अमरावती में इस बार दिखाई नहीं दी जलमुर्गी
वन्यजीव व पर्यावरण संवर्धन संस्था की ओर से गणना की गई
अमरावती/दि.8 – जिले की अप्परवर्धा, केकतपुर अथवा उस क्षेत्र के स्थल पर ‘भारतीय पाणचिरा (जलमुर्गी)’ यानी इंडियन स्कीमर नाम का दुर्लभ पक्षी कभी कभार आता है. वन्यजीव व पर्यावरण संवर्धन संस्था की ओर से पाणचिरा(जलमुर्गी) की गणना की गई.
बर्डलाईफ इंटरनैशनल 2013 में ‘भारतीय जलमुर्गी’ इस पक्षी का समावेश संभावित संकटग्रस्त (एनटी) इस श्रेणी में किया है. इस पक्षी का अधिवास सखल नदियों और तलाव के किनारे, किंतु नदी व किनारे पर रेती उपसा व मानवी हस्तक्षेप के कारण उनकी संख्या तेजी से कम होने से यह प्रजाति संकट में आ गई है. यह पक्षी पाकिस्तान से नेपाल और भारत से बंग्लादेश और म्यान मार तक बड़ी नदिया तथा तालाब पर दिखाई देती है. दिनों दिन नदी व तालाब पर बढनेवाला प्रदूषण, कीचड, पत्थर व रेती उपसा बढाने वाली मानवी बस्तियां, अनिर्बंध पानी का उपयोग इस प्रकार के मानवी हस्तक्षेप के कारण यह प्रजाती संकट में दिखाई दी है.
बॉम्बे नॅचरल हिस्ट्री सोसायटी यह संस्था ‘जलमुर्गी’ इन पक्षियों के अधिक अभ्यास करने के लिए पूरे भारतभर में उनकी गणना करती है उनका इस अभ्यास में अमरावती के वन्यजीव पर्यावरण संवर्धन संस्था का पक्षी अभ्यासक हर साल शामिल होते है. इस पक्षी के स्थिति संबंध में जानकारी संबंधितों को दी जाती है. इस वर्ष भी वेक्स की ओर से 1 और 2 जनवरी को जिले के विविध पाणस्थल पर जलमुर्गियों के पक्षियों की गणना की गई. इसमें अप्पर वर्धा बांध, केकतपुर तालाब, नारायणपुर तालाब इन जगह का समावेश था. किंतु यह पक्षी इस वर्ष दिखाई नहीं दिया. इस गणना में पक्षी अभ्यासक डॉ. जयंत वडतकर, गजानन वाघ, किरण मोरे, सफल पाटिल का समावेश था.
- अप्परवर्धा बांध व केकतपुर तालाब में जलमुर्गी यह पक्षी शीतकाल में स्थलांतर करके आता है. जिसके कारण इस जगह पर आगामी दो माह मेें विशेष ध्यान दिया जायेगा. तालाब पर पक्षियों की जानकारी पक्षी पंजीयन ई-बर्ड इस वैश्विक संकेत स्थल पर डाली जायेगी. मार्च तक जलमुर्गी का पंजीयन अवश्य होगा.
– किरण मोरे, समन्वयक