अमरावतीमुख्य समाचार

हमें महर्षी पब्लिक स्कूल में नहीं पढना है

8 किलो मिटर पैदल चलते हुए आदिवासी कार्यालय पहुंचे छात्र

* आदिवासी छात्रों की अप्पर आयुक्त से गुहार
* भययुक्त माहौल से निजाद दिलाने की मांग
* छात्रावास व्यवस्थापन पर लगाये गंभीर आरोप
अमरावती/दि.4 – हमें महर्षी पब्लिक स्कूल में नहीं पढना है. वहा हमें अच्छा खाना नहीं मिलता, बिना गलती के ही हमें स्कूल से निकाल दिया जाता है. महर्षी पब्लिक स्कूल की पढाई भी अच्छी नहीं है. हमारी अलग से क्लास लगाई जाती है. शिक्षा की ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जाता, कुछ पूछने पर टीसी थमाने की धमकियां मिलती है. खेलने की सुविधा नहीं है. हमारे परिजनों से भी मिलने नहीं दिया जाता. आदि शिकायतें महर्षी पब्लिक स्कूल के आदिवासी छात्रावास में पढने वाले 28 छात्रों ने अप्पर आदिवासी आयुक्त से की. स्कूल प्रशासन की शिकायत करने के लिए सभी छात्र 8 किलो मिटर पैदल चलते हुए आदिवासी कार्यालय पहुंचे थे. यहां पर सभी छात्रों ने स्कूल व्यवस्थापन में बदलाव करने या फिर स्कूल बदलकर देने की मांग अप्पर आदिवासी आयुक्त को एक निवेदन में की.
जानकारी अनुसार कल छात्रावास की रोटी बनाने की मशीन गिरकर बंद पडी. जिस पर भडके संस्था चालकों ने सभी छात्रों को संस्था से बाहर निकाल दिया. छात्रों को बिना गलती के बाहर निकालने का यह पहला मामला नहीं है, इसके पहले भी छात्रावास व्यवस्थापन द्बारा छात्रों पर बेवजह अन्याय की घटनाएं घट चुकी है. जिस पर छात्रावास प्रशासन को जवाब पूछने पर वे आदिवासी विभाग के अधिकारी हमारे जेब में है, ऐसा जवाब देते है. इसलिए महर्षी पब्लिक स्कूल व्यवस्थापन व छात्रावास प्रशासन पर कडी कार्रवाई करने की मांग बिरसा मुंडा क्रांति दल के नेतृत्व में आदिवासी अप्पर आयुक्तालय धमके छात्रों ने की. आदिवासी अप्पर आयुक्तालय से महर्षी पब्लिक स्कूल प्रबंधन की शिकायत करने पहुंचे छात्रों में निलेश बेठेकर, राजेश सावरकर, राहुल बेठेकर, अमित जांभेकर, देवराज धुम्बे, अर्पित सावरकर, रितिक भास्करन, गणेश प्रसाद जांभेकर, विक्की मावस्कर, विवेक मोरेकर, लिमेश सावरकर, निर्भय धुर्वे, आदर्श धिकार, रोशन जांबेकर, तेजस भिलावेकर, हर्षिद धुर्वे, आकाश झलके, भूषण दाबेराव, समाधान धाकरे समेत अन्य छात्रों का समावेश था.

Related Articles

Back to top button