अमरावती/दि.10 – फरवरी माह के दूसरे सप्ताह से सूरज की तपन बढी है. आगामी कुछ दिनों में बढती गर्मी का असर दिखाई देगा दूर दराज के गांवों में जलसंकट भी दिखाई देगा. किंतु संभाग में ग्रीष्म काल में संभावित जलसंकट को लेकर प्रशासन ने अब तक कोई उपाय योजना शुरु नहीं की. यहां तक की उपाय योजना का प्रारुप भी नहीं बनाया है. यह प्रारुप संभागीय आयुक्तालय की मंजूरी के बाद ही क्रियान्वित होता है.
आम तौर पर हर साल जनवरी के अंतिम सप्ताह तक संभाग के पांचों जिले में संभावित जलसंकट से निपटने के लिए उपाय योजनाओं का प्रारुप तैयार हो जाता था. किंतु इस साल अनदेखी की जा रही है. प्रशासन व्दारा की जा रही अनदेखी से आनेवाले समय में नागरिकों को भीषण जल समस्या से गुजरना पडेगा. हांलाकि अनेक तहसीलों में जलजीवन मिशन के तहत विभिन्न कार्य किए जा रहे है लेकिन भीषण गर्मी तक यह कार्य निपटने की संभावना कम है.
प्रशासन के पास कोई भी बहाना नहीं
जल संकट निवारण के लिए ग्राप पंचायत स्तर से जानकारी तहसील कार्यालय के माध्यम से जिप प्रशासन के पास इकट्ठा की जाती है. जिसके बाद संभागीय आयुक्त कार्यालय में जिलावार प्रारुप तैयार किया जाता है. पिछले वर्ष प्रारुप के विलंब के लिए प्रशासन ने ग्रामपंचायत चुनाव तथा कोरोना महामारी को वजह बताया था लेकिन अब इस साल प्रशासन के पास कोई भी बहाना नहीं है.