बुधवार रहा जारी मौसम का सबसे सर्द दिन
न्यूनतम तापमान दर्ज हुआ 10 डिग्री सेल्सियस
* विगत 5 वर्षों में गत रोज रहा सबसे कम तापमान
* कडाके की ठंड से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त
* अगले कुछ दिनों में और बढ सकता है ठंड का कहर
अमरावती/दि.12 – इस समय तापमान बडी तेजी के साथ नीचे की ओर लुढक रहा है और कडाके की ठंड भी पड रही है. वहीं गत रोज अमरावती शहर में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो जारी सीजन के साथ-साथ विगत 5 वर्षों के दौरान सबसे कम तापमान रहा. इसके चलते बुधवार 11 दिसंबर को जारी मौसम के साथ ही विगत 5 वर्षों के दौरान सबसे सर्द दिन कहा जा सकता है. ऐसे में कल पूरा दिन लोगबाग गर्म कपडे ओढे व पहने दिखाई दिये. साथ ही शाम ढलते ही जगह-जगह पर अलाव भी जलने लगे. इस समय पड रही कडाके की ठंड के चलते आम जनजीवन पहले ही काफी अस्त-व्यस्त हो चला है. वहीं अब स्थानीय मौसम विज्ञानी प्रा. अनिल बंड ने अनुमान जताया है कि, आगामी कुछ दिनों के दौरान ठंड का प्रमाण और भी अधिक बढ सकता है तथा तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि, इन दिनों ठंड का प्रमाण इतना जबर्दस्त है कि, दिन के समय स्वेटर व मफलर जैसे गर्म कपडों का प्रयोग करना पड रहा है. साथ ही साथ रात के समय शरीर को गर्म रखने हेतु एक से अधिक कंबलों का प्रयोग भी करना पड रहा है. इसके अलावा सर्दियों के मौसम में त्वचा नर्म रहे इस हेतु बॉडी लोशन व कोल्ड क्रिम जैसे सौंदर्य प्रसाधनों की विक्री बढ गई है. साथ ही साथ विगत 3 दिनों के दौरान पारा तेजी से नीचे की ओर लुढकने के चलते कांदे भजीये, मूंग पकोडे, वडे तथा चाय व काफी जैसे गर्मागर्म खाद्य पेय की पदार्थों की मांग बढ गई है. इसके अलावा इन दिनों शहर में स्वेटर, जैकेट व मफलर विके्रताओं के दुकानों पर भी गर्म कपडों की खरीदी के लिए लोगों की अच्छी खासी भीड देखी जा रही है.
* 11 जनवरी 2011 को दर्ज हुआ था सबसे कम तापमान
4.9 डिग्री सेल्सियस तक लुढक गया था पारा
याद दिला दे कि, 11 जनवरी 2011 अमरावती शहर के इतिहास ेमें सबसे सर्द दिन के तौर पर दर्ज है. उस दिन संभागीय आयुक्त कार्यालय परिसर स्थित जलविज्ञान प्रकल्प विभाग के तापमान मापक यंत्र ने आश्चर्यजनक तरीके से शहर का तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया था. इस प्रकल्प में रोजाना ही अमरावती शहर के अधिकतम व न्यूनतम तापमान की जानकारी दर्ज की जाती है. जिसके लिए यहां पर स्वतंत्र वेधशाला व प्रयोगशाला है. इसके साथ ही मोर्शी रोड स्थित शिवाजी कृषि महाविद्यालय में भी रोजाना शहर के अधिकतम व न्यूनतम तापमान की जानकारी दर्ज की जाती है. साथ ही साथ भारतीय मौसम विभाग द्वारा सैटेलाइट के जरिए तापमान की स्थिति व जानकारी को दर्ज किया जाता है. इन तीनों स्त्रोतों द्वारा दर्ज किये जाने वाले तापमान के आंकडों में एक से डेढ डिग्री सेल्सियस का अक्सर ही फर्क रहता है. जिसके चलते जहां गत रोज शिवाजी कृषि महाविद्यालय के तापमान मापक यंत्र ने शहर का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया. वहीं जलविज्ञान प्रकल्प में 11.4 डिग्री सेल्सियस व भारतीय मौसम विभाग में 12.5 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज होने की जानकारी है.
