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किसी को हराने के लिए नहीं, बल्कि खुद जीतने के लिए उतरे है मैदान में

प्रहार पार्टी के विधायक राजकुमार पटेल का कथन

* दिनेश बूब को बताया काबिल नेता व सबसे योग्य प्रत्याशी
अमरावती/दि.30 – अमरावती जिले में प्रहार जनशक्ति पार्टी के दो विधायक है. साथ ही जिले में प्रहार पार्टी की अपनी राजनीतिक ताकत भी है. ऐसे में हमने राज्य की महायुति के नेताओं से अपने लिए अमरावती संसदीय क्षेत्र के तौर पर कम से कम एक सीट मांगी थी. जिसे महायुति के नेताओं ने अनदेखा कर दिया है. जिसके चलते हमारे सामने अपने अस्तित्व का मसला खडा हो गया था. ऐसे में हमने अमरावती संसदीय सीट से लोकसभा का चुनाव लडने और अपना प्रत्याशी खडा करने पर विचार किया. ऐसे में कोई हम पर यह आरोप नहीं लगा सकता कि, हम किसी के वोट काटने हुए उसे हराने के लिए चुनावी मैदान में उतरे है. चुनाव में जीत यह हमारा स्पष्ट लक्ष्य है. जाहीर सी बात यह है कि, जब हम जीतेंगे को चुनावी अखाडे के मौजूद अन्य लोगों को हार का सामना तो करना ही पडेगा. इस आशय का प्रतिपादन प्रहार जनशक्ति पार्टी के विधायक राजकुमार पटेल द्वारा किया गया. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, प्रहार पार्टी ने दिनेश बूब जैसे काबिल नेता के तौर पर अमरावती संसदीय क्षेत्र की जनता के सामने सबसे योग्य प्रत्याशी दिया है. ऐसे में अमरावती की जनता ने दिनेश बूब जैसे कर्मठ व समाजसेवी प्रत्याशी को ही अपना प्रतिनिधि चुनते हुए लोकसभा में भेजना चाहिए.
प्रहार जनशक्ति पार्टी द्वारा गत रोज ही एक पत्रकार परिषद बुलाते हुए दिनेश बूब को अमरावती संसदीय सीट से अपना प्रत्याशी बनाये जाने की घोषणा की गई थी. इस पत्रवार्ता को प्रहार पार्टी विधायक राजकुमार पटेल ने ही संबोधित करते हुए दिनेश बूब को प्रहार जनशक्ति पार्टी मेें शामिल किया था. जिसके बाद दैनिक अमरावती मंडल के संपादक अनिल अग्रवाल ने विधायक राजकुमार पटेल से विशेष तौर पर बातचीत की. इस विशेष साक्षात्कार में विधायक राजकुमार पटेल ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर प्रहार जनशक्ति पार्टी की नीतियों एवं भूमिका से संबंधित मुद्दों पर खुलकर बातचीत की और सभी सवालों का बडी बेबाकी के साथ जवाब दिया.

* दिनेश बूब ही जिले के लिए सबसे बेहतर पर्याय
अब तक शिवसेना के जिला प्रमुख रहने वाले तथा विगत 3 दशकों के दौरान तमाम राजनीतिक उतार-चढाव के बावजूद शिवसेना के साथ ही जुडे रहने वाले दिनेश बूब को ही प्रहार पार्टी द्वारा अपने प्रत्याशी के तौर पर क्यों चुना गया और दिनेश बूब को उसके लिए कैसे मनाया गया, यह सवाल पूछे जाने पर विधायक राजकुमार पटेल ने कहा कि, प्रहार जनशक्ति पार्टी के मुखिया व विधायक बच्चू कडू तथा दिनेश बूब सहित वे खुद लंबे समय से राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय रहने के चलते एक-दूसरे से परिचित है और एक-दूसरे के अच्छे मित्र भी है. जब विधायक बच्चू कडू ने प्रहार पार्टी की बैठक में यह घोषणा कर दी थी कि, चुनाव लडने और प्रत्याशी तय करने का निर्णय विधायक राजकुमार पटेल एवं पार्टी पदाधिकारियों द्वारा लिया जाएगा, तो उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों से चर्चा की और पार्टी के अधिकांश पदाधिकारियों ने भी उन्हें पार्टी प्रत्याशी के तौर पर दिनेश बूब का ही नाम सुझाया. जिसके उपरान्त इस बारे में दिनेश बूब के समक्ष प्रस्ताव रखा गया. जिन्होंने थोडी बहुत चर्चा के बाद प्रहार पार्टी की ओर से दिये गये प्रस्ताव पर हामी भरी. विधायक राजकुमार पटेल के मुताबिक दिनेश बूब इस बात से नाराज थे कि, शिवसेना की परंपरागत सीट रहने के बावजूद भी शिवसेना में अमरावती संसदीय क्षेत्र से अपना दावा छोड दिया. जबकि यहां से किसी शिवसैनिक को ही टिकट मिलना चाहिए था. साथ ही इस समय अमरावती संसदीय सीट पर भाजपा और कांग्रेस की ओर से जिन दो प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की गई है, उसमें से कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर जिले में कोई खास माहौल नहीं है. साथ ही भाजपा प्रत्याशी के लिए तो बेहद विपरित माहौल है. ऐसे में जिले के मतदाता भी काफी संभ्रम में है कि किसे चुना जाये. इस वजह से मतदाताओं को एक बेहतर पर्याय देने के लिए दिनेश बूब को प्रहार पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है तथा इसी सोच के तहत दिनेश बूब ने चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हुए है.

