नियमित जलापूर्ति न होने से वाठोडा शुक्लेश्वर ग्रामवासी आक्रामक
मजीप्रा की धामोरी ग्राम की टंकी पर ‘शोले’ आंदोलन करने का प्रयास
* मटके फोडकर मार्ग का किया यातायात बंद
* अधिकारियों के आश्वासन के बाद आंदोलन स्थगित
अमरावती/दि. 29 – भातकुली तहसील के वाठोडा शुक्लेश्वर में नियमित जलापूर्ति न होने और मजीप्रा के अधिकारियों द्वारा ज्ञापन देने के बावजूद कोई उपाययोजना न करने के कारण संतप्त हुए ग्रामवासियों ने आज संतोष महात्मे, रविंद्र बुरघाटे के नेतृत्व में धामोरी ग्राम की पानी की टंकी पर चढकर ‘शोले’ आंदोलन करने का प्रयास किया. इस अवसर पर आक्रामक हुए ग्रामवासियों ने सडको पर मटके फोडकर ट्रैक्टर खडे कर रास्ता रोको शुरु कर दिया. लेकिन मजीप्रा के अधिकारियों द्वारा दो दिन में इस समस्या का हल करने का आश्वासन देने के बाद आंदोलन स्थगित किया गया.
जानकारी के मुताबिक भातकुली तहसील के वाठोडा शुक्लेश्वर ग्राम के सभी वॉर्डो में जलापूर्ति नहीं हो रही है. संपूर्ण ग्राम में 10 दिन बाद जलापूर्ति होती रहने से गांव के नागरिकों को कुएं और नदी के पानी का इस्तेमाल करना पड रहा है. इस कारण अनेक बीमारियों का सामना भी उन्हें करना पड रहा है. जलापूर्ति विभाग की लापरवाही के कारण ग्रामवासियों को ग्रीष्मकाल में इस परेशानी का सामना करना पड रहा है. धामोरी मुले गांव में हर एक दिन बाद जलापूर्ति होती है और वाठोडा शुक्लेश्वर व अन्य गांव यह विश्रोली प्रकल्प में आने के बावजूद गांव में जलापूर्ति आठ से दस दिनों में हो रही है. वाठोडा शुक्लेश्वर गांव पर हो रहे इस अन्याय को दूर करने के लिए हर दो दिन बाद जलापूर्ति होने के लिए विश्रोली प्रकल्प के कर्मचारी और अधिकारियों से संपर्क कर पूछताछ की गई तो उनका कहना था की टंकी की लेवल न होने से आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इस कारण वाठोडा शुक्लेश्वर में जलापूर्ति कम कर भातकुली परिसर में अधिक प्रमाण में पानी छोडा जा रहा है. इसी कारण ग्रामवासियों को जलकिल्लत का सामना करना पड रहा है. गांव में चल रही इस भीषण जल समस्या को लेकर आज ग्रामवासियों ने धामोरी की पानी की टंकी पर चढकर ‘शोले’ आंदोलन करने का प्रयास किया. लेकिन खोलापुर पुलिस ने समय पर पहुंचकर आंदोलनकर्ताओं को रोका. फिर भी संतप्त ग्रामवासियों ने सडको पर मटके फोडकर तीव्र प्रदर्शन करते हुए ट्रैक्टर खडे कर रास्ता रोको शुरु कर दिया. तब मजीप्रा के अधिकारियों ने आंदोलन स्थल पर पहुंचकर ग्रामवासियों को दो दिन के भीतर इस समस्या का निवारण करने का आश्वासन दिया. तब ग्रामवासियों ने दो दिन के लिए यह आंदोलन स्थगित किया है. दो दिन में समस्या का निवारण न होने पर तीव्र आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है. आंदोलनकर्ताओं में संतोष महात्मे, रविंद्र बुरघाटे, श्याम चाहाकार, दीपक जवंजाल, लिखित चांदूरकर, प्रज्योत यावले, उमेश घुरडे, शेख अनिस, मकसूद अली, अनिस अली, अशफाक खां, राजू बोलखे, सतीश घुमटवार, राजू बुरघाटे, डॉ. गिरीश कलंत्री, मुन्ना राठी, रामदास थोरात, राजू बागडे, भाऊराव गजभिये, राजू बोंडे, अनिल बुरघाटे, सुनील बुरघाटे, हरिओम यावले, सुनील माहुलकर, सोपान महात्मे, मुख्तार सौदागर सहित अनेक महिला व नागरिको का समावेश था.