मेलघाट के खडीमल सहित 20 गांवों में पानी की समस्या
आदिवासियों को करना पड़ रहा है जल किल्लत का सामना
चिखलदरा/दि.4– मेलघाट के चिखलदरा तहसील के खडीमल गांव सहित 20 गांवों में पानी की किल्लत का सामना आदिवासियों को करना पड़ रहा है. ग्रीष्मकाल के आखिरी चरण में तीव्रता बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है. यहां पर सुबह से ही लोग पानी के लिए टैंकर का इंतजार करते दिखाई देते हैं. कुएं में टैंकर का पानी डालते ही रस्सी से बांधी गई सैकड़ों बाल्टियां एक ही समय में कुएं में डाली जाती है.
मेलघाट में 25 वर्षों से यहीं अवस्था है. पानी का स्तर कम होने से लाखों रुपए की योजना मृत समान है. टैंकर के बगैर कोई भी पर्याय नहीं है. फरवरी महीने से अनेक गांवों में जल की समस्या निर्माण होती है.
मेलघाट के समीप स्थित शहानूर बांध से अंजनगांव, दर्यापुर तहसीलों को, चंद्रभागा बांध से अचलपुर, परतवाडा शहर तो सापन प्रकल्प से चांदूर बाजार व अचलपुर तहसील के 85 गांवों को जलापूर्ति होती है. लेकिन पानी देने वाले तहसीलों के आदिवासियों को पानी के लिए इघर उधर भटकना पड़ता है.
करीबन 800 लोगों की बस्ती वाले खड़ीमल गांव को तीन किलोमीटर दूरी पर के नवलगांव के कुएं से जलापूर्ति की जाती है. बीजली नहीं होने से सौर ऊर्जा पंप पर दो टैंकर भर जायेंगे, इतना ही पानी निकलता है. यह पानी कुएं में डालने के बाद आदिवासी बाल्टी से पानी निकालकर ले जाते हैं. खराब रास्तों के कारण प्रशासन दूसरा टैंकर नहीं लगा सका.
20 गांवों में टैंकर
चिखलदरा तहसील के आवागड,खंडुखेडा,खोंगडा,एकझिरा, गौलखेडा बाजार,धरमडोह,बहादरपुर, आकी, नागापुर, सोमवारखेडा, मोथा, आलाडोह, लवादा, बगदरी, तोरणवाडी, तारुबांदा, रायपुर, खडीमल आदि 20 गांवों में टैंकर से जलापूर्ति की जाती है.