* शिवसेना में दिनेश बूब की नहीं हुई कदर
इसी मुद्दे पर आगे बातचीत करते हुए विधायक राजकुमार पटेल ने यह भी कहा कि, दिनेश बूब ने शिवसेना को अपने जीवन के बेशकीमती 30 से 35 साल दिये है और पार्टी की बेहद समर्पित भाव से सेवा की. लेकिन इसकी एवज में शिवसेना ने दिनेश बूब को वह सबकुछ नहीं दिया, जिसके दिनेश बूब हकदार थे. दिनेश बूब जैसे नेता को नगरसेवक बनाना या ग्रामीण क्षेत्र की किसी सीट पर विधानसभा चुनाव का टिकट देना भी काफी नहीं था, बल्कि उन जैसा कर्मठ व्यक्ति को जिले की जनता के प्रतिनिधि के तौर पर संसद में होना चाहिए. इसी सोच के साथ प्रहार पार्टी ने दिनेश बूब को अपना प्रत्याशी बनाया है और यह सम्मान मिलने की वजह से ही दिनेश बूब भी शिवसेना छोडकर प्रहार जनशक्ति पार्टी में शामिल हुए है.

* इस बार मेलघाट से नहीं मिलेगी राणा को लीड
– राणा ने 5 साल में मेलघाट के लिए कुछ नहीं किया
विगत दो लोकसभा चुनाव में मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र से ही नवनीत राणा को अच्छे खासे वोट मिले थे और उन्होंने मेलघाट से ही अच्छी खासी लीड भी हासिल की थी, जो कि आपका ही निर्वाचन क्षेत्र है. ऐसे में अब आपके प्रत्याशी दिनेश बूब को मेलघाट से कितने वोट मिल पाएंगे और आप मेलघाट में नवनीत राणा की चुनौती का सामना कैसे करेंगे. यह सवाल पूछे जाने पर विधायक राजकुमार पटेल ने कहा कि, इस बार मेलघाटन विधानसभा क्षेत्र से नवनीत राणा को बिल्कुल भी लीड नहीं मिलेगी, यह अभी से तय है, बल्कि इस बार मेलघाट सहित अचलपुर और अमरावती विधानसभा क्षेत्र से दिनेश बूब को सर्वाधिक वोट मिलेंगे, यह भी तय है. विधायक राजकुमार पटेल के मुताबिक सांसद नवनीत राणा तथा उनके पति व विधायक रवि राणा ने आज तक मेलघाट में आकर आदिवासियों के साथ होली खेलने की नौटंकी करने के अलावा और कुछ भी नहीं किया. 5 साल सांसद रहने के दौरान नवनीत राणा ने मेलघाट के आदिवासियों की भलाई एवं मेलघाट क्षेत्र के विकास के लिए कोई काम नहीं किया, बल्कि उन्होंने मेलघाट की जनता को बेहद हलका व सस्ता समझते हुए आदिवासी महिलाओं को हाल फिलहाल के दिनों में मच्छरदानी के जैसी फटी-पूरानी साडियां बांटी, यह सीधे-सीधे अपनी मेहनत मजदूरी के दम पर आत्माभिमान के साथ जीने वाले मेलघाट के आदिवासियों का अपमान है, जिसका जवाब मेलघाट के आदिवासी इस बार के चुनाव में नवनीत राणा को जरुर देंगे.