* फिलहाल शालाओं के समय में कोई बदलाव नहीं
शहर सहित जिले के तापमान में तेजी से कमी आने के बावजूद भी फिलहाल सुबह के सत्र वाली शालाओं के समय में कोई बदलाव नहीं किया गया है, ऐसी जानकारी जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीता महापात्रा द्वारा दी गई. उल्लेखनीय है कि, सुबह की सत्र वाली शालाएं सुबह 7.30 बजे से शुरु होती है और इस सत्र के समय नर्सरी यानि बालक मंदिर से कक्षा 4 थीं तक के बच्चे स्कूल जाकर पढाई करते है. ऐसे में कडाके की ठंड वाले समय में इन बच्चों सहित उनके अभिभाकों को काफी तकलीफों का सामना करना पड रहा है. बावजूद इसके जिला प्रशासन व जिप के शिक्षा विभाग ने सुबह के वक्त शालाओं के टाइम-टेबल में बदलाव का कोई निर्णय नहीं लिया है.
* इस समय हिमालय क्षेत्र में चल रही बर्फबारी के चलते उत्तर की ओर से जिले में ठंडी हवाएं आ रही है. जिसकी वजह से तापमान में गिरावट आयी है. साथ ही अगले कुछ दिनों में तापमान के 10 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे लुढकने की संभावना है. तापमान में हो रही गिरावट तुअर, हरभरा व संतरे की फसलों के लिए पोषक है. लेकिन यदि मौसम ज्यादा ही सर्द होता है, तो फिर किसानों को कुछ अलग नियोजन करना पड सकता है.
– प्रा. अनिल बंड,
मौसम व कृषि विशेषज्ञ,
श्री शिवाजी कृषि महाविद्यालय.
* चिखलदरा में दूसरे दिन भी 7 डिग्री सेल्सियस तापमान
विदर्भ नंदनवन कहे जाते चिखलदरा शहर सहित परिसर में लगातार दूसरे दिन भी कडाके की ठंड का असर बना रहा. मंगलवार को 6 डिग्री सेल्सियस रहने वाला न्यूनतम तापमान बुधवार को 7 डिग्री सेल्सियस रहा. जिसके चलते पूरा परिसर कडाके की सर्द की चपेट में दिखाई दिया और दिनभर लोगबाग गर्म कपडे ओढे व पहने रहे. साथ ही शाम ढलते ही इस पर्वतीय अंचल में जगह-जगह पर अलाव भी जलते दिखाई दिये, ताकि वातावरण को गर्म रखा जा सके.
* समूचा विदर्भ क्षेत्र शीतलहर की चपेट में
इसके साथ ही विदर्भ क्षेत्र के सभी जिलों में विगत दो दिनों से न्यूनतम तापमान तेजी के साथ नीचे की ओर लुढक रहा है और विदर्भ क्षेत्र का औसत न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे है. ऐसे में पूरा विदर्भ क्षेत्र कडाके की सर्दी की चपेट में कहा जा सकता है. उल्लेखनीय है कि, नवंबर माह के अंत में ठंड ने अपना असर दिखाना शुरु किया था. लेकिन दिसंबर माह के प्रारंभ में फेंगल चक्रवात के असर की वजह से ठंड का असर घट गया था. वहीं फेंगल चक्रवात के गुजर जाते ही अब एक बार फिर ठंड ने पाव पसारने शुरु कर दिये है. वहीं हिमालय क्षेत्र में हो रही बर्फबारी तथा उत्तर की ओर से आ रही सर्द हवाओं की वजह से ठंड ने जबर्दस्त इजाफा हुआ है.
गत रोज गोंदिया में न्यूनतम तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो समूचे विदर्भ क्षेत्र में सबसे कम रहा. इसके साथ ही नागपुर व वर्धा में 10 डिग्री, गडचिरोली में 10.4 डिग्री, ब्रह्मपुरी में 12.1 डिग्री तथा भंडारा में 11.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज होने की जानकारी है. साथ ही साथ विदर्भ क्षेत्र से अन्य जिलों में भी 12 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान दर्ज किया गया है.