अमरावती

विधायक के मौखिक आदेश पर वरुड में जलापूर्ति के काम बंद

मजीप्रा अभियंता ने दिया लिखित स्पष्टीकरण

* पानी को लेकर वरुड तहसीलवासियों में जबर्दस्त संताप
अमरावती/दि.11– जल जीवन मिशन अंतर्गत वरुड तहसील के पंढरी 35 गांव प्रादेशिक जलापूर्ति योजना के कामों को विधायक देवेंद्र भुयार के मौखिक आदेश पर बंद किए जाने से संबंधित लिखित पत्र गत रोज जीवन प्राधिकरण के कार्यकारी अभियंता द्वारा दिया गया. जिसके चलते वरुड तहसीलवासियों ने अच्छा खासा संताप व्यक्त किया.
जानकारी के मुताबिक वरुड तहसील अंतर्गत 35 गांवों में जलापूर्ति करने हेतु जल जीवन मिशन अंतर्गत 100 करोड रुपए की लागत से पंढरी-35 जलापूर्ति योजना मंजूर की गई है. जिसमें से 41.72 करोड रुपए के काम एक निजी कंपनी को दिए गए है. वहीं 60 करोड रुपए की लागत से जलवाहिणी की आपूर्ति सरकार द्वारा की जानी है. इस योजना के कामों को ठेकेदार ने शुरु कर दिया है और सरकार द्वारा जलवाहिणी की आपूर्ति भी कर दी है. इसके चलते 100 करोड में से 50 करोड रुपए के काम पूरे हो चुके है. परंतु इस योजना के ठेकेदार ने अचानक ही अपने काम बीच में रोक दिए. ऐसे में आधे-अधूरे काम के चलते त्रस्त हुए लोगों ने ठेकेदार से काम बंद करने की वजह पूछी, तो उसने बताया कि, जीवन प्राधिकरण के कार्यकारी अभियंता व मुख्य अभियंता ने काम बंद करवाया है. इसके चलते कामों को दोबारा त्वरित शुरु करवाने की मांग को लेकर पूर्व सभापति विक्रम ठाकरे के नेतृत्व में गत रोज वरुड तहसीलवासियों ने मजीप्रा के कार्यकारी अभियंता का करीब 4 घंटे तक घेराव किया. इस समय मजीप्रा के कार्यकारी अभियंता ने लिखित तौर पर बताया कि, क्षेत्र के विधायक देवेंद्र भुयार द्वारा दिए गए मौखिक आधार पर 35 गांवों की प्रादेशिक जलापूर्ति योजना को बंद किया गया है. यह जानकारी सामने आते ही संतप्त गांववासियों का संताप और भी अधिक बढ गया है तथा उन्होंने आरोप लगाया कि, क्षेत्र के जनप्रतिनिधि की वजह से ही क्षेत्र के 35 गांवों के लोग पानी की किल्लत से जुझ रहे है.

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