अमरावतीमहाराष्ट्र

पश्चिम विदर्भ के कई बांधों का जल भंडारण हो रहा कम

पानी के वाष्पीकरण की बढ रहीं दर

* अगले दो माह में जलसंकट निर्माण होने की संभावना
अमरावती/दि.10– पिछले साल पर्याप्त बारिश के बावजूद, पिछले कुछ महीनों में पानी की खपत बढने के कारण पश्चिम विदर्भ के कई बांधों में पानी का भंडारण कम होने लगा है. इसके अलावा, भीषण गर्मी के कारण विभिन्न शहरों को पानी की आपूर्ति करने वाले बांधों में पानी के वाष्पीकरण की दर बढने लगी है. जल भंडार के तेजी से खत्म होने के कारण, पश्चिम विदर्भ के जलभंडारण में अब 1240 मिलियन क्यूबिक मीटर (39 प्रतिशत) पानी बचा है.
वर्तमान में प्रमुख प्रकल्पों में 41.12 प्रतिशत और मध्यम प्रकल्पों में 41.12 प्रतिशत है. छोटे प्रकल्पों में 41.64 प्रतिशत एवं 33.50 प्रतिशत जल भंडार बचा हुआ है. अमरावती शहर को जलापूर्ति करने वाले अपर वर्धा बांध में 289 दलघमी यानी 51.41 प्रतिशत तथा अकोला वासियों की प्यास बुझानेवाले काटेपूर्णा बांध में 24.71 दलघमी यानी 28.71 प्रतिशत जलसंग्रह है. बुलढाणा जिले में नलगंगा और पेनटाकली प्रकल्प में में क्रमश: 29.34 व 18.92 प्रतिशत जल भंडार शेष रहने से खतरे की घंटी बज गयी है. एक सप्ताह के अंदर जल भंडारण में करीब दो फीसदी की कमी आयी है. इस साल बांधों के नहीं भरने से पानी की कमी महसूस की जा रही है. पानी के वाष्पीकरण की दर बढ रही है और जल भंडारण कम हो रहा है. जुलाई से जनवरी तक बांधों में जल स्तर लगभग चार मिलीमीटर प्रतिदिन होता है. यह अनुभव किया गया है कि जनवरी के बाद गर्मी बढ जाती है और वाष्पीकरण की दर भी बढ़ जाती है. जनवरी से मार्च तक तीन महीनों में वाष्पीकरण की दर लगभग छह मिलीमीटर प्रति दिन होने का अनुमान है, ऐसा जलसंपदा विभाग के अधिकारियों ने बताया.
गर्मी के अगले दो महीने और भी बदतर होने की संभावना है. अप्रैल और मई के दौरान वाष्पीकरण की दर आठ से नौ मिमी प्रतिदिन होती है. अकोला और अमरावती शहर का तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. पिछले साल सितंबर के अंत में, अमरावती विभाग के दस प्रमुख प्रकल्पों में से अपर वर्धा प्रकल्प में 98.04 प्रतिशत, बेम्बला प्रकल्प में 71.85 प्रतिशत, अरुणावती में 100 प्रतिशत, काटेपूर्णा में 80.35 प्रतिशत, वान में 96.7 प्रतिशत, पेनटाकली में 52.24 प्रतिशत जलभंडारण हुआ था. अब यह आधे से भी कम हो गया है.
* जल भंडारण की वर्तमान स्थिति
अमरावती जिले के शहानुर प्रकल्प में 50.15 प्रतिशत, चंद्रभागा 64.78, पूर्णा 66.98, सपन 57.82, यवतमाल जिले के अघरपुस में 70.55, सायखेडा 49.44, गोकी 53.22, वाघाडी 53.96, बोरगांव 23.75, नवरगांव 34.67, अकोला जिले के निर्गुणा में 17.30, मोर्णा 33. 48, उमा 14.21, घुंगशी 30.46 , वाशिम जिले में अडाण में 54.16, सोनल 32. 92, एकबुर्जी 29.32, बुलढाणा जिले के ज्ञानगंगा में 46.09, पलढग में 37.95, मस में 36.37, कोराडी में 28.77, मन 14.28, तोरणा 8.62, उतावली 22.49 प्रतिशत इस प्रकार इन प्रकल्पों में पानी की स्थिति है.

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