यवतमाल/दि.17 – क्षेत्र में भरपूर बरसात होने और जलाशयों के लबालब रहने पर भी यवतमाल के अनेक भागों में 8 से 10 दिनों में एक बार जल सप्लाई हो रही हैं. इसके पीछे बेंबला प्रकल्प से जलापूर्ति की योजना का क्रियान्वयन न हो पाना और भ्रष्टाचार के आरोप भी स्थानीय लोग लगा रहे हैं. शहर के कई भागों में जलापूर्ति नियमित नहीं होने से त्यौहार के दिनों में लोगों को नाहक भागमभाग करनी पड रही. गृहणियां विशेष रुप से हलकान हो रही हैं.
* 5 वर्ष पहले मंजूर
यवतमाल शहर के लिए केंद्र सरकार ने 5 वर्ष पूर्व 302 करोड रुपए की जलापूर्ति योजना मंजूर की थी. बेंबला नदी से शहरवासियों को पेयजल पहुंचाने का प्लान था. मगर आरोप है कि, महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने इस फंड का अधिकांश हिस्सा गडप कर दिया. जिसके कारण 2018 से बेंबला नदी के पानी सप्लाई का वादा पूर्ण नहीं हो सका. आज 2022 में भी केवल कागज पर ही वादा पूरा हुआ हैं.
* पाचगडे ने लगाया आरोप
सूचना अधिकार कार्यकर्ता दिगंबर पाचगडे ने भंयकर भ्रष्टाचार और लालफीताशाही का आरोप मजीप्रा पर लगाया हैं. उन्होंने उच्चस्तरीय जांच की मांग की हैं.
* गंदा पानी मिला
पारस नगर की गृहिणी राजश्री मानकर ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि, 8 दिनों बाद नलों में पानी आया, मगर वह भी गंदा और कीडों से भरा रहा. शनिवार को उन्होंने जैसे ही नल खोला. पानी के साथ कीडें और कीटानु निकले. वे पानी का यह नमूना लेकर मजीप्रा के दफ्तर पर धमकी थी.