अमरावती/दि.5 – इस वर्ष कोरोना की बंदिशे हटने के चलते शादियों में धूमधाम रहेगी. चैत्र प्रतिपदा से फाल्गुन अमावस्या ऐसी प्राचीन वार्षिक कालगणना है. गुढी पाडवा से शुरु हुए नववर्ष में विवाह के 89 मुहूर्त है. इनमें शुद्ध शास्त्र अनुसार 62 तथा चातुर्मास काल के आपातकालीन 27 मुहूतों का समावेश है.
विगत 2 वर्षों से कोरोना निर्बंधों के कारण विवाह समारोह पर कई प्रकार के निर्बंध थे. कुछ लोगों की उपस्थिति में ही विवाह समारोह संपन्न कराने पडे. लेकिन अब सभी प्रकार के निर्बंध हट गये है. जिससे विवाह समारोह में बडी संख्या में लोग शामिल हो पाएंगे. इसी प्रकार आयोजन पर किसी भी प्रकार की बंदिशे नहीं रहने से भव्य स्वरुप में विवाह समारोह का आयोजन किया जा सकता है.
* उपनयन संस्कार विधि के 47 मुहूर्त
भारतीय प्राचीन आश्रम व्यवस्था में से पहले ब्रम्हचर्य आश्रम (विद्यार्थी दशा) में प्रवेश करते वक्त उपनयन संस्कार (मुंज) महत्वपूर्ण माना जाता है. इस उपनयन संस्कार विधि के कुल 47 मुहूर्त नववर्ष मेें है. इनमें से 22 मुहूर्त यह आपातकालीन है. ऐसा जोतिषाचार्य डॉ. अनिल वैद्य ने बताया.
* शुद्ध शास्त्र अनुसार विवाह मुहूर्त
चैत्र से आषाढ मास तक
अप्रैल 15,17,21,24,25 (5 दिन)
मई 4,10,13,14,16,18,20,21,22,25,26,27 (12 दिन)
जून 1,6,8,10,13,14,15,16,18 (9 दिन)
जुलै 3,5,6,7,8,9 (6 दिन)
* मार्गशीष से फाल्गुन तक के मुहूर्त
नवंबर 25,26,28,29 (4 दिन)
दिसंबर 2,4,8,9,14,17,18 (8 दिन)
जनवरी 18,26,27,31 (4 दिन)
फरवरी 6,7,10,11,14,16,23,24,27,28 (10 दिन)
मार्च 9,13,17,18 (4 दिन)
* चातुर्मास काल के आपातकालीन मुहूर्त
जुलै 14,15,31 (3 दिन)
अगस्त 3,4,7,9,10,15,16,20,21,29 (10 दिन)
सितंबर 7,8,27,30 (4 दिन)
अक्टूबर 6,9,10,11,21,31 (6 दिन)
नवंबर 5,6,10,17 (4 दिन)
* उपनयन संस्कार मुहूर्त
अप्रैल 3,6,11,13,21 (5 दिन)
मई 5,6,11,18,20 (5 दिन)
जून 1,6,16 (3 दिन)
जनवरी 26,31 (2 दिन)
फरवरी 8,10,22,24 (4 दिन)
मार्च 1,3,9 (3 दिन)
* चातुर्मास काल के मुहूर्त
जुलै 1,4,15,18 (4 दिन)
अगस्त 3,7,14,16,29 (5 दिन)
सितंबर 6,27,30 (3 दिन)
अक्टूबर 5,11,30 (3 दिन)
नवंबर 3,13,14,28 (4 दिन)
दिसंबर 2,4,27 (3 दिन)
जनवरी 1,9,12 (3 दिन)