* मेलघाट में मेरा और प्रहार पार्टी का प्रभाव
– मैंने 5 साल में कराये 10 हजार करोड के विकास काम
मेलघाट क्षेत्र में अपना खुद का और प्रहार जनशक्ति पार्टी का प्रभाव रहने की बात करते हुए विधायक राजकुमार पटेल ने कहा कि, उन्होंने किसी समय बसपा प्रत्याशी के तौर पर मेलघाट क्षेत्र से चुनाव लडा था, तब वे महज 1700 वोटों से चुनाव हारे थे. पश्चात भाजपा प्रत्याशी के तौर पर 700 व राकांपा प्रत्याशी के तौर पर 1600 वोटों से उनकी हार हुई थी. वहीं वे दो बार भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव भी जीते और विगत चुनाव में उन्होंने प्रहार प्रत्याशी के तौर पर 42 हजार वोटों की लीड ली. इससे स्पष्ट है कि, मेलघाट विधानसभा क्षेत्र में उनका अपना जनाधार और प्रहार जनशक्ति पार्टी का प्रभाव है. इस बात का निश्चित तौर पर लोकसभा चुनाव में प्रहार पार्टी के प्रत्याशी रहने वाले दिनेश बूब को फायदा होगा. साथ ही विधायक राजकुमार पटेल ने यह भी कहा कि, उन्होंने प्रहार पार्टी से मेलघाट का विधायक चुने जाने के बाद विगत 5 वर्ष के दौरान मेलघाट विधानसभा क्षेत्र में 10 हजार करोड रुपयों के विकासकार्य मंजूर कराये है. यह भी मेलघाट की जनता की आंखों के सामने है.

* हम अभी भी महायुति में ही, वे चाहे तो हमें बाहर निकाले
राज्य की महायुति में शामिल रहने के बावजूद महायुति के खिलाफ बगावत कर अमरावती संसदीय सीट से अपना प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे जाने को लेकर क्या यह माना जाये कि, प्रहार पार्टी अब महायुति से बाहर हो गई है. इस सवाल के जवाब में विधायक राजकुमार पटेल ने कहा कि, हम अब भी महायुति में ही है और महायुति में रहने के बावजूद अपने जिले में अपने अस्तित्व को बचाये रखने हेतु अपना-अपना प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारा है. इसके लिए महायुति के नेता यदि चाहे, तो हमें गठबंधन से बाहर निकल सकते है और इससे हमें कोई फर्क भी नहीं पडता. क्योंकि हमें किसी के पास टिकट मांगने के लिए नहीं जाना है, बल्कि हम तो खुद टिकट देने वाले लोग है.

* जनता जनार्दन ही हमारी ताकत, बाहर आडंबर की जरुरत नहीं
इस समय कांग्रेस व भाजपा द्वारा बडे तामझाम के साथ अपने प्रत्याशियों के नामांकन दर्ज कराने और शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी की जा रही है. ऐसे में आखिरी ओर से दिनेश बूब के नामांकन को लेकर क्या तैयारी है. इस सवाल के जवाब में विधायक राजकुमार पटेल ने कहा कि, जहां तक बडे-बडे नेताओं व अभिनेताओं को बुलाने की बात है, तो हम ऐसा कुछ नहीं करने वाले, क्योंकि हमारे सबसे बडे नेता तो अमरावती जिले के ही भूमिपूत्र व विधायक बच्चू कडू है. साथ ही पार्टी के कार्यकर्ता और जिले की जनता भी हमारी सबसे बडी ताकत है. ऐसे में शक्ति प्रदर्शन करने के लिए हमें बाहर से किसी को बुलाने की कोई जरुरत नहीं है. विधायक पटेल के मुताबिक प्रहार पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष बच्चू कडू की प्रमुख उपस्थिति के बीच 3 अप्रैल को प्रहार पार्टी के प्रत्याशी दिनेश बूब की नामांकन रैली निकाली जाएगी तथा प्रहार पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं जिले के प्रहार समर्थक नागरिकों को साक्षी मानते हुए दिनेश बूब द्वारा अपना नामांकन पर्चा भरा जाएगा.

