अमरावती

बिना टिल्लू पंप लगाये नल से आता ही नहीं पानी!

खुद मजीप्रा ही खडा है सवालों के घेरे में

* शहर के कई इलाकों में कम दाब व अपर्याप्त जलापूर्ति की समस्या
अमरावती/दि.13- शहर में कई स्थानों पर एक दिन अथवा दो दिन की आड में नलों से पानी की आपूर्ति हो रही है. लेकिन यह आपूर्ति भी अपर्याप्त और असमय होने की शिकायतें बडे पैमाने पर सामने आ रही है. जिसकी वजह से लोगों को काफी तकलीफों व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. बेहद कम दबाव के साथ होनेवाली जलापूर्ति की वजह से कई स्थानों पर नलों के साथ टिल्लू मोटर पंप लगाकर पानी खींचा जाता है. क्योंकि बिना मोटर लगाये पानी नहीं आता. वहीं शहर में अनेकों स्थानों पर धडल्ले से टिल्लू मोटर पंप लगाये जाने के चलते सारा पानी इन्हीं मशीनों के जरिये खींच लिया जाता है और अन्य लोगों को पानी ही नहीं मिल पाता. ऐसे में शहर में काफी हद तक कृत्रिम जलकिल्लत की समस्या है. हालांकि जीवन प्राधिकरण द्वारा शहरवासियों से जलापूर्ति की पाईपलाईन पर टिल्लू पंप का प्रयोग नहीं करने का आवाहन किया जाता है. साथ ही टिल्लू पंप का प्रयोग करनेवाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है. लेकिन सबसे बडे सवालों के घेरे में इस समय खुद मजीप्रा है, क्योेंकि अगर जीवन प्राधिकरण द्वारा समूचित दबाव के साथ पर्याप्त प्रमाण में जलापूर्ति की जाती है, तो लोगों को टिल्लू मोटर पंप लगाने और नाहक ही बिजली खर्च करने की जरूरत ही नहीं पडेगी.

* शहर में है 98 हजार नल कनेक्शनधारक
महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण द्वारा अमरावती शहर में घरेलू, व्यवसायिक, शैक्षणिक संस्था व सरकारी कार्यालय आदि मिलाकर 98 हजार नल कनेक्शन दिये गये है. इन दिनों शहर के पॉश व संभ्रांत इलाकों में दो-तीन मंजिला भवनों सहित बहुमंजिला इमारतों का बडे पैमाने पर निर्माण हो रहा है और शहर में लगातार होते विस्तार व जनसंख्या वृध्दि की वजह से पानी की जरूरत भी बढ रही है. साथ ही साथ कई बार लोगों द्वारा नाहक ही पानी की बर्बादी भी की जाती है. ऐसे में दिनोंदिन पानी की किल्लत का संकट गहरा रहा है. वहीं दूसरी ओर जीवन प्राधिकरण द्वारा नलों के जरिये बेहद कम दबाव के साथ पानी छोडा जाता है. जिसकी वजह से लोगबाग अपनी जरूरत के लिहाज से पर्याप्त पानी नहीं भर पाते. ऐसे में कई लोग फटाफट पानी भरने के लिए टिल्लू मोटर पंप का प्रयोग करते है. परंतू ऐसा करने से अन्य कनेक्शन धारकों को थोडा-बहुत पानी भी नहीं मिल पाता.

* एक दिन की आड में केवल एक घंटे के लिए पानी
शहर में कुछ वर्ष पहले रोजाना और हर दिन सुबह-शाम जलापूर्ति की जाती थी और शहर की पानी संबंधी जरूरतों के लिहाज से अप्पर वर्धा बांध को वरदान माना जाता था. परंतु यह स्थिति लंबे समय तक नहीं रही, क्योंकि कुछ अरसा पहले जलकिल्लत की समस्या को आगे करते हुए जीवन प्राधिकरण द्वारा पहले केवल रोजाना एक ही समय जलापूर्ति शुरू की गई और अब एक दिन आड जलापूर्ति करने की व्यवस्था पर अमल किया जा रहा है. इसमें भी हर दो दिन बाद जीवन प्राधिकरण द्वारा केवल एक घंटे के लिए नलों के जरिये पानी छोडा जाता है और उसमें में भी पर्याप्त दबाव नहीं रहने के चलते नलों से पानी बराबर नहीं आता. ऐसे में स्वाभाविक तौर पर हर कोई पानी संबंधी अपनी जरूरत पूरी करने के लिए टिल्लू पंप का प्रयोग करने के बारे में सोचता है और कई स्थानों पर टिल्लू पंप को प्रयोग में लाया भी जाता है, क्योंकि इन दिनों गर्मी का मौसम जारी रहने की वजह से पानी की जरूरत काफी अधिक बढ गई है. वहीं जीवन प्राधिकरण द्वारा जरूरत के लिहाज से बेहद कम जलापूर्ति की जा रही है.

* शहर को रोजाना कितने पानी की जरूरत
अमरावती शहर में जलापूर्ति के लिए अप्पर झोन व लोअर झोन ऐसे दो विभाग बनाये गये है और हर दिन अलग-अलग झोन में 108 दलघमी पानी वितरित किया जाता है, यानी एक दिन अपर झोन में 108 दलघमी पानी वितरित होता है, वहीं दूसरे दिन लोअर झोन में 108 दलघमी पानी का वितरण किया जाता है.

* अब तक नहीं हुई एक भी कार्रवाई
शहर के कई इलाकों में लोगोें ने पानी भरने के लिए सीधे नल पर टिल्लू मोटर लगा दी है. किंतु एक नल पर मोटर लगाने का परिणाम आसपास के चार कनेक्शनधारकोें पर होता है. ऐसे में जीवन प्राधिकरण द्वारा बार-बार नल पर टिल्लू मोटर लगानेवाले कनेक्शनधारकोें के खिलाफ कारवाई करने की बात कही जाती है. हालांकि अब तक ऐसी कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि, जीवन प्राधिकरण द्वारा नलों के जरिये शुध्द पेयजल रहनेवाला पानी उपलब्ध कराया जाता है. किंतु लोगबाग इस पानी का प्रयोग आंगन व बगीचे में डालने, अपने वाहन धोने तथा भवन निर्माण संबंधी कामों के लिए भी करते है. जिसके लिए नलों पर टिल्लू मोटर लगाते हुए इस पानी का संग्रहण किया जाता है, जबकि पेयजल के अलावा अन्य कामों हेतु प्रयोग करने के लिए कुएं अथवा बोअरवेल के पानी का भी प्रयोग किया जा सकता है, ताकि शुध्द पेयजल की किल्लत को टाला जा सके.

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