रहा है. मीटर रिडिंग में खराबी होने का प्रकार होने से संबंधित यंत्रणाओं व्दारा इसमें तत्काल दुरुस्ती करने की मांग जोर पकडने लगी है. यहां रोजाना 50 से 60 ग्राहक पानी के बिल की शिकायतों को लेकर मजीप्रा कार्यालय की दहलीज लांघ रहे है. लेकिन प्रत्येक जगह के नागरिकों के लिए अलग-अलग शिकायत निवारण केंद्र रहने से उन्हें परेशान होना पड रहा है.
हालात यह है कि कार्यालय में पहुंचने पर अधिकारी मौजूद रहे तो ठीक नहीं तो शिकायतकर्ताओं को उल्टे पांव अपने घर लौटना पडता है या फिर दोबारा कार्यालय पहुंचकर अपने बिल में सुधार करना पड रहा है. किशोर नगर में रहने वाले जी.टी. मोेरे को अचानक 14 हजार रुपए पानी का बिल आया. जिसके बाद उनका बेटा मंगेश मोरे मजीप्रा कार्यालय पहुंचा और शिकायत दर्ज करायी लेकिन इस समय संबंधित अधिकारी ने मीटर रिडिंग में दोष होने की बात कहते हुए उसमें दुरुस्ती कर 4 हजार 900 का बिल दिया. ऐसी अनेकों शिकायतें इन दिनों मजीप्रा कार्यालय में आ रही है इसलिए संबंधित विभाग ने कामकाज में दुरुस्ती करने की मांग की जा रही है.
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अभी भी रसीद देने की पद्धति बरकरार
वर्तमान के डिजीटालाइजेशन के दौर में भी मजीप्रा अपनी पुरानी पद्धति पर ही अमल कर रही है. बिल भरने के बाद रसीद देने की पुरानी पद्धति मजीप्रा में आज भी बरकरार है. ऐसे में इस पुरानी पद्धति का कोई भी गलत फायदा उठा सकता है.
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कम्प्युटीकरण होगा
बिलों में अंतर आने के अनेक कारण हो सकते है फिलहाल हम पूरी यंत्रणाओं को कम्प्युटर प्रणाली से जोड रहे है. रिडींग लेने का काम निजी ठेकेदार के मार्फत किया जाता है इसमें यदी कुछ दिक्कते आती है तो वह अधिकारी दुरुस्त कर देतेे है.
– रक्ताले, कार्यकारी अभियंता मजीप्रा