अमरावतीमहाराष्ट्र

विवाह का निमंत्रण भी अब सोशल मीडिया पर

अन्य प्रसंगों के निमंत्रण प्रत्यक्ष देने का दौर बीता

अमरावती/दि. 28– घर के मंगल प्रसंगों में निमंत्रण की हमारी परंपरा रही है. कि हम प्रत्यक्ष जाकर वह निमंत्रण दें. समय के साथ यहां भी बदलाव हो गया है. प्रत्यक्ष निमंत्रण देने का दौर बीत गया है. अब सोशल मीडिया के माध्यम से ऑनलाइन पत्रिका भेजी जा रही है. जिससे पुस्तप्रेष और अन्य कई शब्द आज की पीढी को ज्ञात भी न होंगे.
यह था दौर
घर में विवाह या कोई भी मांगलिक कार्य रहने पर सबसे महत्वपूर्ण कार्य निमंत्रण देने का रहता. उसकी सूची बनाने के बाद प्रत्येक को निमंत्रण पहुंचाना दुष्कर कार्य होता किंतु इसी कार्य को संपूर्ण जिम्मेदारी से पूर्ण किया जाता.
ऑनलाइन दौर से पहले
ऑनलाइन का दौर आने से पहले दुकान पर जाकर निमंत्रिका का चयन और उसमें परिवार के सभी के नाम युक्त निमंत्रण का मुद्रण करवाया जाता. फिर पोस्ट से बाहर गांव के निमंत्रण सबसे पहले भेजे जाते. इसमें ही काफी समय लग जाता. किंतु परंपरा को कायम रखने के लिए पहली पत्रिका घर के इष्ट के नाम लिखी जाती. इसके लिए कुमकुम और अक्षद की व्यवस्था पहले की जाती. पत्रिका में महिलाओं का भी निमंत्रण स्वीकार करने की पंक्ति भी समय के साथ जोडी गई थी. बच्चों की बाल मनुहार छापने का भी दौर रहा.
ऑनलाइन से पैसे, समय की बचत
ऑनलाइन निमंत्रण अपनाने के पीछे वैसे तो अनेक कारण दिए जाते हैं. किंतु सबसे महत्वपुर्ण समय की बचत मानी जा रही है. उस गांव देहात तक जाने की आवश्यकता अब नहीं रही. प्रत्यक्ष सोशल मीडिया पर निमंत्रण भेजा जाता है. बहुत हुआ तो एक फोन कॉल कर दी जाती है. यह परिपाटी अब हर कोई स्वीकार भी कर रहा है. सोशल मीडिया पर देने लायक निमंत्रण विशेष रुप से तैयार किए जा रहे हैं.

 

Back to top button