अमरावतीमहाराष्ट्र

लोणार झील का बढा जलस्तर, बबूल निकालने का काम रोका

दो दिन पहले संभाग आयुक्त ने किया था सर्वेक्षण

* हाईकोर्ट की निगरानी में चल रहा विकास कार्य
लोणार/दि.11– विश्व प्रसिद्ध लोणार झील का जलस्तर बढ जाने से वहां अवाच्छित झाडियां और बबूल नष्ट करने का काम रोकना पडा है. यह जानकारी जंगल महकमे ने लोणार झील संवर्धन समिति को भेजी रिपोर्ट में दी है. रिपोर्ट के अनुसार 20 हेक्टेयर से अवाच्छित झाडियां हटा दी गई है. अभी भी 34 हेक्टेयर से यह झाडियां और बबूल निकाला जाना बाकी है. वनों के उपसंरक्षक चेतन राठोड ने बताया कि, झील के इतर जमीन का एक बार फिर वर्गीकरण और वृक्ष गणना कर अवाच्छित झाडियां हटाना शुरु किया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि, लोणार झील विश्वभर में प्रसिद्ध और विश्व हैरिटेज में शामिल है. यह उल्कापिंड के पृथ्वी से टकराने से निर्मित विश्व के एकमात्र झील है. यहां का विकास कार्य नागपुर खंडपीठ की देखरेख में हो रहा है. दो रोज पहले विभागीय आयुक्त डॉ. निधि पाण्डेय ने यहां के कामों का स्वयं अवलोकन किया था. उन्होंने अधिकारियों को उचित निर्देश दिये. यह भी बता दें कि, निजी व्यक्तियों की याचिका पर बंबई उच्च न्यायालय ने विभागीय आयुक्त को तत्संबंधी निर्देश दे रखे हैं.
वनविभाग ने बताया कि, विभिन्न कारणों से झील का जलस्तर गत दो वर्षों में बढा है. जिसके कारण झील के आसपास बढी झाडियां हटाना संभव नहीं हो सका. जिलाधीश किरण पाटिल ने संवर्धन समिति की बैठक में बताया कि, झाडियों को वैसे ही रखने से जैवविविधता पर विपरित परिणाम हो सकता है. इसलिए झील के बाहर इतरत्र बढ रही झाडियां हटा देने के निर्देश समिति सदस्य एड. सीए कप्तना ने दिये. उनके निर्देश पर शीघ्र वनविभाग शेष क्षेत्र का वर्गीकरण कर पानी से बाहर पेडों की गणना और जीपीएस ट्रैक लेकर नये सिरे से प्लॉट निर्धारित कर झाडियां हटाएगा. यहां के देखरेख का बजट तैयार किया गया है. जो जनवरी 2025 तक पूर्ण हो जाने की जानकारी भी दी गई.
* सास-बहू कुएं का जलस्तर बढा
लोणार झील परिसर के सास-बहू कुएं का जलस्तर 4.45 मीटर हो गया है. जिससे झील क्षेत्र का भी जलस्तर बढने का अंदाज है. बुलढाणा सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता ने पिछले वर्ष दिसंबर में जो रिपोर्ट दी थी. उसके अनुसार झील का जलस्तर कम हुआ था. उसके बाद कमलजा माता मंदिर के सामने सास-बहू कुएं का जलस्तर बढा है.

 

Back to top button