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‘हम जो बोलते है वह करते है, मराठा आरक्षण…’

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मनोज जरांगे को सलाह

मुंबई/दि.16– आखिरकार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान होनेवाला है और 23 नवंबर को नतीजे घोषित होगे. आचारसंहिता लागू होते ही महायुति ने एक साथ संयुक्त पत्रकार परिषद लेते हुए महाविकास आघाडी सहित विरोधियों पर निशाना साधा. पत्रकार परिषद में मराठा आरक्षण बाबत सवाल पूछे गए थे. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इन सवालों का स्पष्ट शब्दों में जवाब देते हुए मनोज जरांगे को एक सलाह दी है.
मराठवाडा में कभी कुणबी प्रमाणपत्र नहीं मिलता था. हमने न्यायाधीश शिंदे कमिटी स्थापित की. इतने वर्ष जिनके पास अवसर था, हाथ में सत्ता थी उन्होंने कभी मराठा समाज को आरक्षण नहीं दिया. केवल वोट के लिए मराठा समाज का इस्तेमाल किया. मनोज जरांगे पाटिल यह मराठा समाज को न्याय देने के लिए सडकों पर उतरे. लेकिन उन्होंने यह विचार करना चाहिए कि, महायुति ने क्या-क्या दिया. सारथी दिए, अन्नासाहेब पाटिल आर्थिक विकास महामंडल दिया, ओबीसी समाज के मुताबिक मराठाओं को सुविधा दी गई, यह सब किसने किया? मराठा समाज को किसने वंचित रखा और किसने दिया इसका विचार मनोज जरांगे करना चाहिए, ऐसा भी एकनाथ शिंदे ने कहा.

* हम जो बोलते है वह करते है
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि, हम जो बोलते है वह करते है. मै खुद मराठा समाज को आरक्षण दूंगा. वह भी ओबीसी समाज के आरक्षण को हाथ न लगाते हुए. मैंने दशहरे के सम्मेलन में छत्रपति शिवाजी महाराज के पुतले को वंदन कर मराठा आरक्षण देने की शपथ ली. पश्चात तत्काल विधानसभा अधिवेशन बुलाकर मराठा समाज को आरक्षण दिया गया. देवेंद्र फडणवीस ने मराठा समाज को आरक्षण दिया था. उस आरक्षण को किसने रोका, वह कोर्ट में कायम नहीं रख पाए. अब हमने आरक्षण दिया है, उसे रद्द करने के प्रयास जारी है, ऐसी टिप्पणी भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विरोधियों पर की.

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