अधिक मास से टली शादियां इस साल 50 मुहूर्त , 29 गोरज
अमरावती/दि.10– इस साल 18 जुलाई से अधिक मास की शुरूआत हुई. जो 16 अगस्त को समाप्त हुआ. अधिक मास को पुरूषोत्तम मास कहते है. पुरूषोत्तम मतलब भगवान विष्णु. इस मास में भगवान विष्णु की आराधना की जाती है. इसलिए विवाह, मुंज, वास्तुपूजन नहीं किया जा सकता. होम हवन, जप, कीर्तन, भजन से भगवान विष्णुजी की आराधना करनी पडती है. अधिक मास के कारण इस बार त्यौहार, उत्सव भी आगे बढ गये. नवंबर की शुरूआत में आमतौर पर विवाह समारोह शुरू हो जाते है. अधिक मास के कारण इस साल विवाह मुहूर्त नवंबर के अंत में निकले है. पंचांग के अनुसार 5 अप्रैल तक विवाह के मुहूर्त है.
* अधिक मास से आगे बढे मुहूर्त:
अधिक मास में विवाह, वास्तु, मुंज के कार्य नही होते है. होमहवन जप द्बारा भगवान विष्णु की आराधना करनी पडती है. अधिक मास के कारण जैसे त्यौहार और उत्सव आगे बढ गये है, वैसे ही विवाह मुहूर्त भी आगे बढे है.
* 27 नवंबर से 50 मुहूर्त : तुलसी के विवाह के बाद समारोह की शुरूआत होती है. 27 नवंबर से 5 अप्रैल तक 50 विवाह मुहर्तू हैं. नवंबर में 3, दिसंबर में 10, जनवरी में 12, मार्च 9 व अप्रैल महीने में 4 विवाह मुहूर्त हैं.
* गोरज मुहूर्त
27 नवंबर से विवाह समारोहोें की शुरूआत होगी. पहला ही मुहूर्त गोरज है. नवंबर में 2, दिसंबर में 5, जनवरी में 10, फरवरी में 7, मार्च में 4 और अप्रैल में 2 मुहूर्त है.
किसी महीने में कितने मुहूर्त ?
नवंबर : 27, 28, 29
दिसंबर : 6,7, 8, 14, 15, 17, 20, 21, 25, 31
जनवरी : 2,3,4,5, 6, 8, 17, 22,27, 28, 30, 31
फरवरी : 1, 4, 6, 12, 13, 14, 17, 18, 26, 27, 28, 29
मार्च : 3,4, 6, 11, 16, 17, 26, 27, 30
अप्रैल: 1,3,4, 5
पंचाग के अनुसार आषाढी एकादशी विवाह का अंतिम मुहूर्त रहता है. इसके बाद विवाह मुहूर्त कार्तिक एकादशी के बाद शुरू होते है. वर्ष 2023 के पंचांग के अनुसार 27 नवंबर से विवाह मुहूर्त है. 5 अप्रैल तक पंचांग में मुहूर्त दिए गए हैं. इसके अनुसार विवाह योग्य युवक-युवतियों की लग्न पत्रिका मिलाकर मुहूर्त निकाले.