चार गांवों में टैंकर से जलापूर्ति, 29 गांवों में कुओं का अधिग्रहण
ग्रामीण क्षेत्र में पैदा होने लगी जलकिल्लत की समस्या
अमरावती/दि.12 – अप्रैल माह के पहले सप्ताह से ग्रामीण क्षेत्र में जलकिल्लत की समस्या दिखाई देने लगी है. इस समय जिले के चार गांवों को टैंकर से जलापूर्ति की जा रही है. वहीं 29 गांवों में निजी कुओं का अधिग्रहण करते हुए नागरिकों को पीने योग्य पानी उपलब्ध कराया जा रहा है. जिसके तहत चिखलदरा तहसील के मोथा, एकझरी, आकी तथा चांदूर रेल्वे तहसील के सावंगी व मग्रापुर गांवों के 3 हजार 338 नागरिकों की प्यास टैंकर से जलापूर्ति करते हुए बुझाई जा रही है. इसके अलावा जिले की आठ तहसीलों के 29 गांवों में 17 निजी कुओं का अधिग्रहण कर जलापूर्ति की जा रही है.
उल्लेखनीय है कि, इस बार फरवरी व मार्च माह तक जलकिल्लत का कोई खास असर नहीं देखा जा रहा है, लेकिन अप्रैल माह का प्रारंभ होते ही जलकिल्लत की समस्या का सामना करना पड रहा है. हालांकि जिला परिषद के ग्रामीण जलापूर्ति विभाग द्वारा बताया जा रहा था कि, इस वर्ष जलकिल्लत की समस्या बिल्कुल भी नहीं होगी, लेकिन गर्मी के मौसम की शुरूआत होते ही जलकिल्लत की समस्या ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. साथ ही आगामी कुछ दिनों के दौरान ग्रामीण क्षेत्र में जलकिल्लत की समस्या के और भी अधिक बिकट होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता.
कुओं का तहसीलनिहाय अधिग्रहण
अमरावती में 3, नांदगांव खंडेश्वर में 4, भातकुली में 1, मोर्शी में 5, वरूड में 2, चांदूर रेल्वे में 6, अचलपुर में 4, चिखलदरा में 4 ऐसे कुल 29 गांवोें में 17 निजी कुओं का अधिग्रहण किया गया है.
8 तहसीलों के टंचाईग्रस्त गांव
इस समय आदिवासी बहुल मेलघाट सहित जिले में गैर आदिवासी क्षेत्र की 7 तहसीलों में जलकिल्लत की समस्या देखी जा रही है. जिसमें गैर आदिवासी क्षेत्र की अमरावती, नांदगांव खंडेश्वर, भातकुली, मोर्शी, वरूड, अचलपुर व चांदूर रेल्वे सहित आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र की चिखलदरा तहसील के कई गांवों को जलकिल्लत की समस्या का सामना करना पड रहा है. साथ ही आगामी दिनों के दौरान जलकिल्लत की समस्या और भी अधिक बढ सकती है.