परतवाड़ा/अचलपुर/दी.२४- तहसील में किसानों के खेत मे खड़ी तुअर फसल पर शीत लहर का असर दिखाई देने लगा है.लहलहाती तुअर की फसलों पर ओस के कारण संकट आ गया है.इस कारण किसानों में चिंता की लहर फैली हुई है.तुअर फसल पर रोग की रोकथाम करने के लिए कृषि विभाग से मार्गदर्शन की अपेक्षा की जा रही है.तहसील के अधिकांश किसानों ने तुअर की बुआई की है.जब फसल तैयार होकर उस पर फूल और फल्लियां लगने लगी तभी शीत लहर ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया.इससे तहसील और मेलघाट के कृषको में हताशा है.फसलो की स्थिति देखते हुए किसानों द्वारा सरकार से शीघ्र नुकसान भरपाई देने की मांग की जा रही है.
पिछले पंद्रह दिनों से खेतों में लहलहा रही तुअर की फसल अब सूखने की कगार पर है.बदरीले मौसम के कारण तुअर उत्पादक किसानों का भारी नुकसान होने की संभावना दिखाई दे रही है.इस वर्ष सोयाबीन,कपास फसल हाथ से निकल गई, इसलिए किसानों को तुअर से उम्मीद थी.किंतु मौसम में हुए बदलाव के कारण किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया.पंद्रह दिन से बदली छाये रहने से तथा कोहरा रहने से तुअर पर ओस के कारण रोगों का प्रकोप दिखाई दे रहा है.कोहरे के चलते जहां किसानों का आर्थिक नुकसान हुआ वही मौसम के बदले मिजाज के कारण किसानों को और ज्यादा घाटा सहन करने की नौबत आ चुकी है.सोयाबीन,उड़द,मूंग और कपास के साथ-साथ ही अब तुअर पर भी रोगराई आने लगी है.इससे भारी नुकसान की आशंका व्यक्त की जा रही है.तहसील के दर्याबाद के किसान अंसार के मुताबिक खेत मे तुअर की खड़ी फसल सूखने लगी है.किसान नितिन तायड़े कहते है कि उनके खेत मे फसल को देखने के बाद लगता है कि लागत खर्च भी बमुश्किल निकल पायेगा.
नुकसान ग्रस्त फसलो का सर्वे कर मुआवजा देने की मांग पथ्रोट परिसर में भी की जा रही है.किसानों की आंखों के सामने फसल सूखने से उनमें चिंता देखी जा रही है.तुअर व अन्य फसलों का सर्वे कर भरपाई देने की मांग पथ्रोट के कृषको ने सरकार से की है.जिन किसानों के पास सिंचाई सुविधा थी,उन्होंने तुअर को सूखने से बचाने के प्रयास किये है.बावजूद अधिकांश फसल सुख गई है.पथ्रोट के किसान संदीप लवाले ने बताया कि यदि ऐसी ही शीत लहर चली तो आधे से ज्यादा फसल सुख जाएंगी.कृषि अधिकारी के मुताबिक शीत लहर से ज्यादा अतिवर्षा और ओस के कारण फसल को नुकसान पहुंचा है.पथ्रोट के अधिकांश किसानों की स्थिति दयनीय हो चुकी है.लागत खर्च निकलना भी मुश्किल होने से मुआवजे की मांग की जा रही है.
कृषि अधिकारी के मुताबिक पिछले वर्ष तुअर फसल पर मर रोग का प्रादुर्भाव होने से किसानों को नुकसान हुआ था.खेत मे पुनः वही फसल बुआई करने से मर रोग की संभावना अधिक रहती है.तहसील में कितना नुकसान हुआ इसका निरीक्षण किया जा रहा है.