
* डॉ. बाबासाहब आंबेडकर प्रतिमा सौंदर्यीकरण समिति द्वारा डॉ. आंबेडकर की 134 वीं जयंती निमित्त सामूहिक अभिवादन कार्यक्रम
अमरावती /दि.15– भारतीय संविधान हमारे देश की नींव है. संविधान हमारे देश की नींव है. संविधान के बिना देश में लोकतंत्र टिक नहीं सकता. इस मंच के माध्यम से कई लोगों ने संविधान के प्रति अपने विचार व्यक्त कर इस सामाजिक मंच को एक वाद-विवाद स्पर्धा का स्थान बना दिया है. मैं इस विवाद से दूर रहना चाहता हूं. हमें केवल शहर तथा जिले के विकास को चालना देनी है. विगत 15 सालों से डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की 134 वीं जयंती निमित्त डॉ. बाबासाहब आंबेडकर प्रतिमा सौंदर्यीकरण समिति द्वारा इर्विन चौक सौंदर्यीकरण के लिए जमीन हस्तांतरण की मांग कर रहे हैं. इसके लिए मंच पर उपस्थित सभी जनप्रतिनिधि मिलकर जमीन हस्तांतरण के विवाद को मिटाकर डीपीसी के माध्यम से जमीन सौंदर्यीकरण के लिए हर संभव सहायता करने का आश्वासन सामूहिक अभिवादन कार्यक्रम के अध्यक्ष सांसद बलवंत वानखडे ने दिया.
स्थानीय डॉ. बाबासाहब आंबेडकर चौक परिसर में सोमवार को विश्वरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर प्रतिमा सौंदर्यीकरण समिति द्वारा डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की 134 वीं जयंती के उपलक्ष्य में सामूहिक अभिवादन तथा भारतीय संविधान के 75 वर्ष निमित्त कुछ प्रमुख धाराओं की जानकारी देती फलक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इस अवसर पर बतौर अध्यक्ष वे बोल रहे थे.
कार्यक्रम में जिलाधीश सौरभ कटियार उद्धाटक के रुप में उपस्थित थे. इसके अलावा पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख, विधायक सुलभा खोडके, संजय खोडके, सांसद डॉ. अनिल बोंडे, पूर्व लेडी गवर्नर कमलताई गवई, आरडीसी अनिल भटकर, सकाल के मुंबई स्थित संपादक राहुल गडपाले, तपोवन के अध्यक्ष डॉ. सुभाष गवई, तहसीलदार विजय लोखंडे, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता मिलिंद चिमोटे, एड. दिलीप एडतकर, जिजाउ ब्रिगेड की मयूरा देशमुख, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष भैय्या पवार, विश्वरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर प्रतिमा सौंदर्यीकरण समिति के समन्वयक किशोर बोरकर, एड. पी. एस. खडसे, वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. गोविंद कासट, गोपीचंद मेश्राम, समाधान वानखडे, रामेश्वर अभ्यंकर, राम पाटिल, शेखर भोयर, चरणदास इंगोले, सुधाकर गाडे, जयश्री देशमुख, डॉ. बी. आर. देशमुख, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. राजेंद्र गवई आदि प्रमुखता से उपस्थित थे. उद्घाटक जिलाधीश सौरभ कटियार ने कहा कि, विश्वरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के विचार हमारे लिएआदर्श, प्रेरणा और मार्गदर्शक हैं. भारतीय संविधान हमें हमेशा ही मार्गदर्शन करता है. जिसके आधार पर ही प्रशासन का कामकाज चलता है.