* मुझे ईडी व सीबीआई का कोई डर नहीं, ऐसा कोई काम ही नहीं किया
जिले की सांसद नवनीत राणा के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई केंद्रीय मंत्रियों व भाजपा के बडे नेताओं के साथ बेहद नजदीकी संबंध है. साथ ही कहा जाता है कि, जो भी भाजपा के खिलाफ जाता है, उसके खिलाफ ईडी और सीबीआई को लगा दिया जाता है. ऐसे में क्या आपको ईडी और सीबीआई का डर नहीं लगता. यह सवाल पूछे जाने पर विधायक राजकुमार पटेल ने कहा कि, 10 साल पहले उनका धारणी में 10 एकड खेत था और आज भी वहीं 10 एकड खेत है. यानि उन्होंने राजनीति के जरिए धन या संपत्ति अर्जित करने का कोई काम नहीं किया है. ऐसे में कोई वजह ही नहीं है कि, वे ईडी या सीबीआई से डरते फिरे. इसके साथ ही राजकुमार पटेल ने यह भी कहा कि, वे आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र में पैदा हुए तथा जमीन व जंगल से जुडे परिवेश में पले-बढे व्यक्ति है और ऐसा व्यक्ति कभी किसी से नहीं डरता. यह बात उन्हें डराने की सोचने वाले लोगों ने पहले ही सोच लेना चाहिए.

* भाजपा व शिवसेना के कई नेता भी हमें देंगे समर्थन
इस बातचीत में विधायक राजकुमार पटेल ने कहा कि, दिनेश बूब को प्रहार पार्टी का प्रत्याशी बनाये जाने के बारे में या प्रत्याशी बनाये जाने के बाद उनकी भले ही शिवसेना व भाजपा के किसी बडे नेता या पदाधिकारी से कोई बातचीत नहीं हुई है. लेकिन उन्हें पूरा लेकिन है कि, शिवसेना के दोनों गुटों सहित भाजपा के कई नेताओं व पदाधिकारियों का भी दिनेश बूब की दावेदारी को समाधान मिलेगा, क्योंकि वे लोग भी खुद अपनी-अपनी पार्टियों द्वारा प्रत्याशी तय करने के संदर्भ में लिये गये फैसलों से असंतृष्ट व नाराज है. जिसके चलते वे इस बार प्रहार पार्टी के प्रत्याशी रहने वाले दिनेश बूब का जमकर साथ देंगे. इस समय किसी का भी नाम लेने से इंकार करते हुए विधायक राजकुमार पटेल ने यह भी कहा कि, जैसे-जैसे चुनाव आगे बढेगा, वैसे-वैसे सारी स्थिति भी स्पष्ट होने लगेगी.

* किसी भी सूरत में कदम वापिस नहीं खीचेंगे
कही ऐसा तो नहीं कि, शुरुआती दौर में काफी होहल्ला करते हुए नामांकन दाखिल करने के बाद आप या दिनेश बूब में से कोई भी नामांकन वापसी वाले दिन अपना पर्चा वापिस लेने का निर्णय ले ले. यह सवाल पूछे जाने पर विधायक राजकुमार पटेल ने कहा कि, दिनेश बूब सहित प्रहार जनशक्ति पार्टी के लिए यह अपने अस्तित्व की लडाई है. साथ ही स्थिति अभी नहीं, तो कभी नहीं वाली है. ऐसे में कदम वापिस खींचने का तो सवाल ही नहीं उठता, बल्कि हम अपनी दावेदारी से अपने विरोधियों को घुटने टेकने पर मजबूर जरुर कर देंगे. इसके साथ ही विधायक राजकुमार पटेल ने यह भी स्पष्ट किया कि, प्रहार पार्टी ने न तो सीएम शिंदे के कहने पर अमरावती संसदीय सीट से चुनाव लडने का फैसला लिया है और न ही सीएम शिंदे के कहने पर कदम वापिस लिए जाएंगे. क्योंकि इस बारे में सीएम शिंदे से हमारी कभी कोई बातचीत ही नहीं हुई है. ऐसे में सीएम शिंदे द्वारा हमारे फैसले में हस्तक्षेप किये जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता.

* शीतल बूब भी उतरेगी चुनाव प्रचार में
गत रोज खापर्डे बगीचा परिसर स्थित न्यू आजाद गणेशोत्सव मंडल में आयोजित पत्रवार्ता में दिनेश बूब की पत्नी शीतल बूब भी मंच पर मौजूद थी. क्या वे भी चुनाव प्रचार अभियान में शामिल होगी. इस सवाल के जवाब में विधायक राजकुमार पटेल ने कहा कि, निश्चित तौर पर शीतल बूब को चुनाव प्रचार अभियान में शामिल किया जाएगा और वे महिला पदाधिकारियों व महिला मतदाताओं का नेतृत्व करेगी. इस समय विधायक पटेल ने जोर देकर कहा कि, वे शीतल बूब को विशेष तौर पर मेलघाट अंचल के ग्रामीण इलाकों के दौरे पर लेकर जाएंगे, ताकि मेलघाट के आदिवासियों को उनसे रुबरु कराया जा सके.

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