* वापसी की बारिश पर ही सब कुछ निर्भर
चिखलदरा/दि.12- इस बार संतोषजनक बारिश न होने से जल किल्लत का संकट आगामी ग्रीष्मकाल में रहने के संकेत है. इस दृष्टि से जिला प्रशासन की तरफ से जानकारी संकलित कर अक्तूबर माह में जल किल्लत प्रारुप तैयार किया जाने वाला है.
जिले में इस बार शुरुआत में हुई दो दफा अतिवृष्टि के बाद बारिश ने मुंह मोड लिया. कुछ तहसील में जोरदार बारिश हुई तथा अंजनगांव-दर्यापुर तहसील में कम बारिश हुई है. इस कारण अनेक इलाकों की खरीफ फसल पर असर हुआ. बदले वातावरण के कारण और बारिश न होने से फसलें झूक गई. जिले के कुछ मध्यम, लघु प्रकल्प का जलस्तर भी कम हुआ है. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष बारिश कम दिन हुई है. 14 सितंबर के बाद बारिश का अनुमान है. जिले में औसतन 62.3 प्रतिशत बारिश हुई है. पिछले वर्ष की तुलना मेंं यह बारिश कम है. आगामी कुछ दिनों में बारिश की संभावना है. जिले के कुछ मंडलों में बारिश ने अतिवृष्टि के बाद मुंह मोड लिया. इस कारण दर्यापुर-अंजनगांव समेत अन्य तहसीलोेें में भी बारिश की आवश्यकता है. मध्य प्रकल्प शतप्रतिशत भरे नहीं है तथा गांव की तालाब की स्थिति भी उसी तरह है. जिले के चिखलदरा तहसील के 10 गांव में हर वर्ष ग्रीष्मकाल में जल किल्लत निर्माण होती है. लेकिन इस वर्ष कम बारिश होने से जिले के अन्य कुछ गांव में भी संभावित जल किल्लत निर्माण हो सकती है. संभावित जल किल्लत प्रारुप अक्तूबर माह में हर वर्ष के मुताबिक तैयार किया जाता है. हर वर्ष 5 से 6 करोड का खर्च आता है. इस वर्ष बारिश कम होने से खर्च बढने वाला है.
* इस बार भी टैंकर का पानी
जिले में गत ग्रीष्मकाल में चिखलदरा तहसील में 14 गांव में टैंकर से जलापूर्ति की गई थी. गत वर्ष बारिश संतोषजनक होने के बाद भी मेलघाट में टैंकर का पानी लगा था. इस बार फिर से वैसी ही परिस्थिति रहने वाली है.
* जिले में अभी परिस्थिति गंभीर नहीं
पिछले तीन-चार दिनों में अनेक तहसीलों में बारिश हुई है. जिले में अभी परिस्थिति गंभीर नहीं है. अक्तूबर माह में साल का नियोजन किया जाने वाला है. बारिश न होने पर 10 करोड से अधिक खर्च अपेक्षित है.
– संदीप देशमुख,
कार्यकारी अभियंता, जिप जलापूति