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5 दिनों से जलापूर्ति ठप, मजीप्रा नॉट रिचेबल

आज दोपहर 12 बजे के बाद कुछ क्षेत्रों में छोडा पानी- मजीप्रा

* शुक्रवार से शुरु पाईप लाईन सुधारने का काम रविवार तक चला
* हैंडपंपों पर लगी कतारे, वॉटर कैन के भी भाव बढे
* भारी जलकिल्लत पर जनप्रतिनिधि क्यों है खामोश?
अमरावती/दि.6– विगत गुरुवार को रहाटगांव के पास महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण की मुख्य जलवाहिणी फुटने से विगत 5 दिनों से शहर की जलापूर्ति बंद है. ऐन ग्रीष्मकाल में लगातार 5 दिन तक पानी नहीं मिलने से लोग पानी-पानी कर रहे है. हैंडपंपों पर लोगों की कतारे नजर आ रही है. वहीं वॉटर कैन बेचने वालों ने भी कैन के दाम बढाकर जलकिल्लत को कैश करना शुरु कर दिया. जिससे लोगों को महंगे दाम पर पानी खरीदकर पीना पड रहा है. 5 दिनों से जलापूर्ति ठप रहने से लोग मजीप्रा से लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रहे है. लेकिन मजीप्रा के अधिकारी किसी के फोन तक नहीं उठा रहे. रविवार की शाम तक रहाटगांव के पास फुटी पाईप लाईन को सुधारने का काम शुरु था. जिसके बाद पानी टंकियों में भरना शुरु किया गया. आज सोमवार की दोपहर 12 बजे से शहर के कुछ इलाकों में पानी छोडा गया है. कल मंगलवार को शेष इलाकों में भी पानी पहुंच जाएंगा, यह दावा मजीप्रा के अधिकारियों ने किया. मजीप्रा के शाखा अभियंता एम.एम. आजने, सी.एस. आखरे व मनोज वाकेकर यह लगातार 3 दिनों से फिल्ड पर है. फुटी हुई पाईप लाईन को युद्धस्तर पर सुधारने का काम किया गया. इस काम में थोडा वक्त ज्यादा लगा जिससे और एक दिन जलापूर्ति बंद रखनी पडी, ऐसी जानकारी भी मजीप्रा द्बारा दी गई.

* 30 वर्ष पुरानी है पाईप लाईन
अमरावती व बडनेरा शहर को जलापूर्ति करने वाली मुख्य पाईप लाईन 1989 में बिछाई गई थी. सिंभोरा डैम से अमरावती जलशुद्धिकरण केंद्र तक के 55 किलो मिटर की यह पाईप लाईन है. जिसमें से सिंभोरा डैम से नेरपिंगलाई पम्पिंग स्टेशन तक की पाईप लाईन लोहे की है व नेरपिंगलाई से अमरावती तक की पाईप लाईन सिमेंट की है. 1500 व्यास (देढ मिटर) की यह पाईप लाईन अब कालबाह्य हो रही है. इसलिए उसे तुरंत बदलना जरुरी है. जिसके लिए 4 वर्ष पहले ही 500 करोड का प्रस्ताव भेजा गया था. उस प्रस्ताव को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है.

* प्रणय कुलकर्णी ने 5 टैंकर से पहुंचाया पानी
शहर में विगत 5 दिनों से जलापूर्ति बंद रहने से लोगों को पानी के लिए भटकना पड रहा है. नागरिकों की परेशानी देखते हुए क्षेत्र के पूर्व स्विकृत पार्षद प्रणय कुलकर्णी ने स्वखर्च से 5 टैंकर उपलब्ध कराकर क्षेत्र के राजमाता नगर, आदिवासी नगर व परिसर के इलाकों में पानी पहुंचाने का प्रबंध किया. विगत 2 दिनों से प्रणय कुलकर्णी अलग-अलग बस्तियों में टैंकर से पानी पहुंचा रहे है. जिससे लोगों को थोडी राहत मिली.

* डेली 125 दशलक्ष लिटर पानी की मांग
अमरावती-बडनेरा शहर को डेली 125 दशलक्ष लिटर पानी लग रहा है. ग्रीष्मकाल के चलते पानी की डिमांड बढ गई है. शहर में मजीप्रा के 95 हजार नल कनेक्शन है. शहर को एक दिन के अंतराल में पानी दिया जाता है. शहर को अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया है. उस हिसाब से एक दिन के अंतराल में पानी का वितरण किया जाता है. शहर में नया जलशुद्धिकरण प्रकल्प आकार ले रहा है. यह प्रकल्प पुर्ण क्षमता से शुरु हो जाने के बाद शहर को डेली जलापूर्ति करना संभव होगा. यह दावा मजीप्रा द्बारा किया जा रहा है.

* कैन बिक्रेताओं की बल्ले-बल्ले
शहर में विगत 5 दिनों से पानी की किल्लत के कारण अधिकांश नागरिक पानी की कैन खरीदकर अपनी प्यास बूझा रहे है. शहर में 300 से अधिक पानी की कैन बिक्रेता है. पहले 30 रुपए में पानी की एक कैन मिलती थी वहीं कैन अब जलकिल्लत के कारण 50 रुपए के दाम पर बेची जा रही है. पानी के किल्लत के कारण पानी की कैन का व्यवसाय करने वालों ने इसे खुब कैश किया. प्रत्येक वॉटर कैन बिक्रेता के दूकान पर लोगों की भीड दिखाई दी. महानगरपालिका के टैंकर के माध्यम से भी कुछ इलाकों में पानी का वितरण किया गया. मनपा के दमकल विभाग के माध्यम से 50 से अधिक टैंकर पानी का वितरण किया गया. ऐसा दमकल विभाग अधिक्षक सैय्यद अनवर ने बताया.

* जनप्रतिनिधियों की खामोशी पर गुस्साएं नागरिक
शहर में 5 दिनों से जलापूर्ति ठप है, लेकिन एक भी जनप्रतिनिधि जलकिल्लत को लेकर गंभीर नहीं है. एक ओर जहां मजीप्रा के अधिकारी नागरिकों को जवाब तक नहीं दे रहे, ऐसे में लोगों की जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा थी कि, वे मजीप्रा को जवाब-तलब कर पर्यायी जलवितरण की व्यवस्था करवाएं, लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधियों ने जलकिल्लत को लेकर आवाज नहीं उठाई. जिस पर नागरिक जनप्रतिनिधियों को खुब खरी-खोटी सुना रहे है. दूसरी ओर मजीप्रा द्बारा आज से जलापूर्ति सुचारु करने की कोशिश शुरु रहने की जानकारी दी है.

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