शहर के 93 हजार नलों में एक दिन बाद जलापूर्ति
हर रोज जलापूर्ति की मांग - बांध में पानी, नागरिक परेशान
अमरावती/प्रतिनिधि दि.१५ – शहर में जलापूर्ति करने वाले जिले के एकमात्र बड़े उर्ध्व वर्धा (अप्पर वर्धा) प्रकल्प में आज की स्थिति में 43.40 प्रतिशत जल संचयन है. कही पर भी पानी की किल्लत न रहते हुए भी महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण शहर के 93 हजार नल ग्राहकों को एक दिन बाद जलापूर्ति कर रही है. बावजूद इसके निर्धारित समय पर जलापूर्ति न होने से नागरिकों में भारी रोष व्याप्त है.
शहर में 91 हजार 800 घरेलु नल है, वहीं 630 संस्थात्मक व 167 सार्वजनिक नल है. ऐसे कुल 93 हजार 397 नल शहर में है. वर्षभर में अप्परवर्धा बांध से शहर को 54 दलघमी जमा पानी पीने के लिये आरक्षित किया गया है. लेकिन शहर को आरक्षित पानी की तुलना में सिर्फ 45 दलघमी जमा पानी लगता है. जलापूर्ति योजना से शहर को हर रोज 115 से 120 दलघमी लिटर जलापूर्ति की जाती है. यदि एक दिन आड़ भी जलापूर्ति होती है तब दो दिन का पानी एक दिन दिया जाने की बात जीवन प्राधिकरण के अधिकारियों व्दारा कही जा रही है. लेकि नागरिकों को उच्च दाब से जलापूर्ति हर रोज चाहिए. शहर का विस्तार होने से नये नल कनेक्शन के आवेदन प्रलंबित है. अनेक भागों में जलापूर्ति नहीं होने से नागरिकों में रोष बढ़ने के कारण गुर ुवार को अकबर नगर की मुस्लिम महिला व्दारा इस मुद्दे पर पानी का गुंड लेकर मजीप्रा कार्यालय में पहुंची थी.
30 वर्ष पहले की काँक्रिट की पाइप की जल वितरण प्रणाली है. इसमें लिकेज होने पर अनेक दिक्कतें आती है. यदि एक दिन की आड़ में जलापूर्ति हो रही है फिर भी उस दिन दो दिन के पानी की आपूर्ति प्रत्येक को दी जाती है. अमृत योजना पूर्ण होने के बाद सुरक्षित जलापूर्ति होगी, इसके लिये प्रयास जारी है.
– कृष्णा आव्हाड, कार्यकारी अभियंता, मजीप्रा
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महत्वाकांक्षी अमृत योजना अधूरी
अमरावतीवासियों को उच्चदाब प्रणाली से शुद्ध पानी मिले, इसके लिये शहर में 114 करोड़ की अमृत योजना शुरु है. इस पर अब तक 82.52 करोड़ खर्च किये गये. 82 प्रतिशत काम होने की बात अधिकारियों व्दारा कही जा रही है. अब तक 2 करोड़ 68 लाख का जुर्माना किया गया. पहले 90 हजार रुपए हर रोज जुर्माना वसुला जाता था. अब 24 नवंबर 2019 से हर रोज पांच हजार के अनुसार दंड वसुले जाने की जानकारी उपकार्यकारी अभियंता अजय लोखंडे ने दी.
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जलशुध्दीकरण केंद्र का 50 प्रतिशत काम अपूर्ण
तपोवन परिसरमें 62 दलघमी लिटर हर रोज क्षमता का जलशुद्धीकरण प्रकल्प है. लेकिन इससे 31 दशलक्ष लिटर पानी शुध्द किया जाता है. फिलहाल 50 प्रतिशत काम होने से नहीं किया जा सकता. यह जानकारी अधिकारियों व्दारा दी गई. अमृत योजना की पाईपलाइन वितरण प्रणाली का 10 प्रतिशत काम अब तक अधूरा है. बकाया दिये बगैर नई पाईप लाइन नहीं डाली जाएगी, ऐसा नियोजन है.