* संविधान का सम्मान नहीं करेंगे उन्हें सबक सिखाना है – डॉ. देशमुख
पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने कहा कि, विश्वरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की 134 वीं जयंती निमित्त इस मंच के माध्यम से फिर एक बार संविधान खतरे में है, इस बात को हम सुन रहे हैं. मैंने कुछ समय के लिए सोचा कि, क्या सच में संविधान खतरे में है या फिर हम केवल बोलबच्चन ही कर रहे हैं. तब एहसास हुआ कि, जब तक प्रशासन में रहने वाले अधिकारी ईमानदारी से लोकतंत्र को बचाने के लिए प्रयास नहीं करेंगे, तब तक लोकतंत्र और संविधान खतरे में ही रहेगा. विधिमंडल कानून बनाने के लिए निर्माण किया है. यहां किसी भी विधेयक को स्वीकारा या फिर नकारा जा सकता है. उसके बाद राज्यपाल और राष्ट्रपति को भेजे जाने की प्रक्रिया संविधान में लिखित है. लेकिन अब सरकार इस प्रक्रिया को तोडने की तैयारी कर रही है. अब राज्यपाल व राष्ट्रपति को संसद अथवा विधिमंडल के पारित किसी भी विधेयक पर तीन माह के भीतर फैसला लेना अनिवार्य किया है.
* संवैधानिक रुप से ही चल रहा देश – सुलभा खोडके
विधायक सुलभा खोडके ने कहा कि, जमीन हस्तांतरण व सौंदर्यीकरण के लिए विधायक संजय खोडके अवश्य प्रयास करेंगे. यह देश संविधान व उनके विचारों पर चलने वाला देश है. हम संविधान मे ंशामिल हर विचार को लोगों तक पहुंचाने के कार्य में समिति का साथ देंगे और सभी ने उनका साथ देना चाहिए. संविधान खतरे में नहीं है. देश आज भी संवैधानिक रुप से ही चल रहा है. हम सभी जनप्रतिनिधि हमेशा ही आपके साथ रहेंगे. यहां केवल और केवल कानून को महत्व है. जगह के सौंदर्यीकरण के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे. उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य तथा जिले में इतिहास रचा है. उन्होंने एक ही परिवार के दो लोगों को विधायक पद सौंपकर जो विश्वास व्यक्त किया है, उसे हमेशा बरकरार रखेंगे.
* …तब आयेगी आपको ‘बाप’ की याद – एडतकर
एड. दिलीप एडतकर ने कहा कि, समाज में दो वर्ग हैं. एक वर्ग विश्वरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की जयंती पर उन्हें पढकर लोगों तक विचारों का आदान-प्रदान करता है. दूसरा वर्ग केवल नाच-गाने में व्यस्त रहता है. अगर समाज को बचाना है तो हमें उस पठन कार्य करने वाले व्यक्ति को जीवित रखना होगा. इस देश में लोकतंत्र को बचाना है, तो संविधान को बचाना जरुरी है. वर्तमान में भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की होड लगी है. एक प्रकार से इसे संघराज्य बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए सर्वप्रथम संविधान को बदलना होगा. उस समय हमें जो भुगतना पडेगा, तब हमें अपने बाप ‘डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर’ की याद आयेगी, यह बात उन्होंने कही.
* डॉ. बोंडे की डॉ. देशमुख व एड. एडतकर को नसीहत
इस कार्यक्रम के मंच से सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने कांग्रेस के पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख व प्रदेश प्रवक्ता डॉ. दिलीप एडतकर को नसीहत दी. उन दोनों ने अपने विचारों की शुरुआत संविधान खतरे में किस प्रकार है, इस बात को बताने का प्रयास किया. डॉ. बोंडे ने भी इस मंच के माध्यम से एड. दिलीप एडतकर को डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की ‘पार्टेशन ऑफ इंडिया’ तथा डॉ. सुनील देशमुख को ‘कांग्रेस और गांधी ने अछूतों के लिए क्या किया?’ यह किताब जो डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के कांग्रेस के प्रति क्या विचार रहे, उसे पढने के लिए इन दोनों को भेंट स्वरुप देने की बात कही. जिसके कारण कार्यक्रम का माहौल और भी गर्माया था.
