* संतोषजनक बारिश के कारण जल किल्लत वाले जिलों के जैसी स्थिति नहीं
अमरावती/दि.14– हर वर्ष ग्रीष्मकाल के दिनों में जिले के मेलघाट समेत अन्य गैर आदिवासी इलाकों के कुछ गांव में पेयजल की समस्या निर्माण होती है. जल किल्लत के निवाणार्थ जिले का तीन चरणों में जल किल्लत कृति प्रारुप तैयार किया जाता है. इस बार जिले में फिलहाल 62 प्रतिशत बारिश हुई है. इस वर्ष ग्रीष्मकाल में मेलघाट समेत अन्य कुछ तहसीलों के 11 गांव में 14 टैंकर से जलापूर्ति की गई थी. 77 गांव में 84 निजी कुओं का अधिग्रहण कर पेयजल की आपूर्ति की गई थी.
यह सभी उपाययोजना जिला परिषद के ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के जरिए किल्लत प्रारुप से किए गए थे. फिलहाल बारिश के दिन रहे तो भी संतोषजनक बारिश होने से जल किल्लत जैसे परिस्थिति न रहने की जानकारी जलापूर्ति विभाग की तरफ से दी गई है. अब बारिश का मौसम काफी कम समय का है. अब बारिश कितने दिन होती है उसी पर आगे का समय निर्भर रहेगा.
* मानसून में कोई भी टैंकर नहीं
जिले में ग्रीष्मकाल में जल किल्लत का सामना करने 11 गांव में 14 टैंकर से जलापूर्ति की गई थी. अब यहां जल किल्लत न रहने से टैंकर बंद किए गए है. फिलहाल जिले में कहीं भी टैंकर से जलापूर्ति नहीं हो रही है. जल किल्लत निवाणार्थ जलापूर्ति विभाग के जरिए जलापूर्ति के लिए एक टैंकर के 2 हजार रुपए के मुताबिक पैसे लिए जाते हैं. नागरिकों को यदी पानी की आवश्यकता पडी तो प्रति टैंकर 2 हजार रुपए देने पडते हैं.
* ग्रीष्मकाल में क्या होगा? पानी कहां से लाना?
वर्तमान में 22 प्रतिशत बारिश रिकॉर्ड हुई है. आगामी दिसंबर, जनवरी माह में जल किल्लत महसूस हो सकती है. अक्तूबर माह से प्रारुप तैयार करने की सूचना सीईओ के मार्गदर्शन में यंत्रणा को दी गई है.
– संदीप देशमुख,
कार्यकारी अभियंता