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राज्य में फिर लग सकता है वीक एन्ड लॉकडाउन

शनिवार व रविवार को सबकुछ बंद रखने का लिया जा सकता है फैसला

* डेप्युटी सीएम अजीत पवार ने की टास्क फोर्स के साथ बैठक

* कडे प्रतिबंध लागू करने पर किया गया विचार-विमर्श

* मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद होगा फैसले पर अमल

* स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने दी जानकारी

मुंबई/दि.5- राज्य में इन दिनों जिस रफ्तार से कोविड संक्रमितोें की संख्या बढ रही है और ओमिक्रॉन संक्रमित मरीज भी सामने आ रहे है. उसे देखते हुए हालात को नियंत्रित करने हेतु आवश्यक उपायों पर विचार-विमर्श करने के लिए राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार द्वारा आज राज्य टास्क फोर्स में शामिल मंत्रियोें व स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ मुंबई स्थित अपने कार्यालय में बैठक की गई. इस बैठक के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मीडिया के साथ संवाद साधते हुए बताया कि, टास्क फोर्स द्वारा शत-प्रतिशत लॉकडाउन की बजाय ऑग्युमेंटेड रिस्ट्रीक्शन लागू करने की सलाह दी गई है. इसके तहत अब जीन बातों की वजह से दैनिक जनजीवन में कोई खास फर्क नहीं पडता, ऐसी अनावश्यक बातों व चीजों को बंद करने के बारे में चर्चा की गई. साथ ही साथ हालात को नियंत्रित करने हेतु कुछ कडे प्रतिबंधों को लागू करने के बारे में भी विचार-विमर्श किया गया. किंतु अभी इसे लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, बल्कि इसके संदर्भ में राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे द्वारा अंतिम निर्णय लिया जायेगा.
स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे द्वारा दी गई जानकारी के चलते यह संकेत मिल रहे है कि, संभवत: राज्य में एक बार फिर वीक एन्ड लॉकडाउन लागू किया जा सकता है. जिसके अनुसार शनिवार व रविवार को राज्य में बेहद कडे बंद का पालन करवाया जायेगा और वीक एन्ड लॉकडाउन के दौरान बाग-बगीचे, चौपाटी व धार्मिक स्थलों को पूरी तरह से बंद रखने के साथ ही शनिवार व रविवार को धार्मिक, सामाजिक व राजनीतिक कार्यक्रमोें के आयोजन पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा. इसके अलावा सोमवार से शुक्रवार के दौरान रोजाना रात 10 से दूसरे दिन सुबह 5 बजे तक रात्रिकालीन संचारबंदी लागू रहेगी. साथ ही स्कुल, कॉलेज व पर्यटन स्थल जैसे परिसरों में पूरा समय जमावबंदी का आदेश लागू किया जा सकता है.
डेप्यूटी सीएम अजीत पवार के मंत्रालय स्थित कक्ष में आयोजीत बैठक में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, मुख्य सचिव देवाशिष चक्रवर्ती, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. प्रदीप व्यास, वित्त विभाग के प्रधान सचिव राजगोपाल देवरा, राहत व पुनर्वसन विभाग के प्रधान सचिव असीमकुमार गुप्ता, वैद्यकीय शिक्षा विभाग के सचिव सौरभ विजय, राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के संचालक तथा स्वास्थ्य सेवा आयुक्त एन. रामास्वामी उपस्थित थे. साथ ही इस बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोविड टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. संजय ओक एवं सदस्य डॉ. शशांक जोशी, डॉ. राहुल पंडित व डॉ. अजीत देसाई ने भी हिस्सा लिया. इस बैठक में कोविड संक्रमण की दुबारा बढती रफ्तार पर चिंता व्यक्त करने के साथ ही कोविड के गंभीर लक्षण रहनेवाले मरीजों को अस्पताल में भरती करने हेतु बेड की व्यवस्था उपलब्ध करने तथा सौम्य लक्षणवाले मरीजों को होम आयसोलेशन में रखते हुए प्रशासन द्वारा उन पर नजर व संपर्क रखने के संदर्भ में आवश्यक दिशानिर्देश जारी किये गये. साथ ही कोविड सेंटर, कोविड हेल्थ सेंटर व कोविड अस्पताल को चुस्त-दुरूस्त करते हुए वहां पर मरीजोें के इलाज हेतु आवश्यक सुविधाओें और दवाईयों की आपूर्ति भी सुचारू ढंग से उपलब्ध कराने पर चर्चा की गई.
* आरटीपीसीआर के साथ ही रैपीड एंटीजन टेस्ट पर भी जोर
इस बैठक में बताया गया कि, इन दिनोें बडी तेजी से कोविड टेस्टिंग की संख्या भी बढाई जा रही है, ताकि अधिक से अधिक संक्रमितों को खोजा जा सके. ऐसे में केवल आरटीपीसीआर टेस्ट पर ही निर्भर रहकर काम नहीं चल सकता. इस बात के मद्देनजर रैपीड एंटीजन टेस्ट भी की जायेगी और किऑस्क पध्दति से की जानेवाली रैपीड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट पॉजीटीव आने के बाद आरटीपीसीआर टेस्ट करवाने की जरूरत भी नहीं रहेगी. साथ ही रैपीड एंटीजन टेस्ट के जरिये पॉजीटीव आनेवाली रिपोर्ट की जानकारी को भी कोविन पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा.
* हर एक का टीकाकरण पूरी तरह अनिवार्य
इस बैठक में हुई चर्चा के बारे में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने बताया कि, कोविड संक्रमण की तीसरी लहर से बचे रहने हेतु राज्य में हर एक व्यक्ति का कोविड टीकाकरण करवाया जाना पूरी तरह से अनिवार्य किया गया है. ऐसे में अब जिसे जो भाषा समझ आती है, उसे उस भाषा में समझाकर उसका टीकाकरण अनिवार्य तौर पर किया जायेगा. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि, अब कोविड संक्रमित व्यक्ति के कोरोेंटाईन की अवधि को अधिकतम सात दिन तय किया गया है और इस अवधि के पूर्ण होने के बाद दुबारा कोविड टेस्ट करने की जरूरत भी नहीं रखी गई है.
* दवाईयों व ऑक्सिजन का स्टॉक भरपुर
इसके अलावा फेविपिराविर तथा मोनोपिराविर नामक दो प्रभावी औषधों का भी भरपुर स्टॉक उपलब्ध करा लिया गया है, ताकि ऐन समय पर किसी भी तरह की कोई दौडभाग न होने पाये. यह जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि, गंभीर स्थिति में रहनेवाले संक्रमित मरीजों के इलाज हेतु पर्याप्त मात्रा कृत्रिम ऑक्सिजन उपलब्ध कराने के भी तमाम इंतजाम किये जा चुके है.

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