अमरावती

कल से जलापूर्ति हुई शुरू

लोअर झोन में छोडा गया पानी

* आज अपर झोन में आये नल
* अपर झोन में पानी के लिए रहा जमकर हाहा:कार
* शुक्रवार और रविवार को नहीं आये थे नल
* लोअर झोन में गुरूवार के बाद शनिवार को रही पानी की दिक्कत
अमरावती/दि.7- विगत शुक्रवार को रहाटगांव के निकट सिंभोरा डैम से अमरावती शहर को जलापूर्ति करनेवाली मुख्य जलवाहिनी में लिकेज हो जाने की वजह से शहर में जलापूर्ति बंद हो गई थी और जलापूर्ति को दुबारा शुरू करने के लिए युध्दस्तर पर पाईपलाईन को सुधारने का काम शुरू किया गया, जो रविवार तक चला. जिसके बाद कल सोमवार को शहर के कई इलाकों में जलापूर्ति शुरू की गई.
उल्लेखनीय है कि, अमरावती शहर में जीवन प्राधिकरण द्वारा अपर झोन व लोअर झोन ऐसे दो हिस्सों में विभाजीत किया गया है और दोनों क्षेत्रों में एक-एक दिन की आड में जलापूर्ति की जाती है. जिसके चलते गुरूवार को लोअर झोन में शामिल क्षेत्रों में जलापूर्ति हुई थी और शुक्रवार को अपर झोन के नलों में पानी छोडा जाना था. किंतु पाईपलाईन फूट जाने की वजह से अपर झोन में शुक्रवार और रविवार को जलापूर्ति नहीं हो पायी. वहीं लोअर झोन में शनिवार को होनेवाली जलापूर्ति ठप रही. जिसके बाद सोमवार तक शहर के सभी क्षेत्रों में एक तरह से सूखेवाली स्थिति बन गई, क्योंकि जहां अपर झोन में दो बार की जलापूर्ति नहीं हुई थी. वहीं लोअर झोन में एक बार की जलापूर्ति ठप रही. ऐसे में एक-दो दिन के लिए किया गया पानी का स्टॉक पूरी तरह से खत्म हो चुका था और लोगबाग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस गये थे. जिसकी वजह से जहां नित्योपयोगी कामों के लिए पानी प्राप्त करने हेतु हैण्डपंपों पर लोगोें की भीड उमडने लगी. वहीं पीने के पानी के लिए लोगबाग आरओ वॉटर प्लांट संचालकोें के यहां ठंडे पानी की कैन के लिए चक्कर काटते देखे गये.
इसके बाद पाईपलाईन में दुरूस्ती हो जाने पर सिंभोरा डैम से अमरावती शहर के लिए पानी छोडा गया, जो सोमवार की सुबह तक तपोवन परिसर स्थित जीवन प्राधिकरण के जलशुध्दीकरण केंद्र तक पहुंचा. जहां से उसे शहर के लोअर झोन में स्थित पानी की टंकियों तक पहुंचाया गया और सोमवार की दोपहर बाद लोअर झोन में शामिल इलाकों में जलापूर्ति शुरू की गई, लेकिन शुक्रवार व रविवार को होनेवाली जलापूर्ति से वंचित अपर झोन सोमवार को भी प्यासा और सूखा रहा. जहां पर आज मंगलवार से जलापूर्ति करनी शुरू की गई है.
उल्लेखनीय है कि, इस समय जहां एक ओर भीषण गर्मी का दौर चल रहा है और पानी की जरूरत व मांग में अच्छी-खासी वृध्दि है, ठीक उसी दौरान विगत दो माह में करीब दो-तीन बार जीवन प्राधिकरण द्वारा की जानेवाली जलापूर्ति पाईपलाईन में हुए लिकेज की वजह से खंडित हुई. जिससे लोगोें को अच्छी-खासी तकलीफों का सामना करना पडा. ज्ञात रहे कि, अमरावती शहर में जब से जीवन प्राधिकरण के नलों से जलापूर्ति शुरू हुई है, तब से धीरे-धीरे कुओं व बोअरवेल के पानी का प्रयोग घट गया है. साथ ही शहर में कई स्थानों पर तो सार्वजनिक कुओं को बंद भी कर दिया गया है. जिसके चलते अब लोगबाग पानी के लिए पूरी तरह से जीवन प्राधिकरण से होनेवाली जलापूर्ति पर ही निर्भर हो गये है, लेकिन इससे पहले जहां जीवन प्राधिकरण द्वारा शहर में रोजाना जलापूर्ति की जाती थी, वहीं अब पानी की किल्लत की वजह को आगे करते हुए शहर में एक-एक दिन की आड लेकर जलापूर्ति की जा रही है. इसमें भी यदि किसी दिन किसी इलाके की जलापूर्ति बंद रहती है, तो वहां उसके अगले दिन नहीं, बल्कि जलापूर्ति हेतु तय रहनेवाले दिन पर ही जलापूर्ति की जाती है. ऐसे में एक दिन जलापूर्ति बंद रहने की सूरत में नागरिकों को कुल तीन दिन तक पानी से वंचित रहना पडता है. वहीं इस बार तो शहर के अपर झोन के नागरिकों को पूरे पांच दिन तथा लोअर झोन के नागरिकों को पूरे चार दिन पानी से वंचित रहना पडा.