* समाज की एकता संग सामाजिक विकास जरुरी – संजय खोडके
विधायक संजय खोडके ने कहा कि, आज भारतीय संविधान के कारण धरती पुत्र भूषण गवई सुप्रीम कोर्ट के सरन्यायाधीश बने हैं. हम जनप्रतिनिधि के रुप में लोगों की सेवा कर पा रहे हैं. इस देश में कोई भी ताकत हमेें मतदान के अधिकार और लोकतंत्र से वंचित नहीं कर सकती. घबराने की आवश्यकता नहीं हैं, हम समविचारी लोग हैं. जो समाज का एकत्रीकरण कर सामाजिक विकास को बढ़ावा देने वाले लोग हैं. इसे ही सही मायनों में अधिक महत्व है. संविधान नहीं बदलेगा. मध्यकाल में जो घटनाएं हुई हैं, उसे देखते हुए जिस प्रकार विरोध किया गया वह स्वाभाविक था. लेकिन उससे संविधान के प्रति हमारा विश्वास कम नहीं होना चाहिए, जगह के सौंदर्याकरण के लिए अब हमें राजनीति नहीं करनी चाहिए, बल्कि डॉ. आंबेडकर के विचारों से प्रेरित होकर आगे बढ़ते हुए कार्य करना जरुरी है. सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने कहा कि में समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पहली बार मंचासीन हुआ हूं. यह कार्यक्रम किसी समाज विशेष, जाति या धर्म विशेष अथवा विचारों का नहीं है. यह सर्वसमावेशक डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जयंती का कार्यक्रम है. जिन्होंने न केवल भारतीय संविधान निर्माण में योगदान दिया, बल्कि भारत की नींव रखी है. आज पड़ोसी मुल्क जैसे पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, रशिया, जैसे कई देशों में अशांति का माहौल है, लेकिन भारत में संविधान ही है जो यहां शांति बनाये हुए है. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने जिन स्मारकों का निर्माण किया, फिर वह चैत्यभूमि हो या फिर दीक्षाभूमि हम उनका जतन नहीं कर पाये हैं. हमें उनकी विरासत का जतन करना चाहिए, संविधान खतरे में है, इस प्रकार का भाष्य इस मंच से हुआ है. लेकिन जब अछूतों के लिए क्या किया?’ यह किताब जो डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के कांग्रेस के प्रति क्या विचार रहे, उसे पढ़ने के लिए इन दोनों को भेंट स्वरुप देने की बात कही. जिसके कारण कार्यक्रम का माहौल और भी गर्माया था. समाज की एकता संग सामाजिक विकास जरूरी- संजय खोड़के किसी विधेयक पर राज्यपाल व राष्ट्रपति फैसला लेने में देरी करते हैं तो उन्हें भी अदालत के आदेश का पालन करना पड़ता है. हमारा संविधान क्लिष्ट है. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के विचार राष्ट्र विचार हैं. ऐसे व्यक्ति को भारतरत्न प्रदान करने में भी हमें देरी लगी है. अब हमें उनकी विरासत का जतन करना है. इसलिए पीएम मोदी ने पंचतीर्थ के लिए 1800 टन लोहा उपलब्ध करवाया है, यह बातें उन्होंने कही. कार्यक्रम की प्रस्तावना विश्वरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर प्रतिमा सौंदर्याकरर्ण समिति समन्वयक किशोर बोरकर ने रखी. उन्होंने चौक सौंदर्याकरण के लिए आवश्यक जगह का विवाद अब सुलझने की कगार रह है. यह कहते हुए इसके लिए अब जनप्रतिनिधियों का सहयोग जरूरी है, इस बात पर बल दिया. कार्यक्रम में इस वर्ष डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर कर्तव्यपूर्ति पुरस्कार निवासी उपजिलाधीश अनिल भटकर, जीवन संघर्ष पुरस्कार सकाल के मुम्बई निवासी संपादक राहुल गड़पाले तथा जीवन गौरव पुरस्कार से तपोवन के विदर्भ महारोगी सेवा मंडल अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. सुभाष गवई को प्रदान किया गया. इन सभी को स्मृतिचिन्ह, शाल, श्रीफल व पुष्पगुच्छ से सम्मानित किया गया. इस अवसर पर सभी ने समयोचित विचार व्यक्त किये. संचालन प्रा. जगदीश गोवर्धन ने तथा आभार गोपीचंद मेश्राम ने माना. कार्यक्रम का राष्ट्रगीत से समापन किया गया. इस अवसर पर उपस्थित मान्यवरों द्वारा राहुल तायडे व चंदू पाखरे की संगीतबद्ध गीत की कैसेट का विमोचन किया गया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बौद्ध अनुयायी उपस्थित थे.