* एक दिन आड की बजाय रोजाना हो जलापूर्ति
ज्ञात रहे कि, किसी समय अमरावती शहर में रोजाना जलापूर्ति की जाती थी और अलग-अलग इलाकों में जलापूर्ति के लिए दिन भर के दौरान अलग-अलग समय निर्धारित किये गये है. किंतु आगे चलकर अपर वर्धा बांध में पानी का संग्रहण कम रहने की वजह को आगे करते हुए जीवन प्राधिकरण द्वारा एक-एक दिन की आड में जलापूर्ति करनी शुरू की गई. जिसके लिए शहर को अपर झोन व लोअर झोन में विभाजीत करते हुए रोटेशन पध्दति को अमल में लाया गया, लेकिन इस रोटेशन पध्दति को जीवन प्राधिकरण द्वारा पत्थर की लकीर मान लिया गया है और किसी भी तकनीकी खामी की वजह से किसी झोन में जलापूर्ति बंद रहने की स्थिति में भी उस क्षेत्र में दूसरे दिन पानी नहीं छोडा जाता, बल्कि रोटेशन पध्दति का हवाला दिया जाता है. ऐसे में नागरिकों द्वारा मांग की जा रही है कि, चूंकि इस समय अपर वर्धा बांध में जलसंग्रहण की स्थिति अच्छी-खासी है. ऐसे में जीवन प्राधिकरण द्वारा पहले की तरह दिनभर में अलग-अलग समय के दौरान शहर के अलग-अलग इलाकों में जलापूर्ति की जाये, ताकि यदि कभी किसी तकनीकी दिक्कत की वजह से किसी दिन जलापूर्ति नहीं होती है, तो कम से कम अगले दिन संबंधित क्षेत्र में जलापूर्ति हो सके और लोगों को लगातार चार-पांच दिन पानी से वंचित न रहना पडे.

* मजीप्रा ने अफवाहों से सावधान रहने कहा
विगत शुक्रवार को रहाटगांव के निकट जीवन प्राधिकरण की पाईपलाईन फूटने के बाद दो दिनों तक चले दुरूस्ती कार्य की वजह से रविवार तक जलापूर्ति का काम बंद रहा. वहीं शनिवार व रविवार को सोशल मीडिया पर सिंभोरा के निकट मुख्य पाईपलाईन में लिकेज हो जाने और इसकी दुरूस्ती के लिए और दो दिनों का समय लगने की खबर फैली. जिसमें कहा गया कि, अब और अगले दो दिन तक जलापूर्ति नहीं होगी. जबकि सोमवार से शहर में जलापूर्ति शुरू कर दी गई. ऐसे में सोशल मीडिया पर फैल रही खबरों को पूरी तरह से भ्रामक व निराधार बताते हुए जीवन प्राधिकरण के उप कार्यकारी अभियंता अजय लोखंडे ने नागरिकों से ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं देने का आवाहन किया. साथ ही कहा कि, जिस तरह सोमवार को लोअर झोन में पानी छोडा गया, उसी तरह मंगलवार को अपर झोन में जलापूर्ति की जायेगी. चूंकि अब नादुरूस्त पाईपलाईन को दुरूस्त कर लिया गया है. ऐसे में जलापूर्ति को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है.

* साईबर सेल में होगी शिकायत
इस समय चूंकि सोशल मीडिया के जरिये यह खबर तेजी से फैलाई जा रही है कि, मजीप्रा की पाईपलाईन दुबारा फूट गई है और शहर में एक बार फिर दो दिन जलापूर्ति बंद रहेगी. ऐसे में जीवन प्राधिकरण द्वारा इसे लेकर शहर पुलिस आयुक्तालय की साईबर सेल में शिकायत दर्ज कराये जाने का निर्णय लिया गया है, ताकि जानबूझकर ऐसी भ्रामक खबरें फैला रहे लोगोें के खिलाफ कार्रवाई की जा सके.

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